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फाइनल की जंग में पस्त पड़े पेस भूपति

२९ जनवरी २०११

अमेरिका जुड़वां खिलाड़ियों बॉब ऑर माइक ब्रायन ने इंडियन एक्सप्रेस को पटरी से उतार ऑस्ट्रेलियाई ओपन का पुरुषों का डबल्स खिताब अपने नाम कर लिया. भारत के महेश भूपति और लिएंडर पेस इतिहास रचने से चूके.

तस्वीर: UNI

शनिवार को मेलबर्न में भारतीय खिलाड़ियों से इतिहास बनते बनते रह गया और शुरू से ही दमदार नजर आ रही जोड़ी आखिरी पायदान पर पहुंच कर लुढ़क गई. तीसरी सीड वाली भारतीय जोड़ी पूरे नौ साल बाद ऑस्ट्रेलियाई कोर्ट पर इतिहास रचने उतरी थी. ग्रैंडस्लैम के गुलदस्ते में बस इस आखिरी फूल की कमी थी जो अब बनी रह गई.

भारतीय जोड़ी को 6-3, 6-4 से शिकस्त देने वाले अमेरिकी जुड़वां भाइयों का ये एक साथ दसवां ग्रैंड स्लैम खिताब है. इनमें से पांच तो ऑस्ट्रेलियाई ओपन टूर्नामेंट से ही आए हैं. हार के बाद महेश भूपति ने कहा,"इंडियन एक्सप्रेस ने धरती की बेहतरीन टीम से मात खाई है." पेस भूपति ने दूसरे सेट के शुरुआत में बराबरी कर ली थी लेकिन ब्रायन बंधुओं ने उन्हें ब्रेक प्वाइंट हासिल नहीं करने दिया. मेलबर्न पार्क में पेस भूपति दूसरी बार खिताबी भिड़ंत में हारे हैं. इससे पहले 1999 में स्वीडन के जोना ब्जोर्कमान और ऑस्ट्रेलिया के पैट राफ्टर की जोड़ी से शिकस्त खाई थी. दोनों ने आखिरी बार एक साथ 2001 में ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था और वो था फ्रेंच ओपन का डबल्स मुकाबला.

मुकाबले के बाद भूपति ने कहा कि पेस के साथ कोर्ट पर वापसी शानदार रही है और दोनों खिलाड़ी साल के बाकी सीजन में भी साथ खेलने का इंतजार कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी खिलाड़ियों की तारीफ भी की. भूपति ने कहा," इसकी एक खास वजह है कि दोनों भाई क्यों दुनिया की नंबर वन टीम हैं. जब दोनों मिल कर 83 फीसदी सही सर्विस कर रहे हों तो उन्हें हराना नामुमकिन जैसा है."

उधर जीत के बाद बॉब ब्रायन ने कहा कि दोनों महान खिलाड़ियों का एक साथ वापसी करना बड़ी बात है और ये एक कठिन मुकाबला था. बॉब ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में दोनों टीमों के बीच कुछ और भिड़ंत होंगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ईशा भाटिया

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