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फिल्म बनाना चाहते हैं इमरान हाशमी

१ जुलाई २०१३

इमरान हाशमी की छवि ऐसे अभिनेता की रही है जिसकी फिल्मों में चुंबन के दृश्य जरूर रहते हैं. लेकिन अब अलग-अलग किरदार निभाकर वह अपनी इमेज बदलने की कोशिश कर रहे हैं.

तस्वीर: DW

नई इमेज बनाने के अलावा इमरान हाशमी अब फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी उतरने का मन बना रहे हैं. अपनी नई फिल्म घनचक्कर के प्रमोशन के सिलसिले में कोलकाता आए अभिनेता ने डॉयचे वेले के सवालों के जवाब दिए.

अपने अब तक के फिल्मी सफर को कैसे देखते हैं?

मेरा अब तक का सफर मिला-जुला रहा है. कामयाबी मिली है तो निराशा भी हाथ लगी है. लेकिन पिछले चार साल काफी कामयाब और सुकून भरे रहे हैं. यह कह सकता हूं कि वर्ष 2009 के बाद मेरे करियर का पुनर्जन्म हुआ है.

शुरूआती दौर की तमाम फिल्मों में क्या चुंबन के दृश्यों के चलते ही आपको कामयाबी मिली?

यह सही है कि वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई के अलावा मैंने बाकी तमाम फिल्मों में ऐसे दृश्य दिए हैं. अब ऐसे दृश्यों का उन फिल्मों की कामयाबी से कोई संबंध था या नहीं, यह कहना तो मुश्किल है. लेकिन निर्माता मेरी फिल्मों में चुंबन के एकाध दृश्य रखना नहीं भूलते थे. उनको लगता था कि ऐसे दृश्य मेरे लिए भाग्यशाली साबित होते हैं.

घनचक्कर में कॉमेडी रोल की वजह से आपकी अब तक बनी इमेज को नुकसान नहीं होगा?

एक अभिनेता को हर किस्म की भूमिकाएं करनी चाहिए. इससे उसकी प्रतिभा निखरती है और दर्शकों को भी उसके अभिनय के विभिन्न पहलुओं के बारे में पता चलता है. मुझे कड़ी मेहनत करना पसंद है. महज भाग्य के सहारे फिल्मों में कामयाबी नहीं मिल सकती. इसके लिए कड़ी मेहनत के अलावा धैर्य की भी काफी जरूरत होती है.

तस्वीर: AP

गंभीर किस्म की भूमिकाओं के बाद अचानक कॉमेडी रोल निभाने की वजह?

मैं भेड़चाल में विश्वास नहीं करता. मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहता हूं. मेरी कोशिश यह है कि दर्शकों को कुछ नया और अलग देखने को मिले. मेरा अभिनय दूसरी तमाम कॉमेडी फिल्मों के किरदारों से अलग है.

आपको नहीं लगता कि लोकप्रियता को भुनाने के मामले में आप दूसरे समकालीन अभिनेताओं से पिछड़ गए हैं?

हां, यह सही है. मैंने कभी अपनी लोकप्रियता को भुनाने या दूसरों की तरह अपना ब्रांड बनाने की कोशिश नहीं की. शुरू में तो कोई मुझे ज्यादा तवज्जो भी नहीं देता था. कामयाब फिल्मों के बावजूद इस उद्योग के लोग मुझे बिकने वाला अभिनेता नहीं मानते थे. लोगों को लगता था कि यह लड़का सिर्फ भट्ट कैंप की फिल्में ही कर सकता है. लेकिन अब चीजें बदल रही हैं.

विद्या बालन के साथ द डर्टी पिक्चर की कामयाबी के बाद अब फिर उनके साथ. आप दोनों के बीच केमिस्ट्री कैसी रही?

हमारी केमिस्ट्री अच्छी रही. हालांकि अपने किरदार के मुताबिक घनचक्कर में हम ज्यादातर समय झगड़ते ही रहे. हां, हम दोनों के बीच प्यार भी है और हम पति-पत्नी के रिश्ते को बचाने की कोशिश करते हैं. इस फिल्म में शादी के पांच साल बाद पैदा होने वाली परिस्थितियों का बखूबी चित्रण किया गया है. फिल्म आपको हंसाती तो है ही, बहुत कुछ सोचने पर भी मजबूर कर देती है. (सबको खुश नहीं कर सकतीं विद्या)

आगे क्या दूसरे अभिनेताओं की तरह निर्माण के क्षेत्र में भी हाथ आजमाने का इरादा है?

हां, दो साल के भीतर ही मेरा इस क्षेत्र में उतरने का इरादा है. यह एक बड़ी जिम्मेदारी है. इसकी पूरी योजना बनाने में कुछ समय लगेगा. इस पर ध्यान देने के लिए अभिनय से कुछ समय निकालना होगा.

इंटरव्यू: प्रभाकर, कोलकाता

संपादन: महेश झा

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