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फील्डिंग सुधारना तो मुश्किल हैः धोनी

२८ फ़रवरी २०११

लचर फील्डिंग के कारण भारत रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ मैच में हारते हारते बचा. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का कहना है कि फील्डिंग को सुधारना मुश्किल है. इसके लिए वह खिलाड़ियों की उम्र का हवाला दे रहे हैं.

तस्वीर: AP

बैंगलोर में हुए वर्ल्ड कप के मुकाबले में भारत ने इंग्लैंड के सामने 338 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया जिसमें सचिन तेंदुलकर की सेंचुरी भी शामिल रही. लेकिन मैच का अंत बहुत ही नाटकीय ढंग से टाई पर हुआ. कप्तान एंड्रूय स्ट्रॉस की 158 रन की पारी की बदौलत इंग्लैंड भारत के स्कोर की बराबरी करने में कामयाब रहा.

टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का कहना है कि उनकी टीम का ताना बाना कुछ ऐसा है कि फील्डिंग को बेहतर बनाना मुश्किल है.

वह कहते हैं, "मुझे नहीं लगता कि हम फील्डिंग को बेहतर बना सकते हैं क्योंकि हमारी टीम में कई फील्डर थोड़े सुस्त हैं. लेकिन जहां तक बॉलिंग की बात है तो यह चिंता की बात है. हमारे पास प्रतिभाशाली गेंदबाज हैं तो आने वाले मैचों में हम सुधार की उम्मीद कर सकते हैं."

37 वर्षीय तेंदुलकर भारतीय टीम में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं. इसके बाद वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान का नंबर आता है. दोनों 32 साल के हैं. लेकिन दूसरे कई बल्लेबाज भी 30 के आसपास हैं.

रविवार का मैच टाई होने पर धोनी कहते हैं, "मैं निराश भी नहीं हूं और न ही उत्साहित. मिली जुली भावना है. ऐसा भी वक्त आया जब हम मैच हार सकते थे और ऐसा भी जब हम जीत सकते थे. यह रोमांचक मैच था क्योंकि दोनों ही टीमें कभी न कभी हार और जीत के बीच झूल रही थीं. सारा श्रेय इंग्लैंड को जाता है. उन्होंने बढ़िया खेला."

जब धोनी से इंग्लैंड की पारी के दौरान अक्सर उनकी और सहवाग की बातचीत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ चर्चा करना टीम के लिए अच्छा होता है. धोनी मानते हैं, "कुछ फैसले होते हैं जो आपको लेने होते हैं. हमारी टीम में कुछ अनुभवी खिलाड़ी हैं और हमारी कोशिश होती है कि अपनी टीम के लिए बेहतरीन फैसले लें. मैं हमेशा तेज गेंदबाजों को अपनी तरह फील्डिंग सेट करने का मौका देता हूं. जब यह तरकीब काम नहीं करती हैं तो मैं फील्डिंग सेट करता हूं."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

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