फीफा में कोहराम को संकट नहीं मानते ब्लाटर
३१ मई २०११![epa02759773 FIFA President Joseph S. Blatter (2-R) talks to the media during a press conference in Zurich, Switzerland, 30 May 2011. Blatter denied that football's world governing body, FIFA, is in crisis, in spite of the current corruption scandal surrounding the organisation. EPA/ALESSANDRO DELLA BELLA](https://static.dw.com/image/15118262_800.webp)
फीफा में भ्रष्टाचार और घूसखोरी के आरोपों के चलते कोहराम मचा हुआ है. आरोप लग रहे हैं कि कतर ने 2022 का वर्ल्ड कप कराने का अधिकार खरीदा है. दो अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है. ब्लाटर को चुनावों में चुनौती देने की तैयारी कर रहे मोहम्मद बिन हम्माम ने अपना नाम वापस ले लिया है जिसके चलते ब्लाटर के लिए चौथी बार अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो गया है.
'छोटी मोटी दिक्कत'
जिसे दुनियाभर के मीडिया में फुटबॉल का सबसे बड़ा संकट कहा जा रहा है, उसे ब्लाटर ने छोटी मोटी दिक्कत बताया है. हालांकि सोमवार को एक ईमेल लीक हुआ जिसने इस संकट की गंभीरता को और बढ़ा दिया. कॉन्फेडरेशन ऑफ नॉर्थ सेन्ट्रल अमेरिकन एंड कैरिबियन एसोसिएशन फुटबॉलकोनकाकाफ के अध्यक्ष जैक वॉर्नर ने इस ईमेल को सार्वजनिक किया. इसमें फीफा महासचिव जेरोम वाल्के ने लिखा है कि जिस तरह कतर ने वर्ल्ड कप खरीद लिया क्या उसी तरह मोहम्मद बिन हम्माम पद नहीं खरीद सकते. हालांकि बाद में वाल्के ने सफाई देते हुए कहा कि उनका इशारा भ्रष्टाचार की ओर बिल्कुल नहीं था बल्कि वह तो खाड़ी देश की आर्थिक ताकत की बात कर रहे थे.
कतर ने भी एक बयान जारी कर कहा है कि उसने कोई गलत काम नहीं किया. कतर को ब्लाटर का भी समर्थन मिला. सोमवार शाम आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में ब्लाटर ने कहा कि 2018 और 2022 के वर्ल्ड कप के लिए जगह चुनने के बारे में किसी तरह की धांधली के सबूत नहीं मिले हैं.
75 साल के स्विस नागरिक ब्लाटर 1998 से फुटबॉल की प्रशासनिक संस्था के अध्यक्ष हैं. बुधवार को होने वाले चुनाव में वह चौथी बार अध्यक्ष बनेंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया