1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

फिल्मों पर झगड़ पड़ते हैं काजोल अजय देवगन

१६ दिसम्बर २०१०

भले ही वह परफेक्ट पति पत्नी माने जाते हों लेकिन ऐसा कम ही होता है कि काम के मामले में वह एक स्क्रिप्ट पर सहमत हो जाएं. बात हो रही है काजोल और अजय देवगन की. जिनकी फिल्म टूनपुर का सुपरहीरो 24 दिसंबर को रिलीज हो रही है.

तस्वीर: DW

काजोल कहती हैं कि कई सालों में कुछ ही स्क्रिप्ट ऐसी होंगी जब अजय और वह एक साथ उस पर राजी हुए हों. 35 साल की काजोल कहती हैं कि जब कभी उनके पति को कोई स्क्रिप्ट ठीक लगती है, वह उसे बोरिंग कह कर रिजेक्ट कर देती हैं. तीन साल पहले अजय और काजोल यू, मी और हम फिल्म में साथ आए. इसके बाद से दोनों की एक साथ कोई फिल्म नहीं आई.

काजोल और अजय ने एक साथ हलचल, गुंडाराज, इश्क, प्यार तो होना ही था फिल्में शादी के पहले की हैं जबकि शादी के बाद दोनों ने दिल क्या करे, राजू चाचा, यू, मी और हम फिल्में की हैं.

तस्वीर: Eros International

इस साल अजय देवगन की अतिथि तुम कब जाओगे, वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई, गोलमाल थ्री और राजनीति हिट रहीं. काजोल ने कहा कि दोनों के लिए ही सबसे बड़ा दिन तब था जब उनके छोटे बेटे युग का सितंबर में जन्म हुआ.

काजोल का कहना है कि माई नेम इज खान, वी आर फैमिली, और 24 दिसंबर को रिलीज होने वाली टूनपुर का सुपरहीरो के बाद जल्दी से स्टूडियो वापस लौटने का उनका कोई इरादा नहीं है. "दो बच्चे मुझे व्यस्त रखते हैं. कुछ साल बाद फिल्म में लौटने के बारे में मैं सोचूंगी. मैं आती रहती हूं."

तस्वीर: Eros International

काजोल कहती हैं कि टूनपुर का सुपरहीरो, यू मी और हम के बिलकुल विपरीत है. यह एक अच्छी फिल्म है. काजोल बताती हैं कि बचपन में सुपरमैन उनका हीरो था क्योंकि वह कभी न खत्म होने वाला क्लासिक है. "कोई उसे खत्म नहीं कर सकता. टूनपुर का सुपरहीरो का किरदार निभाने वाले अजय भी नहीं. एक ही बात है कि सुपरमैन असली नहीं है. मुझे लगता है कि दर्शक सुपरहीरो में अपनी छवि देखें. उसे जिंदा, और मानवीय होना चाहिए. उसमें भी कुछ कमियां होनी चाहिए."

उधर अजय टूनपुर का सुपरहीरो को भारत की पहली लाइव थ्री डी एक्शन फिल्म बताते हैं. "एनिमेशन फिल्में बच्चों को लक्षित करके बनाई जाती हैं. लेकिन कई बार यह बच्चों के साथ साथ यह बड़ों की भी पसंद की होती हैं. कार्टून फिल्मों को मनोरंजन भी करना चाहिए. आजकल के बच्चे बहुत बुद्धिमान हैं क्योंकि उन्हें बहुत जानकारी मिलती रहती है. एक पांच साल के बच्चे के लिए फिल्म बनाने के लिए सोचना कि आप पांच साल की उम्र में कैसे थे, यह गलत होगा."

तस्वीर: Eros International

अजय का कहते हैं कि काजोल के साथ काम करना बहुत आरामदेह है. फिल्म 80 फीसदी एनिमेशन है और फाइटिंग की शूटिंग लाइव की गई है. तो उन्हें और काजोल को उन लोगों से बोलना था जो थे ही नहीं और "मुझे उन लोगों से लड़ना पड़ा जो थे ही नहीं. हमें इसके लिए सही हाव भाव दिखाना बहुत जरूरी थे, कुछ क्लोज अप सीन्स को बहुत बार शूट करना पड़ा."

अजय कहते हैं कि एनिमेशन के लिए पश्चिमी देशों में आठ दिन के लिए एक लाख रुपये लगते हैं लेकिन भारत में वह काम सिर्फ 20,000 रुपये में हो जाता है. "अगर कम पैसे में यहां अच्छा काम हो रहा है तो निश्चित ही भारत में कई सौ नौकरियां पैदा हो जाएंगी."

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

संपादनः ए जमाल

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें