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फिर हमला हुआ तो अमेरिकी सहयोग पर सोचना पड़ेगा

६ मई २०११

पाकिस्तान की सेना ने गुरुवार को चेतावनी दी है कि अमेरिका की तरफ से अगर अगर लादेन को मारने जैसा इकतरफा हमला फिर हुआ, तो उसके साथ सैन्य और खुफिया सहयोग जारी रखने पर दोबारा सोचना पड़ेगा.

तस्वीर: Abdul Sabooh

पाकिस्तानी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिकी सैनिकों के हाथों लादेन की 'नृशंस' हत्या से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया है. अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन कह चुकी हैं, "दोनों देशों के रिश्ते हमेशा बहुत आसान नहीं रहते लेकिन इसके साथ ही यह भी सच है कि दोनों देशों के लिए यह संबंध उपयोगी है और हम अपनी सरकारों, सेना और कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों के बीच सहयोग जारी रखेंगे."

तस्वीर: picture alliance/abaca

एबटाबाद में अमेरिकी सेना की कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों को अपने ही घर में कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है. लादेन को मारने के ऑपरेशन के बाद जारी अपने पहले बयान में सेना ने कहा है कि सेना प्रमुख जनरल अशफाक कियानी ने अमेरिका को कड़ी चेतावनी दे दी है. कियानी ने साफ कर दिया है, "पाकिस्तान की संप्रभुता पर चोट करने वाली इस तरह की दूसरी कार्रवाई पाकिस्तान को अमेरिका के साथ अपने सैन्य और खुफिया सहयोग को जारी रखने पर से दोबारा विचार के लिए मजबूर करेगा."

तस्वीर: picture alliance/abaca

पाकिस्तानी सेना ने यह भी कहा है कि वह इस बात की भी जांच करेगी कि यह कैसे मुमकिन हुआ कि दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकवादी उनके पिछवाड़े में बिना उनकी जानकारी के कैसे रह रहा था. अमेरिका यह सवाल उठा रहा है कि पाकिस्तान के सैनिक अड्डे वाले शहर में सालों से ओसामा बिन लादेन रह रहा था ओर किसी को इस बात की खबर ही नहीं हुई. दो अमेरिकी सांसदों रिपब्लिकन के ग्रैंगर और डेमोक्रैट हॉवर्ड बेर्मन ने हिलेरी क्लिंटन को पत्र लिख कर पाकिस्तान को अमेरिकी सहायता जारी रखने पर सवाल उठाया है.

तस्वीर: dapd

पाकिस्तान और अमेरका के बीच पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका को लेकर विवाद गहरा रहा है. हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री सलमान बशीर ने इस बात से इनकार किया है कि पाकिस्तानी सेना या आईएसआई अल कायदा की मदद कर रही है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः उभ

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