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फर्जी डॉक्टर पर एचआईवी फैलाने का आरोप

७ फ़रवरी २०१८

उत्तर प्रदेश में एक झोलाछाप डॉक्टर पर एचआईवी फैलाने का आरोप लगा है. मामला मेडिकल चेकअप कैंप के दौरान सामने आया.

Gesundheit Impfung
तस्वीर: picture-alliance/empics/D. Cheskin

मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का है. पुलिस के मुताबिक गांवों में घर घर जाकर इलाज करने वाले डॉक्टर ने कम से कम 46 लोगों को एचआईवी की बीमारी दी. झोलाछाप डॉक्टर राजेंद्र यादव पर एक ही इंजेक्शन को बार बार कई लोगों पर इस्तेमाल करने का आरोप भी है. यूपी पुलिस ने यादव को गिरफ्तार कर लिया है.

उन्नाव जिले की वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पुष्पाजंलि देवी के मुताबिक, "सूचना मिलने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया और उब उससे पूछताछ की जा रही है." आरोपी पर धोखाधड़ी और इंसान की जान खतरे में डालने की धाराएं लगाई गई हैं. यादव के पास मेडिकल उपकरण भी मिले, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.

घर बैठे खुद ही कीजिए एचआईवी टेस्ट

पूरे मामले का तब पता चला जब सरकार ने उन्नाव में एचआईवी के मामलों का पता लगाने के लिए मेडिकल जांच की. इस दौरान जिले कुछ इलाकों में एचआईवी के 46 मामले सामने आए.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक भारत में 21 लाख लोग एचआईवी संक्रमण के शिकार हैं. करीब 1.3 अरब आबादी वाले देश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खस्ता है. पूरे भारत में करीब 8,40,000 डॉक्टर हैं, औसत के हिसाब से 1,674 लोगों के लिए एक डॉक्टर है.

भारत सरकार ने 2018-19 के बजट में 50 करोड़ लोगों के लिए नेशनल हेल्थकेयर स्कीम लॉन्च करने का एलान किया है. लेकिन सरकार ने इस बात की साफ जानकारी नहीं दी है कि इतने बड़े स्तर की योजना के लिए पैसा कहां से आएगा. दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला भारत अभी स्वास्थ्य सेवाओं पर जीडीपी का एक फीसदी से भी कम धन खर्च करता है. 2025 तक इस खर्च को 2.5 फीसदी करने का लक्ष्य है.

ओएसजे/एके (एएफपी)

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