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प्लेबॉय के कवर पर पहली तुर्क महिला

२३ अप्रैल २०११

पहली बार तुर्क मूल की किसी जर्मन महिला को प्लेबॉय के कवर पर जगह मिली है. सिला साहिन नाम की यह महिला इन तस्वीरों को क्रांतिकारी और बाकी लड़कियों के लिए सीख लेने वाला मानती हैं. वहीं तुर्क उनसे बेहद नाराज हैं.

तस्वीर: Sacha Höchstetter für Playboy 05/2011

जर्मन समाज में तुर्क मूल के लोगों को शामिल करने की बहस कोई नई नहीं है, लेकिन तुर्क मूल की महिला की तस्वीरों के प्लेबॉय में छपने से इस बहस को अब एक नया मोड़ मिल गया है. 25 वर्षीय अभिनेत्री सिला साहिन की तसवीरें प्लेबॉय के इस हफ्ते के जर्मन संस्करण में छपी हैं.

चे ग्वेरा जैसा महसूस कर रही हूं

जर्मनी में रह रहे तुर्क सिला के इस कदम से बेहद नाराज हैं, लेकिन सिला इसे अपनी एक बड़ी उपलब्धी मानती हैं. प्लेबॉय को दिए एक इंटरव्यू में सिला ने कहा, "मुझे चे ग्वेरा जैसा महसूस हो रहा है." तुर्क समुदाय को जर्मनी में पिछड़ा और रूढ़िवादी माना जाता है. उन्हें हिजाब से जोड़ कर देखा जाता है. वहीं तुर्क जर्मन लोगों के आधुनिक विचारों को अनैतिक मानते हैं. यही वजह है कि कई दशकों से जर्मनी में रहने के बाद भी तुर्क जर्मन समाज का हिस्सा नहीं बन पाएं हैं.

तस्वीर: picture alliance/rtn - radio tele nord

सिला मानती है कि प्लेबॉय का हिस्सा बन कर उन्होंने बाकी तुर्क लड़कियों को एक सीख दी है कि वो भी खुद को मुक्त कर सकें, "इन तस्वीरों से मैं लड़कियों से यह कहना चाहती हूं कि हमें अपने पर थोपे गए नियमों के अनुसार जीने की कोई जरूरत नहीं है...सालों तक मैंने खुद को दबने दिया और मैं वही करती रही जो दूसरों को लगता था कि मेरे लिए ठीक है...लेकिन यह फोटो शूट मेरे लिए मुक्ति देने वाला था."

जर्मनी में सिला की तस्वीरों पर मिली जुली प्रतिक्रया है. फेसबुक पर किसी ने लिखा, "मेरे ख्याल से यह तसवीरें बहुत अच्छी है और तुमने जो किया है उस से मेरी नजरों में तुम्हारे लिए इज्जत बहुत बढ़ गई है. आखिरकार कोई तो ऐसा है जिसने इतनी हिम्मत दिखाई." वहीं तुर्क समुदाय के अधिकतर लोग सिला से नाराज हैं. उन्होंने इन तस्वीरों को शर्मनाक बताया है और कहा है कि किसी भी मुस्लिम या तुर्क महिला से ऐसी हरकत की उम्मीद नहीं की जा सकती.

तस्वीर: Max-Elmar Wischmeyer für Playboy 05/2011

जर्मन तुर्क नाराज

सिला ने बताया कि उसकी मां ने भी उस से बात करना बंद कर दिया है. जर्मनी के बॉन शहर में कबाब की दुकान चलाने वाले तुर्क फुरकन से जब पूछा गया कि सिला अगर उनकी बहन या बेटी होती तो वो क्या करते, तो उन्होंने कहा, "मैं उसे जान से मार डालता. अगर मुझे उसकी ऐसी तसवीरें देखने को मिलती तो मैं उसकी जान ले लेता. मैं इन संस्कारों के साथ नहीं पला हूं. मेरी संस्कृति में यह गलत है."

वहीं ट्विटर पर किसी ने लिखा, "आखिरकार 'समेकन' शब्द को एक नई परिभाषा मिल गई है. अगर आप अपने कपड़े उतार देते हैं और अपना अंगप्रदर्शन करते हैं, तो आप जर्मन समाज का हिस्सा हैं. तुम्हारा शुक्रिया सिला साहिन!"

तस्वीर: picture alliance/ZB

बर्लिन यूनिवर्सिटी में जाती, लिंग और इस्लाम की विशेषज्ञ प्रोफेसर गोएक्से युर्दकुल मानती हैं कि सिला वही कर रही है जो जर्मन समाज उनसे करवाना चाह रहा है, उसे लगता है कि इस तरह से वो लिबरेट हो सकती है, "मुझे लगता है कि तुर्क समाज के प्रतिनिधि के तौर पर नहीं देखना चाहिए. वो एक स्वतंत्र महिला है, जो अपने लिए यह सब कर रही है, किसी की बेटी या किसी समुदाय का हिस्सा बन कर नहीं. वैसे भी वो एक फिल्म स्टार बनना चाहती है, वो चाहती है कि जर्मनी में लोग उस पहचानें और जर्मनी में तो लोग यही सब खरीदते हैं."

रिपोर्ट: होली फॉक्स/ईशा भाटिया

संपादन: एन रंजन

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