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फायदे की दोस्ती महंगी पड़ी

१४ नवम्बर २०१३

जर्मनी के पूर्व राष्ट्रपति क्रिस्टियान वुल्फ अपने दोस्त के एहसान तले इतना दब गए कि अब उन्हें अदालत में हाजिर होना होगा. वैसे तो उनके एहसान की कीमत केवल 750 यूरो थी, लेकिन जर्मनी में कानून सख्त हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मनी के इतिहास में पहली बार एक पूर्व राष्ट्रपति अदालत में मुजरिम बनकर कटघरे में खड़ा होगा. क्रिस्टियान वुल्फ पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का फायदा उठाया. जर्मन मीडिया में इस मामले को लेकर सनसनी बनी हुई है. वुल्फ को दोबारा अदालत में उन सारे आरोपों का सामना करना होगा जिनकी वजह से उन्हें राष्ट्रपति पद से हटना पड़ा. ग्लैमर की दुनिया में उनके रिश्ते, पार्टियां, घर बनाने के लिए अपने अमीर दोस्तों से उधार और उन्हीं अमीर दोस्तों के साथ लक्जरी होटलों में छुट्टियां मनाना, जर्मनी में राष्ट्रपति अगर ऐसा करे और अपने पद का फायदा उठाए तो लोगों का गुस्सा वाजिब है और अदालती कार्रवाई भी. यही नहीं, वुल्फ ने बिल्ड अखबार के मुख्य संपादक को फोन पर धमकी भी दी थी, जिससे प्रेस की आजादी और पूर्व राष्ट्रपति के बीच खराब रिश्ते का पता चलता है. वुल्फ की पत्नी रहीं बेटीना और उनके कई अमीर दोस्त भी अदालत में गवाहों के तौर पर पेश किए जाएंगे.

इज्जत की लड़ाई

पूर्व राष्ट्रपति वुल्फ अदालत में सुनवाई से बच सकते थे. अभियोजन पक्ष के वकीलों ने उनसे कहा था कि अगर वह करीब 20,000 यूरो का जुर्माना चुकाने को तैयार हों, तो उन्हें अदालत में पेश होने से बचाया जा सकेगा. यह राशि वुल्फ के लिए ज्यादा नहीं है. 54 साल के वुल्फ खुद वकील हैं और उन्हें पूर्व राष्ट्रपति होने की हैसियत से सालाना दो लाख यूरो की पेंशन मिलती है, लेकिन वुल्फ अदालत में पेश होना चाहते थे. उनके वकीलों का कहना है कि वह पूर्व राष्ट्रपति के सम्मान और अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे. राजनीतिज्ञ के तौर पर तो वे असफल रहे, मीडिया ने उनकी खूब खिल्ली उड़ाई और अब वह कम से कम अपनी बची खुची इज्जत को बचाए रखना चाहते हैं, एक भ्रष्ट नेता के आरोप को हटाकर.

उनके वकील बेर्न्ड मु्स्सिग और मिशाएल नागेल का मानना है कि वुल्फ अपने को बेगुनाह साबित कर सकते हैं. भ्रष्टाचार के सारे आरोपों में से केवल एक मामले में वुल्फ को बेगुनाह साबित करना रह गया है और इसी के आधार पर सुनवाई हो रही है.

कहीं दोस्ती, कहीं फायदा

म्यूनिख में अपनी पूर्व पत्नी बेटीना के साथ वुल्फतस्वीर: picture-alliance/dpa

सुनवाई में 2008 के एक मामले की बात की जा रही है जब म्यूनिख के अक्टूबर फेस्ट में वुल्फ आए और उनके रहने का इंतेजाम का कुछ खर्चा, करीब 750 यूरो, उनके मित्र डेविड ग्रोनेवोल्ड ने उठाया. अपने दोस्त का एहसान चुकाने के लिए वुल्फ ने सीमेंस कंपनी के उस वक्त के प्रमुख पेटर लोशर को चिट्ठी लिखी और ग्रोनेवोल्ड की नई फिल्म को प्रायोजित करने के लिए कुछ पैसे मांगे. लोशर ने पैसे देने से इनकार कर दिया, लेकिन जर्मनी में भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून इतने कड़े हैं कि महज 750 यूरो के लिए वुल्फ को सजा का सामना करना पड़ सकता है.

सरकारी वकील वुल्फ और उनके प्रड्यूसर दोस्त पेटर लोशर के बीच रिश्ते पर रोशनी डालना चाहते हैं और साबित करना चाहते हैं कि वुल्फ ने इस मामले में अपने पद का फायदा उठाया. जज तय करेंगे कि दोस्ती कहां खत्म होती है और पद का फायदा उठाना कहां शुरू होता है, लेकिन वुल्फ को उम्मीद है कि वे बेगुनाह साबित होंगे.

वुल्फ पर बनेगी फिल्मतस्वीर: SAT.1

गलत राष्ट्रपति

अगर वुल्फ छूट भी जाते हैं तो भी आम लोगों में यही राय बनी रहेगी कि वुल्फ राष्ट्रपति पद के लिए सही विकल्प नहीं थे. जिस तरह वुल्फ ने अपने मामले पर बहस को चुप कराने की कोशिश की, उससे उनकी छवि को बहुत नुकसान हुआ है. जर्मनी में थियोडोर हॉयस और रिशर्ड फॉन वाइसजैकर जैसे राष्ट्रपति लोगों के सम्मान का पात्र थे. वर्तमान राष्ट्रपति गाउक भी राजनीतिक पार्टियों की आपाधापी से ऊपर उठकर अपनी अलग और स्वायत्त पहचान बना रहे हैं. हालांकि पहचान तो वुल्फ ने भी हासिल की है, जर्मन टीवी चैनल अब उनके कारनामों पर फिल्म बना रहे हैं.

रिपोर्टः बेर्न्ड ग्रैसलर/एमजी

संपादनः एन रंजन

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