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फटे टायरों में फंसा फॉर्मूला वन

१ जुलाई २०१३

जर्मनी के निको रोजबर्ग ने रविवार को ब्रिटिश ग्रां प्री जीत ली पर रेस के दौरान लगातार फटते टायरों ने इस खेल को संकट में डाल दिया है. हालत इतनी बुरी थी कि रेस लगभग रोकने तक की नौबत आ गई थी.

तस्वीर: Getty Images

पोल पोजिशन पर तो रोजबर्ग के टीम साथी हैमिल्टन थे और घरेलू ट्रैक पर जीतने की तमन्ना भी काफी बड़ी लेकिन टायरों ने उनकी उम्मीदों के साथ रेस का भी बेड़ा गर्क किया. रोजबर्ग ने 11वें लैप में मौजूदा चैम्पियन सेबास्टियन फेटल की गाड़ी खराब होने के बाद रेस का नेतृत्व अपने हाथ में लिया और फिर जीतने के बाद ही दम लिया.

आखिरी सात लैप बेहद रोमांचक थे और रोजबर्ग ने रेडबुल के दूसरे ड्राइवर मार्क वेबर से महज 0.7 सेकेंड पहले रेस खत्म की. फरारी के फर्नांडो अलोंसो ने तीसरे नंबर पर रहे और अब सबसे आगे चल रहे सेबास्टियन फेटल से महज 21 अंक दूर हैं. 19 में से आठ रेस हो चुकी हैं और तीन साल से चैम्पियन बनते आ रहे फेटल चौथे साल में भी 132 अंकों के साथ शीर्ष पर बने हुए हैं. (अलोंसो की उम्मीद कायम)

तस्वीर: Getty Images

फटे टायरों का कहर

मर्सिडीज की टीम इस जीत के साथ दूसरे नंबर पर आ गई है. पहले नंबर पर रेडबुल है. मर्सिडीज को बड़ी उम्मीदें हैमिल्टन से थी और रेस शुरू होने के बाद आठ लैप तक आगे रह कर उन्होंने इसे मजबूत भी किया था लेकिन अचानक बायीं ओर का पिछला टायर फटा और उम्मीदें ध्वस्त हो गईं. हैमिल्टन ने वापसी की कोशिश की और रेस खत्म होने तक चौथे नंबर पर पहुंच ही गए. रेस में पांच गाड़ियों के बायीं ओर के पिछले टायर फटे और हैमिल्टन इसमें पहले थे. फरारी के फिलिपे मासा, टोरो रोसो के ज्यां एरिक वेर्ने, साउबर के एस्टेबान गुतिये और सर्जियो पेरेज ने भी फटे टायरों का कहर झेला.

पिरेली मोटर स्पोर्ट के निदेशक पॉल हेम्ब्रे का कहना है, "हमने एक अलग तरह की नई समस्या देखी है. हम फिलहाल इन टायरों के प्रदर्शन का विश्लेषण कर रहे हैं. हमें यह समझना है कि आज क्या हुआ." हेम्ब्रे ने कहा कि बायीं ओर का पिछला टायर ही फटा है यह भी ध्यान में रखना होगा उन्होंने बिना ज्यादा जांच के इस बारे में और कुछ कहने से मना कर दिया.

तस्वीर: Getty Images

रेडबुल के तकनीकी प्रमुख आद्रियान नेवे ने सोमवार को फरारी, लोटस और फोर्स इंडिया पर पिरेली के नए टायरों को रोकने के लिए भला बुरा कहा और खेल पर आए सुरक्षा संकट के लिए आरोप लगाया. नेवे का कहना है "हालात बेहद खराब हैं." अगर शीर्ष टीमें बदलाव को रोकने की कोशिश करें वो भी सिर्फ इस डर से कि कुछ विरोधियों का फायदा हो सकता है तो यह गलत है.

ब्रिटिश ग्रां प्री में टायरों के फटने ने कोहराम मचा दिया है. मैच के बाद ड्राइवरों ने "अस्वीकार्य" परिस्थितियों के न बदलने जाने पर हड़ताल करने की धमकी भी दी है. नेवे का कहना है कि सारी समस्या के पीछे राजनीति है. नेवे ने कहा, "यह बिल्कुल साफ है कि पूरे साल के दौरान टायरों के कई चिंताजनक हादसे होते रहे. पिरेली इसके लिए हल भी लेकर आए और सबसे पहले मांट्रियल के लिए इसका प्रस्ताव रखा गया. लेकिन दो या तीन टीमों ने वीटो कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि यह दूसरी टीमों के लिए ज्यादा बेहतर हो सकता है. इसी छोटी सोच के कारण फॉर्मूला वन को इस तरह की समस्या से जूझना पड़ रहा है."

फॉर्मूला वन के लिए टायर देने वाली इतालवी कंपनी पिरेली टायरों की भीतरी संरचना में बदलाव करना चाहती है. फोर्स इंडिया, लोटस और फरारी इस बदलाव को स्वीकार नहीं कर रहे. बिना सभी टीमों के रजामंद हुए बदलाव को मंजूरी नहीं मिल सकती. उनका कहना है कि इस वक्त टायर बदलने से उन्हें अपनी स्थिति के कमजोर पड़ने का खतरा है. इस बीच हैमिल्टन के नेतृत्व में ड्राइवरों ने फॉर्मूला वन के अधिकारियों से इस समस्या को सुलझाने के लिए कहा है.

एनआर/एएम(रॉयटर्स, एएफपी)

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