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प्लास्टिक पर सिर्फ बैन लगाने से काम नहीं चलेगा

८ जून २०१८

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट कहती है कि सरकारें प्लास्टिक पर बैन तो लगा देती हैं, लेकिन उसके अमल पर ठीक से ध्यान नहीं दिया जाता, इसलिए बैन के बावजूद कुछ नहीं बदलता.

Greenpeace-Protest vor dem G7-Gipfel in Kanada
तस्वीर: © David Kawai / Greenpeace

विश्व पर्यावरण दिवस पर जारी संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि मोरक्को, रवांडा और चीन के कुछ हिस्सों में प्लास्टिक की थैलियों के इस्तेमाल को सीमित करने के लिए बने नियमों का काफी फायदा हुआ है, जबकि बाकी जगहों पर कुछ खास नहीं बदला है.

रिपोर्ट के मुताबिक भारत की राजधानी नई दिल्ली में डिस्पोजेबल प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी, लेकिन इसका बहुत ही कम असर देखने को मिला क्योंकि उसे "ठीक से लागू नहीं किया गया". पिछले दस साल के दौरान दिल्ली में कई बार पॉलिथीनों का इस्तेमाल रोकने की कोशिश की गई है. हाल में पॉलिथीन के इस्तेमाल पर भारी जुर्माना लगाने का एलान भी किया गया. बावजूद इसके आप दिल्ली में हर जगह पॉलिथीन इस्तेमाल होते देख सकते हैं.

आप कुछ भी खरीदें, दुकानदार आपको पॉलिथीन में वह सामान थमा देता है. सड़कों पर भी प्लास्टिक कचरा बिखरा दिखता है. हालांकि भारत में ही सिक्किम और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पॉलिथीन बैन के बेहतर नतीजे देखने को मिले हैं.

प्लास्टिक नहीं, ये इस्तेमाल करें

संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण प्रमुख एरिक जोलहाइम कहते हैं, "प्लास्टिक से होने वाला प्रदूषण हर जगह एक बड़ी समस्या है." उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत की सराहना की.

उनका कहना है कि भारत में यात्रा करते हुए उन्होंने कुछ बहुत ही "सुंदर जगहें देखी, जो प्लास्टिक प्रदूषण के कारण बर्बाद हो रही हैं". वह कहते हैं, "तो समस्या बड़ी है लेकिन बदलाव करने के लिए क्षमता भी बड़ी है."

संयुक्त राष्ट्र ने प्लास्टिक पर बैन को प्रभावी बनाने के लिए कई सिफारिशें भी पेश की हैं, जिनमें उद्योगों की तरफ से सहयोग को प्रोत्साहित करने से लेकर उन्हें कुछ इंसेंटिव देना भी शामिल है. रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर में हर साल 5 ट्रिलियन प्लास्टिक बैग इस्तेमाल होने का अनुमान है.

सूखे की आशंका वाले साइप्रस में वहां के राष्ट्रपति ने कहा है कि वह चाहते हैं कि उनका देश जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भूमध्यसागर और मध्य पूर्व के देशों के प्रयासों में समन्वयक की भूमिका निभाए. राष्ट्रपति निकोस अनासतासियादेस ने साइप्रस के अधिकारियों से कहा है कि दुनिया के इस हिस्से में साइप्रस को बड़ी भूमिका अदा करनी चाहिए जहां जलवायु परिवर्तन से ज्यादा खतरा है.

एके/ओएसजे (एपी)

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