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फिर नाकाम कप्तान साबित हुए सचिन

३० मई २०११

सचिन तेंदुलकर ने अपने बल्ले से कई चमत्कार किए हैं, लेकिन जब बात कप्तानी की आती है तो अंतरराष्ट्रीय स्तर से लेकर तो लीग क्रिकेट तक फैसले उनके हक में नहीं हुए. सचिन आईपीएल में फिर नाकाम कप्तान साबित हुए.

तस्वीर: AP

सचिन लगातार चार साल से मुंबई इंडियंस के कप्तान हैं और इन चार सालों में उनकी टीम पिछली बार उपविजेता और इस बार तीसरे स्थान पर रही. कागज पर मुंबई इंडियंस बेहद मजबूत टीम है और आईपीएल 4 के शुरुआती मुकाबलों में मुंबई इंडियंस ने इस तरह का प्रदर्शन किया, मानों उसे हराना अन्य टीमों के बूते की बात नहीं हो और एक समय टीम को प्ले ऑफ की पहली दावेदार टीम माना गया. लेकिन शुरुआती नौ मैचों के बाद टीम ने ऐसी लय खोई कि एक समय वह भी आया जब उसका प्ले ऑफ में स्थान खतरे में नजर आया.
टीम के प्रदर्शन पर सवाल नहीं उठाया जा सकता क्योंकि खिलाड़ियों ने समय समय पर योगदान दिया लेकिन सचिन की कप्तानी पर एक बार फिर सवाल उठाए जा रहे हैं.

चेन्नई में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ फाइनल क्वालिफाइंग मैच में सचिन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया, जो टीम पर भारी पड़ गया. मैच के बाद बैंगलोर के कप्तान डेनियल विटोरी ने खुद माना कि अगर वे टॉस जीतते तो पहले बल्लेबाजी चुनते. विटोरी ने कहा कि सचिन ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी, जिससे उनका काम आसान हो गया.

इसी मैच में सचिन ने दूसरी गल‍ती यह की कि क्रिस गेल के स्ट्राइक पर रहते अनुभवहीन गेंदबाज अबु नेकिम को गेंद थमा दी. गेल ने इस ओवर में 27 रन कूटे. मुनाफ पटेल और लसित मलिंगा के होते हुए एक नए गेंदबाज को गेल जैसे बल्लेबाज के सामने लाना तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता.

अच्छे बल्लेबाज लेकिन कप्तान के तौर पर....तस्वीर: AP

इस मैच में मुंबई इंडियंस को 186 रन बनाने की चुनौती मिली, लेकिन वह 20 ओवरों में आठ विकेट पर 142 रन ही बना पाई. सचिन ने बल्लेबाजी क्रम में कई परिवर्तन किए, जिन्हें समझना मुश्किल रहा. पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन लय में नजर आ रहे अंबाति रायडु को छठे नंबर पर भेजा गया. वहीं फ्रैंकलिन और हरभजन जैसे कामचलाऊ बल्लेबाजों के क्रम में बदलाव करके उन्हें ऊपर भेजा गया. हरभजन और फ्रैंकलिन ने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ अच्छी पारियां खेलीं, लेकिन इस मैच में उन्हें फिनिशर के बजाय एंकर का रोल दिया गया, जो समझ से परे है. एंकरिंग के लिए किरन पोलार्ड, रायडु को ऊपर भेजा जा सकता था.

पिछले साल भी आईपीएल के फाइनल में सचिन ने पोलार्ड को 17वें ओवर में मैदान में उतारा. तब तक मैच मुंबई इंडियंस के हाथों से निकल चुका था. इसी तरह की गलती सचिन ने आईपीएल 4 में भी की और वे पोलार्ड का सही बल्लेबाजी क्रम तय नहीं कर पाए.

आईपीएल 4 में सचिन अपने साथ पारी शुरू करने के लिए कोई स्थायी पार्टनर नहीं तलाश पाए. सलामी बल्लेबाज के लिए सचिन ने लगभग हर मैच में प्रयोग किए तो क्या वे साइमंड्स से पारी की शुरुआत नहीं करा सकते थे? सचिन एंड्रयू साइमंड्स, अली मुर्तजा जैसे साबित खिलाड़ियों के लिए टीम में स्थान नहीं बना सके. साइमंड्स का वे पूरे टूर्नामेंट में उपयोग नहीं कर सके.

रिपोर्टः शराफत खान (वेबदुनिया)

संपादनः ए जमाल

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