बॉलीवुड के मिस्ट परफेक्शनिस्ट आमिर खान की फिल्म 'राख' 25 साल बाद फिर से रिलीज की जाएगी. चुनाव का मौसम खत्म होने का इंतजार.
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धूम3 में डांस और स्टंट दिखाने वाले आमिर खान को फिल्म इंडस्ट्री में अपना सिक्का जमाए तीन दशक हो गए हैं. एक जमाना था जब इतने वक्त बाद या तो अभिनेता का इंडस्ट्री में कोई अता पता ही नहीं रहता था या फिर उन्हें बड़े भाई या हीरो के पिता के किरदार मिला करते थे. लेकिन आमिर खान के साथ ऐसा नहीं है.
1989 में रिलीज हुई फिल्म 'राख' में वे तब भी मुख्य किरदार में थे और आज अगर उसका रीमेक बने तब भी निर्देशक उन्हीं को लेना पसंद करेंगे. हालांकि इस साल फिल्म को दोबारा बनाया नहीं जा रहा, उसे बस एक बार फिर रिलीज किया जा रहा है.
फिल्म के 25 साल पूरे होने पर पीवीआर ने ऐसा करने का फैसला किया है. राख के निर्माता आसिफ नूर ने बताया कि पहले वे फिल्म को अप्रैल या मई में रिलीज करने की सोच रहे थे लेकिन चुनाव के माहौल को देखते हुए रिलीज को आगे बढ़ा दिया गया.
125 साल के चार्ली चैप्लिन
कई साल सिनेमा स्टार रहे चार्ली चैप्लिन न केवल अभिनेता थे बल्कि निर्देशक, स्क्रीनप्ले और कंपोनिस्ट सभी के एक्सपर्ट थे. उनकी आवारा की भूमिका आज भी मशहूर है और लोग अभी भी उनके दीवाने हैं.
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हंसी और आंसू
काली छोटी सी मूंछ, ओवरसाइज पैंट, बड़े जूते और अजीब सी चाल, चार्ल्स स्पेंसर चैप्लिन यानि चार्ली चैप्लिन की पहचान. 1921 में आई फिल्म 'द किड' में उन्होंने एक आवारा का किरदार पेश किया, वह कॉमेडी और ट्रैजेडी एक साथ पेश करते हैं, एक जबरदस्त अंदाज में.
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गरीबी से सितारा
1889 में शायद लंदन के पास पैदा हुए चैप्लिन की मौत 1977 में स्विट्जरलैंड में हुई. इसके बीच लोकप्रियता तो उनके हाथ आई ही, कुछ स्कैंडल भी आए. गरीबी से उठे चैप्लिन ने हॉलीवुड में लाखों डॉलर कमाए. 1925 में उनकी फिल्म 'गोल्ड रश' में सच्चाई और अमीरी के सपने के बीच की दुनिया दिखाई गई है.
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मूक फिल्में
चैप्लिन की अधिकतर फिल्में मूक ही हैं. 'सिटी लाइट' में वह बोलती फिल्म बनाना चाहते थे. लेकिन वह इसके मास्टर नहीं थे. उन्होंने आवाज बहुत संभल के ही इस्तेमाल की. बाकी काम उनके हाव भाव से ही हो जाता था.
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कई औरतें
चार्ली चैप्लिन महिलाओं के दोस्त थे. उन्होंने कुल चार शादियां की. यह तस्वीर 1931 की है और इसमें उनकी दूसरी पत्नी लिटा ग्रे चैप्लिन और दो बच्चे हैं. उन्हें किशोरियां बहुत पसंद थी और इसलिए वे अक्सर दूसरों के गुस्से का शिकार भी होते.
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समाज की आलोचना
सिर्फ शुरुआती फिल्मों में ही चैप्लिन ने दुष्ट व्यक्ति की भूमिका निभाई है. बाद में उन्होंने उस तबके को दिखाया जो आर्थिक और सामाजिक असमानता का शिकार था. 1936 की उनकी फिल्म 'मॉडर्न टाइम्स' में उन्होंने समाज की कड़ी आलोचना की और इंसान को औद्योगिकरण के पहिये को चलाते दिखाया.
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हिटलर के खिलाफ
1940 की फिल्म 'द ग्रेट डिक्टेटर' में उन्होंने हिटलर और नाजी शासन पर कड़ा व्यंग्य कसा. हालांकि बाद में चैप्लिन ने यह भी कहा कि यातना शिविर के बारे में अगर उन्हें पता होता तो वे इस फिल्म को कभी नहीं करते.
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अपनी कहानी
'लाइमलाइट' में चैप्लिन में अपने जीवन के कई हिस्से पेश किए. इसमें कलाकार के जीवन के अच्छे बुरे दौर दिखाए गए हैं. यह 1952 में ऐसे समय में आई जब चैप्लिन पर साम्यवादी होने का आरोप लगा. उन्हें तब इंग्लैंड से अमेरिका लौटने की इजाजत नहीं दी गई.
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आखिरी फिल्म
दस साल ब्रेक के बाद 1967 में चार्ली चैप्लिन ने एक और फिल्म बनाई, 'द काउंटेस फ्रॉम हॉन्ग कॉन्ग'. इसमें सोफिया लॉरेन और मार्लेन ब्रांडो जैसे कलाकार थे लेकिन फिल्म पिट गई. अपने आखिरी साल चैप्लिन ने स्विट्जरलैंड में गुजारे.
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आज भी मौजूद
फिल्म इतिहास में आज भी उनके जैसा कोई कलाकार नहीं. भारतीय फिल्म उद्योग में राज कपूर ने आवारा फिल्म में चार्ली चैप्लिन जैसे कपड़े पहन एक्टिंग की थी. आज भी चार्ली चैप्लिन की फिल्में मशहूर हैं.
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125 साल के
जो पीढ़ी चार्ली चैप्लिन की फिल्मों के साथ बड़ी नहीं हुई है उन्हें भी आवारा पता है. उस समय हॉलीवुड नहीं था लेकिन चार्ली चैप्लिन नाम का सितारा था. वे कोई साधारण, नहीं एक दिग्गज कलाकार थे.
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आदित्य भट्टाचार्य के निर्देशन में बनी इस फिल्म में आमिर खान के अलावा पंकज कपूर और सुप्रिया पाठक ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं. हालांकि फिल्म टिकट खिड़की पर असफल रही लेकिन समीक्षकों ने इसे काफी पसंद किया था.
बॉलीवुड के जानेमाने छायाकार संतोष सिवन ने कहा, "राख मेरी पहली फिल्म थी. इस फिल्म में पंकज कपूर, आमिर खान और सुप्रिया पाठक समेत अन्य कलाकारों के साथ काम कर मुझे बेहद अच्छा अनुभव हुआ था. मैं इस फिल्म के फिर से प्रर्दशन को लेकर बेहद रोमांचित हूं."
इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए पंकज कपूर को सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार के तौर पर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.