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फतवे पर इंटरनेट में सरगर्मी

७ जुलाई २०१४

भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने इमराना जैसे मामलों को नजीर बनाते हुए कहा कि किसी धार्मिक अदालत के फैसले को कानूनी दर्जा नहीं दिया जा सकता. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कहता आया है कि अदालतों को धार्मिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

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