फाइनल से पहले धोनी फटने वाले बम जैसे थेः युवराज
८ जून २०११![](https://static.dw.com/image/6466386_800.webp)
वर्ल्ड कप में भारत की खिताबी जीत पर युवराज सिंह ने क्रिकेट बोर्ड की पत्रिका में लिखा है, "वह (धोनी) टूर्नामेंट में ज्यादा रन नहीं बना पा रहे थे, लेकिन वह मेहनत कर रहे थे और इसलिए एक भी अभ्यास सत्र में गैर हाजिर नहीं रहे. उन्हें अभ्यास करते देख कर लगता था कि वह कोई बम हैं जो फटने को तैयार है."
युवराज सिंह को वर्ल्ड कप में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द टूर्नामेंट चु्ना गया. वह कहते हैं, "मैं पीछे देखता हूं तो बड़ी खुशी होती है कि फाइनल में वह फटे, उससे पहले नहीं. वह मुझसे पहले बल्लेबाजी करने गए. लेकिन यह सिर्फ मध्यक्रम में लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन को भेजने की कोशिश थी. उनकी बात में दम था और उन्होंने यादगार पारी खेली."
वर्ल्ड कप फाइनल में जब भारत ने 275 रन का पीछा करते हुए 22वें ओवर में 114 रन के स्कोर पर अपने तीन विकेट गंवा दिए तो धोनी युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी करने गए. उन्होंने पहले सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (97) और फिर युवराज सिंह (21 रन नॉट आउट) के साथ मिल कर 91 रन की शानदार पारी खेली. अपनी पारी में उन्होंने चार चौके और दो छक्के लगाए और भारत को जीत मिली.
युवराज सिंह ने वर्ल्ड कप में बल्ले और गेंद, दोनों से कमाल किया. उन्होंने नौ मैचों में 362 रन बनाए और 15 विकेट भी लिए. वह लीग मैचों के दौरान नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के हाथों मिली हार को याद करते हैं और इसे खिताबी जीत के लिए भारतीय मुहिम का अहम पड़ाव मानते हैं. वह लिखते हैं, "दक्षिण अफ्रीका के हाथों मिली हार हमारे अभियान का अहम मोड़ था. उस मैच में हमारी बल्लेबाजी और गेंदबाजी, दोनों ही निराश करने वाली रहीं. फिर अगले कुछ दिनों में हमने दोनों पर मेहनत की. हमारी प्राथमिकता मध्यक्रम में अच्छी साझीदारी कायम करने पर थी." भारत ने मुंबई में 2 अप्रैल को हुए फाइनल में जीत दर्ज कर 28 साल बाद वर्ल्ड कप हासिल किया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एमजी