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फुटबॉल पर छाया सुरक्षा का 'जुनून'

२३ अक्टूबर २०१२

जर्मनी में फुटबॉल मैच देखना अपने आप में बहुत बड़ी घटना होती है. फैंस अपनी टीमों की हौसलाअफजाइ के चक्कर में कई बार आपस में भिड़ जाते हैं. इसे रोकने के लिए अब स्थानीय सरकारें नई योजना बना रही हैं.

तस्वीर: picture alliance/Sven Simon

हाल ही में बोरुसिया डॉर्टमुंड और शाल्के की टीमों के बीच एक मैच में समर्थकों के बीच झगड़ा हो गया. शाल्के और डॉर्टमुंड, दोनों की टीमों के फैंस बहुत ही ज्यादा भड़के हुए थे. स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने भी यह बात मानी कि ऐसी हिंसा बहुत दिनों बाद देखने को मिली है. पुलिस को पानी की बौछार और पेपर स्प्रे से लोगों को तितर बितर करना पड़ा. झड़पों में आठ पुलिस अधिकारी घायल भी हुए. दंगा करने वाले लोगों में से 180 को हिरासत में ले लिया गया. शनिवार को खेल के दौरान 1,200 पुलिसकर्मी तैनात थे.

तस्वीर: picture alliance/DeFodi

पुलिस का कहना है कि कुछ गुट दंगा करने के इरादे से आए थे. कई हिंसक फैंस डॉर्टमुंड शहर में रुके रहे. पुलिस का दावा है कि दंगा कर रहे लोगों ने पुलिस के सुरक्षा बंदोबस्त के बावजूद दूसरी टीम के समर्थकों से जानबूझकर झगड़ा किया. खेल शुरू होने से पहले फैंस ने पुलिसकर्मियों को रोका और सड़कों के बीच खड़े हो गए. डॉर्टमुंड के कुछ समर्थकों ने तोड़फोड़ और आगजनी की.

इस बीच स्थानीय सरकारें फुटबॉल क्लबों से मांग कर रही हैं कि वे सुरक्षा योजनाओं के प्रस्तावों का समर्थन करें. बुंडेसलीगा के दूसरे स्तर की कई टीमों ने सुरक्षा योजना को अपनाने से साफ मना कर दिया है. सरकारें चाहती हैं कि इस साल 12 दिसंबर से सुरक्षा नियमों को खेलों के दौरान लागू किया जाए. डॉर्टमुंड में हुई हिंसा की वजह से सरकारें और तेजी से सुरक्षा लागू करवाना चाहती हैं.

तस्वीर: dapd

बर्लिन में गृह मंत्रियों की बैठक के दौरान एक सुरक्षा प्रणाली तय की गई, लेकिन इसके लागू होने पर कई सवाल खड़े हो गए हैं. योजना में लिखा है कि स्टेडियम में घुसने के दौरान जांच को सख्त किया जाए और खिलाड़ियों या स्पॉन्सरों के मेहमानों के लिए टिकटों को कम किया जाए. लेकिन क्लब इससे सहमत नहीं हैं. वह इसे सरकार की सुरक्षा को लेकर जुनून बता रहे हैं. आइन्त्राख्ट फ्रैंकफर्ट के वित्तीय प्रमुख आक्सेल हेलमान का कहना है कि समयसीमा को देखते हुए इस वक्त ऐसा नहीं किया जा सकता और पुलिस का भी यही मानना है. हेर्था बर्लिन की टीम भी कहती है कि फैंस की भावनाओं को भी देखा जाना चाहिए और इसलिए वह सरकार की योजना से सहमत नहीं है.

तस्वीर: dapd

नॉर्थराइन वेस्टफेलिया के पुलिस प्रतिनिधियों का कहना है कि खास फुटबॉल से संबंधित हिंसा के लिए शहरों के प्रशासन को एक अभियोजन वकील रखना चाहिए जो इस मामले को अच्छे से जानता हो और उसी के मुताबिक हिंसा पर अपनी राय दे सके. पुलिस का कहना है कि केवल नॉर्थराइन वेस्टफेलिया में गुंडों के 4,000 छोटे छोटे गुट हैं जो किसी से बात नहीं करना चाहते, जो कोई कानून नहीं मानते. इसलिए पुलिस को इस तरह की हिंसा के लिए तैयारी कर लेनी चाहिए. पुलिस का कहना है कि जिन गुटों का पता लगाया जा चुका है, उन्हें स्टेडियम में आने से प्रतिबंधित करना चाहिए.

एमजी/एनआर (डीपीए, एसआईडी)

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