फफूंद की एक बीमारी की वजह से 500 से ज्यादा उभयचरी प्रजातियों की आबादी में भारी नुकसान हुआ है. पिछले 50 सालों में 90 प्रजातियां तो खत्म ही हो गईं.
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ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुई एक स्टडी के अनुसार इस घातक बीमारी का नाम साइट्रिडियोमिकोसिस है. यह उभयचरी प्रजातियों की त्वचा को खा जाता है. उभयचर जीव जल और थल दोनों पर रह सकते हैं. इनमें मेढ़क, टोड और सालामैंडर शामिल हैं.
विज्ञान पत्रिका साइंस में प्रकाशित इस स्टडी ने पाया है कि इस बीमारी की वजह से जानवरों की कुछ प्रजातियां तो पूरी तरह खत्म हो गईं जबकि कुछ में यहां वहां मौतें हुईं. यह बीमारी करीब 60 देशों में पाई गई है. सबसे खराब हालत ऑस्ट्रेलिया के अलावा मध्य और दक्षिण अमेरिका की है. रिसर्चरों का कहना है, "यह बीमारी साइट्रिड फंगस के कारण होती है जिसकी शुरुआत संभवतः एशिया में हुई जहां स्थानीय उभयचर जानवरों में इस बीमारी के लिए प्रतिरोधक क्षमता है."
रिसर्च करने वाली टीम के प्रमुख वैज्ञानिक बेन शील ने एक बयान में कहा कि उनकी टीम ने पाया कि यह बीमारी जैव विविधता में बड़े पैमाने पर क्षति के लिए जिम्मेदार है और दुनिया भर में प्रजातियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वालों में शामिल है.
बेन शील ने कहा, "वन्य जीवों में होने वाली अत्यंत खतरनाक बीमारियां, जिनमें साइट्रिडियोमिकोसिस भी शामिल है, पृथ्वी के छठे सामूहिक विनाश में योगदान दे रहा है. जिस बीमारी का हमने अध्ययन किया है वह दुनिया भर में उभयचरों के आम विनाश का कारण है." इस बीमारी के कारण ऑस्ट्रेलिया में पिछले 30 सालों में मेढ़कों की 7 प्रजातियां खत्म हो गई हैं जबकि 40 प्रजातियों की आबादी कम हुई है. शील का कहना है कि वैश्वीकरण और वन्यजीवों का कारोबार बीमारी के प्रसार के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है.
एमजे/आईबी (डीपीए)
क्रूज पर्यटन और प्रकृति की बदहाली
मेक्सिको के कोजिमेल द्वीप के हार्बर में सात क्रूज शिप लंगर डाल सकते हैं. पर्यटक यहां सागर का नीला पानी और अद्भुत कोरल रीफ देखने आते हैं. लेकिन पर्यटकों की बड़ी संख्या से प्रकृति बदहाल है.
तस्वीर: C. Roman
सैलानियों का आकर्षण
कोजुमेल क्रूज पर्यटकों के सबसे लोकप्रिय ठिकानों में शामिल है. यही वजह है कि यहां का हार्बर बहुत ही बड़ा है. यहां क्रूज जहाजों के लंगर डालने के लिए सात एंकर हैं. ये जहाज 100,000 से भी कम आबादी वाले इस द्वीप पर हर साल 50 लाख सैलानियों को लेकर आते हैं.
तस्वीर: A. Warnstedt
एक जहाज 4000 सवार
कोजुमेल आने वाले ज्यादार पर्यटक अमेरिका से आते हैं. यहां आने वाले बड़े बड़े जहाजों पर 4,000 लोगों के लिए जगह है. गोदी का नाम पुएर्ता माया है. इसे यहां आने वाले क्रूज शिप पर्यटकों के लिए शॉपिंग मॉल की तरह डिजाइन किया गया है.
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बड़ा कारोबार
कोजुमेल द्वीप पर रहने वाले ज्यादातर लोग किसी न किसी रूप में क्रूज शिप पर्यटन पर निर्भर हैं. जब 50 लाख लोग बाहर से आएं तो उनकी जरूरतें भी होंगी और वे कुछ न कुछ खरीदेंगे भी. पर्यटकों के बिना इस द्वीप की कल्पना करना भी अब मुश्किल है.
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दूसरा सबसे बड़ा रीफ
कोरल रीफ मेसोअमेरिकन बैरियर रीफ का हिस्सा है जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रीफ है. क्रूज जहाजों के नियमित परिवहन के बावजूद वह अब भी अच्छी अवस्था में है. पानी के अंदर दूर दूर तक देखना संभव है. वहां मछलियों और कोरल की 300 विभिन्न प्रजातियां हैं.
तस्वीर: A. Warnstedt
प्रमुख आकर्षण डाइविंग
मेक्सिको का यह द्वीप डाइविंग के लिए भी लोकप्रिय है. डाइविंग टीचर रेमुंडो रेमिरेज का कहना है कि बहुत कम पर्यटक कोरल रीफ वाले इको सिस्टम में सही बर्ताव करना जानते हैं. वे पानी के नीचे सिर्फ छोटे दलों को लेकर जाते हैं. और उन्हें बताते हैं कि ऐसा व्यवहार करें कि मूंगों को नुकसान न पहुंचे.
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कला और इतिहास
कोजुमेल के निवासी क्रूज पर्यटन के केंद्र के रूप में द्वीप की छवि को लेकर बंटे हुए हैं. क्रूज पर्यटक अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी हैं लेकिन वे यह भी चाहते हैं कि ऐसे डेली पर्यटक आएं जो द्वीप के माया काल के इतिहास और उसकी संस्कृति में दिलचस्पी रखते हैं.