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फारस की खाड़ी में अमेरिका और ईरान में तनातनी बढ़ी

२३ अप्रैल २०२०

मध्य पूर्व में ईरान और अमेरिका के बीच तनाव फिर भड़क रहा है. दोनों देश एक दूसरे के युद्धपोतों और नौकाओं को तबाह करने की धमकी दे रहे हैं. ईरान के सैटेलाइट लॉन्च ने अमेरिका के कान खड़े कर दिए हैं.

USA Situation Room im Weißen Haus Präsident Trump mit Beratern
तस्वीर: picture-alliance/Zumapress/Shealah Craighead/White House

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने अमेरिकी नौसेना को निर्देश दिया है कि फारस की खाड़ी में मौजूद अमेरिकी युद्धपोतों को अगर ईरानी पोत तंग करें तो उन्हें तबाह कर दिया जाए. हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि वह सैन्य कार्रवाइयों से जुड़े सेना के नियमों को नहीं बदल रहे हैं. 2016 और 2017 में ईरानी सैन्य पोतों से आमना सामना कोई अनोखी बात नहीं थी. कई बार ईरानी पोतों ने बहुत करीब आने की कोशिश की तो चेतावनी के तौर पर उनकी तरफ अमेरिकी नेवी की तरफ से गोलियां भी दागी गईं.

ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा, "मैंने अमेरिकी नौसेना को निर्देश दिया है कि हमारे पोतों को अगर ईरानी गनबोट तंग करें तो उन्हें मार गिराया जाए और तबाह कर दिया जाए." ईरान के ताकतवर सैन्य बल रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की तरफ से पहला सैन्य उपग्रह प्रक्षेपित किए जाने के दावे के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह ट्वीट किया. अमेरिकी नौसेना के पास आत्मरक्षा में कार्रवाई करने का अधिकार है. लेकिन ट्रंप ने एक कदम आगे बढ़ते हुए ट्वीट भी कर डाला.

तनाव बढ़ने की आशंका

इससे अमेरिका और ईरान के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है. ट्रंप ने कहा, "हम सुरक्षित हैं. हम 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं." वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ईरान को लेकर ट्रंप की टिप्पणी का मतलब है कि वह ईरान को चेतावनी देना चाहते हैं. लेकिन अधिकारियों का यह भी कहना है कि अमेरिकी सेना किसी बदलाव की बजाय आत्मरक्षा के अपने मौजूदा नियमों का पालन करती रहेगी.

अमेरिकी युद्धपोत को धमकाती ईरान की नौकाएंतस्वीर: picture-alliance/dpa/U.S. Navy

दूसरी तरफ ईरान ने भी पलटवार किया है. रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख होसैन सलामी ने कहा है कि खाड़ी में ईरान की सुरक्षा को कोई खतरा हुआ तो ईरान अमेरिकी युद्धपोतों को तबाह कर देगा. ईरान के सरकारी टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, "मैंने नौसैन्य बलों को आदेश दिया है कि ईरान के सैन्य और असैन्य पोतों के लिए खतरा बनने वाले अमेरिकी आतंकवादी बल को तबाह कर दिया जाए." उन्होंने कहा कि फारस की खाड़ी की सुरक्षा ईरान की रणनीतिक प्राथमिकताओं में शामिल है. वहीं, ईरानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका को कोरोना वायरस से अपनी सेना को बचाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. अमेरिका ने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को आंतकवादी संगठन घोषित कर रखा है.

हफ्तों से चल रहा है तनाव

अप्रैल महीने की शुरुआत में अमेरिकी सेना ने कहा था कि खाड़ी में ईरान के 11 पोत अमेरिकी नेवी और कोस्ट गार्ड शिपों के बहुत करीब आ गए थे. अमेरिकी नौसेना ने इस कदम को खतरनाक और भड़काऊ बताया था. एक समय तो ईरानी पोत अमेरिकी कोस्ट गार्ड के पोत से सिर्फ 9 मीटर दूर रह गया था.

इस साल की शुरुआत में जब इराक में एक ड्रोन हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख कासिम सुलेमानी मारे गए, तभी से ईरान और अमेरिका में बहुत तनातनी चल रही है. ईरान ने 8 जनवरी को जवाबी कार्रवाई करते हुए इराक के एन-अल असद बेस पर ड्रोन हमला किया, जहां अमेरिकी सैनिक तैनात थे. हमले में ना किसी अमेरिकी सैनिक की जान गई और ना ही किसी को गंभीर चोटें आईं. हालांकि बाद में 100 सैनिक अवसाद से ग्रस्त पाए गए.

एके/एमजे (रॉयटर्स, डीपीए)

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