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फायदे में बीजेपी, घाटे में लालू टॉप पर

२५ नवम्बर २०१०

बिहार में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह तो गिनती शुरू होने के दो घंटे के भीतर ही साफ हो गया था. शुरुआती रुझानों में ही बीजेपी-जेडीयू गठबंधन ने विजयी बढ़त ले ली थी. हालांकि सारे नतीजे आने में काफी वक्त लगा.

आरजेडी प्रमुख लालू यादवतस्वीर: UNI

चुनाव आयोग ने देर रात बिहार के सारे नतीजों की घोषणा की और बताया कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलीं. नतीजों के मुताबिक जनता दल यूनाइटेड 115 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी को 91 सीटें मिली हैं.

नीतीश कुमारतस्वीर: AP

2005 के विधानसभा चुनाव के हिसाब से देखा जाए तो सबसे ज्यादा फायदे में भारतीय जनता पार्टी रही. पिछली विधानसभा में उसके पास 55 सीटें थीं. इस तरह उसे 36 अतिरिक्त सीटें मिली हैं. हालांकि यह चुनाव बीजेपी-जेडीयू गठबंधन ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में और उनके नाम के सहारे लड़ा लेकिन नीतीश की पार्टी जेडीयू को इसका बीजेपी के मुकाबले फायदा कम हुआ. पिछली बार के मुकाबले उन्होंने अपनी सीटों में 27 का इजाफा किया.

लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल को सीटों के मामले में बड़ा नुकसान हुआ है. पिछली विधानसभा में उनके पास 54 सीटें थीं यानी बीजेपी से सिर्फ एक कम. लेकिन इस बार वह सिर्फ 22 सीटें ही ला पाए हैं. राम विलास पासवान ने लालू यादव का हाथ थाम कर इस चुनावी वैतरणी को तैरना चाहा लेकिन वह भी घाटे में ही रहे. उन्हें 7 सीटों का नुकसान हुआ और वह 10 से 3 पर आ गए. कांग्रेस 9 से 4 पर आ गई जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भी अपने दो विधायकों से हाथ धो बैठी.


2010 विधानसभा का पार्टीवार ब्यौराः

भारतीय जनता पार्टीः 91

जनता दल यूनाइटेडः 115

राष्ट्रीय जनता दलः 22

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसः 4

लोक जनशक्ति पार्टीः 3

भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टीः 1

झारखंड मुक्ति मोर्चाः 1

अन्यः 6

रिपोर्टः वी कुमार

संपादनः महेश झा

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