फुकुशिमा संयंत्र में थोड़ी सी कामयाबी
१८ मार्च २०११इंजीनियर भूकंप में तबाह हुए दो रिएक्टरों तक बिजली की केबल पहुंचाने में कामयाब हो गए हैं. इस बिजली के जरिए पानी को रिएक्टर तक पहुंचाया जा सकेगा. रिएक्टर को ठंडा रखने के लिए पानी की जरूरत है. भूकंप के बाद आई सूनामी ने रिएक्टर की बिजली व्यवस्था को ठप कर दिया था जिस वजह से रिएक्टर लगातार गर्म हो रहे हैं और विकिरण का खतरा बना हुआ है.
काम की गति धीमी
अधिकारियों ने कहा कि रविवार तक बाकी दो रिएक्टरों तक भी बिजली पहुंचने की उम्मीद है. हालांकि साथ साथ हेलिकॉप्टरों और ट्रकों से भी रिएक्टर पर पानी छिड़का जा रहा है. इसलिए बिजली की तार बिछाने के काम को बार बार रोकना पड़ रहा है.
रिएक्टर को चलाने वाली टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के अधिकारी ने कहा, "जितनी तेजी से हम काम करने की उम्मीद कर रहे थे उतनी जल्दी हो नहीं पाया है. बार बार इंजीनियरों का रेडिएशन लेवल भी चेक किया जा रहा है."
अमेरिका परेशान
जापान के परमाणु संकट की वजह से अमेरिका समेत कई देशों में चिंता बनी हुई है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि जापान के संकट से अमेरिकी क्षेत्र में कोई खतरा नहीं है. लेकिन उन्होंने अपने परमाणु संयंत्रों की गहन जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा, "हमें नहीं लगता कि जापान से खतरनाक विकिरण अमेरिका के किसी इलाके तक पहुंचेंगा, फिर चाहे यह पश्चिमी तट हो या हवाई, अलास्का के इलाके."
इस बीच जापान में भूकंप और सूनामी से मरने वाले लोगों की तादाद 5,600 को पार कर गई है. लापता लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. अब भी 9,500 से ज्यादा लोग लापता हैं. इसका मतलब है कि मरने वालों की संख्या में भी और बढ़ोतरी हो सकती है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा