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फिल्म विरोध तेज होने की आशंका

21.09.2012

इस्लाम विरोधी फिल्म को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर पाकिस्तान, मिस्र समेत कई इस्लामी देशों ने अमेरिकी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी है. फ्रांस और दूसरे पश्चिमी देशों के प्रतिष्ठानों की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है.

अधिकारियों का अनुमान है कि आज जुमे की नमाज की वजह से प्रदर्शन और उग्र हो सकता है. अमेरिका में बनी फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन तो पहले ही हो रहे थे लेकिन इसी बीच एक फ्रांसीसी पत्रिका में इस्लाम धर्म से जुड़े कार्टून के छपने से विवाद और गहरा गया है. कार्टून चार्ली हेब्डो नाम की पत्रिका में छपे थे.

सुरक्षा के मद्देनजर पाकिस्तान में जगह जगह दंगा निरोधक पुलिस तैनात की गई है. सरकार ने आज छुट्टी घोषित कर दी है ताकि लोग शांति से विरोध प्रदर्शन कर सकें. सरकारी इमारतों की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है. इससे पहले गुरुवार को इस्लमाबाद में छात्रों ने फिल्म के विरोध में प्रदर्शन किया था. छात्रों और पुलिस की जोरदार भिड़ंत भी हुई. छात्र अमेरिका और पश्चिमी देशों के दूतावासों के अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे.

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भी तेज प्रदर्शन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रजा परवेज अशरफ समेत दूसरे राजनीतिक और धार्मिक संगठनों ने भी प्रदर्शनकारियों का साथ देने का एलान किया है. उधर, अमेरिकी सरकार ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान न जाने की सलाह दी है.

इस्लाम विरोधी फिल्म के विरोध में हुए प्रदर्शन में अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है. लीबिया में अमेरिकी राजदूत को जिंदा जला दिया गया था. अमेरिका को शक है कि इस हमले के पीछे अल कायदा का हाथ हो सकता है.

पाकिस्तान की तरह मिस्र में भी अमेरिकी प्रतिष्ठानों और पश्चिमी देशों के दूतावासों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. मिस्र में मौजूद फ्रेंच स्कूलों और सांस्कृतिक केन्द्रों को बंद कर दिया गया है और उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है. फ्रांस ने भी 20 मुस्लिम देशों में अपने दूतावास और स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है. इसी तरह जर्मनी ने भी सुरक्षा के मद्देनजर अपने दूतावासों और स्कूलों को बंद करने का एलान किया है. कुछ दिन पहले सूडान में जर्मन दूतावास के सामने हिंसक प्रदर्शन हुआ था.

ट्यूनीशिया की राजधानी ट्यूनिस में भी फिल्म के विरोध में प्रदर्शन

कयास लगाया जा रहा है कि मिस्र में फ्रांसीसी दूतावास के बाहर जुमे की नमाज के बाद पड़ा प्रदर्शन हो सकता है. हालांकि राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी की पार्टी ब्रदरहुड ने कहा है कि वो पुलिस से टकराव रोकने के लिए प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेगी. पिछले हफ्ते काहिरा में अमेरिकी दूतावास के सामने हुए प्रदर्शन में दो लोग मारे गए थे और दर्जनों घायल हो गए थे.

ईरान में भी जुमे की नमाज के बाद बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी बताई जा रही है. एक दिन पहले तेहरान में प्रदर्शनकारियों ने फ्रांसीसी दूतावास के अंदर भी घुसने की कोशिश की थी. अफगानिस्तान में भी इस्लाम विरोधी फिल्म और कार्टून के चलते प्रदर्शन हो चुके हैं. जुमे की नमाज के बाद यहां भी बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारियों के जुटने के कयास लगाए जा रहे हैं.

वीडी/एजेए (डीपीए,एएफपी)