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फटाफट: एक नजर दुनिया पर

१३ जुलाई २०१६

क्या रहीं आज की खास खबरें. एक नजर दुनिया भर की सारी बड़ी खबरों पर.

China Soldaten im Südchinesischen Meer - Xisha Islands
तस्वीर: Reuters

1. साउथ चाइना सी पर चीन चलाएगा मर्जी

अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के निर्णय को दरकिनार करते हुए चीन का विवादित साउथ चाइना सी इलाके में अपनी उपस्थिती और मजबूत करने का इरादा है. कोर्ट ने इस विवादित इलाके पर चीन के आधिपत्य का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं पाया है. हेग के इस ट्राइब्यूनल के फैसले को ना मानते हुए बीजिंग ने विवादित समुद्री इलाके के ऊपर के हवाई क्षेत्र को भी अपना एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन घोषित करने की बात कही.

2. तुर्की बेस से जर्मन सेना को हटाने की बात

तस्वीर: picture alliance/dpa/Bundeswehr/J. Ohk

जर्मनी ने कहा है कि अगर अंकारा जर्मनी सांसदों को तुर्की के इनसर्लिक एयरबेस में जाने से रोकेगा तो बर्लिन वहां तैनात अपनी सेना को हटा लेगा. दोनों नाटों सदस्य देशों जर्मनी और तुर्की के बीच पहली बार इतने साफ तौर पर बढ़ते तनाव के लक्षण देखे जा सकते हैं. अंकारा को जर्मन संसद में जून में पास हुए एक प्रस्ताव से नाराजगी है, जिसमें 1915 में ओटोमन बलों द्वारा अर्मेनियन लोगों की हत्या किए जाने को जनसंहार माना गया.

3. यूके की नई प्रधानमंत्री को कैमरन की सलाह

तस्वीर: TV Out/via Reuters

यूके के प्रधानंत्री डेविड कैमरन ने अपनी जगह लेने वाली थेरेसा मे को सलाह दी है कि वे ईयू छोड़ने के फैसले के बावजूद, यूरोपीय संघ के करीब रहें. थेरेसा मे को एक बेहतरीन मध्यस्थ के रूप में जाना जाता है. यूरोपीय संघ के साथ बातचीत कर यूके के हितों को सुनिश्चित करने में उनकी अहम भूमिका मानी जा रही है.

4. जर्मनी में नया 'मिलिट्री रोडमैप' पेश

तस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Settnik

जर्मन रक्षा मंत्रालय ने देश की अपनी सुरक्षा नीति पर श्वेत पत्र पेश किया है. इसमें वर्तामान और भविष्य में पैदा होने वाली सुरक्षा और मानवीय चुनौतियों से निपटने में जर्मनी के जिम्मेदारी लेने और मदद पहुंचाने में बड़ी भूमिका लेने और नेतृत्व करने की बात लिखी है. फिलहाल यूरोप ब्रेक्जिट रेफरेंडम के सदमे से निकलने की कोशिश कर रहा है और रूस की ओर से भी सावधान रहना चाहता है. 2006 में पेश हुई पिछली पॉलिसी के समय रूस एक अहम पार्टनर था और सीरिया, लीबिया जैसे देशों में गृह युद्ध नहीं छिड़ा था. और ना ही शरणार्थी या इस्लामिक स्टेट का संकट था.

5. ऑस्ट्रिया सीज करेगा हिटलर का जन्मस्थान

तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Röder

ऑस्ट्रियन सरकार का सिरदर्द बन चुका हिटलर का घर अब सरकारी संपत्ति होगा. एक विधेयक लाकर सरकार ने अडोल्फ हिटलर के ब्राउनाउ आम इन स्थित इस घर को अपने नाम करवाने का फैसला लिया है. सरकार इसे नवनाजियों के लिए कोई महत्वपूर्ण स्थल बनने से बचाना चाहती है. देखना दिलचस्प होगा कि इसे नष्ट किया जाता है या कुछ और ऐसा बनेगा, जिससे नाजी तानाशाह के इस जन्मस्थान को और प्रचार ना मिले.

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