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फिल्मी सितारों की रोशनी में चमकता बर्लिन

९ फ़रवरी २०१२

हर साल फरवरी का महीना बर्लिन के लिए हलचल, तैयारी और सितारों के मेले का महीना होता है. दुनिया भर के मशहूर स्टार लाल कालीन पर चलते हैं, अपनी फिल्मों और अपनी शोहरत के साथ सर्दी के माहौल में कुछ गर्मी लाते हैं.

तस्वीर: Berlinale

माइनस 10 का तापमान. 9 फरवरी 2012 की सर्दी बर्लिनाले को रोकने के लिए यह तापमान भी काफी नहीं है. खासकर तब, जब हॉलीवुड फिल्मों के सुपर स्टार, संवेदनशील फिल्मों के लिए जाने जाने वाले यूरोपीय फिल्मकार और विश्वभर से कला प्रेमी पोट्सडामर प्लात्स में जमा होते हैं और छोटी डॉक्यूमेंटरी से लेकर ब्लॉकबस्टर फिल्में लोगों के सामने पेश की जाती हैं.

2012 में यह एक ही मौका होगा जब ट्वाइलाइट फिल्म में ड्रैकुला की भूमिका निभा रहे रॉबर्ट पैटिसन को उनके फैंस देख सकेंगे. उनके साथ एंजलीना जोली, शाहरुख खान और जर्मनी में मशहूर मिशाएल फासबेंडर भी रेड कार्पेट पर पेश होंगे. फेस्टिवल में विजेता फिल्मों को तय करने वाली जूरी के प्रमुख ब्रिटिश निर्देशक माइक ले आठ सदस्यों के पैनल के प्रमुख हैं. पिछले साल भारत से आमिर खान इसका हिस्सा रहे थे. इस साल फ्रांस की शार्लोट गेन्सबुर्ग और हॉलीवुड के जेक जिलनहाल भी फिल्मों का चुनाव करेंगे. बेहतरीन फिल्म को मिलेगा बर्लिनाले का गोल्डन बीयर.

सैकड़ों नामांकन

इस साल हॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारों में गिनी जाने वाली मेरिल स्ट्रीप महोत्सव में खास मेहमान के रूप में शामिल हो रही हैं. उन्हें इस साल के लाइफटाइम एचीवमेंट एवार्ड के लिए चुना गया है. स्ट्रीप को अलग अलग फिल्मों में उनकी अदाकारी के लिए 17 बार ऑस्कर पुरस्कारों के लिए और 26 बार गोल्डन ग्लोब के लिए नामांकित किया गया है जिनमें से दो बार वह ऑस्कर की हकदार बनीं और आठ बार उन्हें गोल्डन ग्लोब से नवाजा गया. उनकी यादगार फिल्मों में से तलाक के पति पत्नी पर पड़ने वाले असर के बारे में बनी फिल्म क्रेमर वर्सेस क्रेमर और सोफीज चॉइस फिल्में शामिल हैं. सोफीज चॉइस में स्ट्रीप ने पोलैंड से अमेरिकी शहर ब्रुकलिन जाने वाली एक महिला की भूमिका निभाई है. इस बार बर्लिनाले में स्ट्रीप की फिल्म द आयरन लेडी भी दिखाई जाएगी. इसमें उन्होंने ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मारगरेट थैचर को दर्शाया है. फिल्म में स्ट्रीप के काम की अभी से तारीफ की जा रही है और अगले साल ऑस्कर और गोल्डन ग्लोब में भी इससे बड़ी उम्मीदें हैं.

मुख्य प्रतियोगिता वाली फिल्मों में इटली के जाने माने निर्देशक भाइयों पाओलो और वित्तोरियो की फिल्म सेजारे देवे मोरीरे यानी सीजर को मरना होगा, शामिल है. इसमें शेक्सपियर के एक नाटक का इस्तेमाल रोम के एक कैदखाने की कहानी सुनाने के लिए किया गया है. अमेरिका से डायरेक्टर बिली बॉब थोर्नटन ने जेन मैन्सफील्ड्स कार की पेशकश की है. वियतनाम युद्ध की कहानी बताने वाली इस फिल्म में रॉबर्ट डुवाल, जॉन हर्ट और केविन बेकन जैसे सितारों की अदाकारी देखने को मिलेगी.

चीन की फिल्म बाई लू युआन का दृश्यतस्वीर: Berlinale 2012

एशिया,अफ्रीका की फिल्में

हालांकि प्रतियोगिता अमेरिका और यूरोप के अलावा चीन, इंडोनीशिया, फिलिपीन्स और कई दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की भी फिल्में शामिल होंगी. चीन की फिल्म बाई लू युआन (सफेद हिरनों का मैदान) भी बर्लिनाले में दिखाई जा रही है. इसमें चीन के लंबे इतिहास की उधेड़ बुन को दर्शाने की कोशिश की गई है. इंडोनेशिया के निर्देशक एडविन ने बिनातांग फिल्म के जरिए एक लड़की की कहानी बताई है जिसे चिड़ियाघर में रह रहे जिराफों के ट्रेनर पालते हैं. फिलिपीन्स के ब्रिलांते मेंदोसा की फिल्म कैप्टिव एक सामाजिक कार्यकर्ता की कहानी है जिसका अपहरण हो जाता है. अफ्रीकी देश सेनेगाल की फिल्म ओजुर्दवी यानी आज एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है जिसके पास जीने को केवल 24 घंटे बचे हैं.

जहां ओजुर्दवी एक व्यक्ति के जीवन में 24 घंटों के महत्व का विश्लेषण करता है, वहीं महोत्सव के प्रमुख डीटर कोसलिक भी आज की बदलती दुनिया को फेस्टिवल में बहस का मुद्दा बनाना चाहते हैं. फेस्टिवल के दौरान अरब देशों में क्रांति, मानवाधिकार हनन और लोगों की जागृति की तस्वीरें और सोवियत रूस और जर्मनी की साझेदारी में बनी फिल्में लगातार लोगों को राजनीति और समाज में बदलाव की याद दिलाती रहेंगी.

रिपोर्टः डीपीए,एएफपी/एमजी

संपादनः आभा एम

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