फ्रांस के कोर्सिया में अगस्त महीने में बास्तिया और मार्से के बीच वीकएंड मैच हुआ था जिसमें हिंसक झड़पें हुईं थीं. इन झड़पों में 44 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिसके बाद फ्रांस सरकार को फुटबॉल अधिकारियों से अस्वीकार्य हिंसा को रोकने के लिए कहना पड़ा. गुरुवार को फ्रांस के गृह मंत्री बर्नार्ड कैज्नोव, युवा मामलों के मंत्री पैट्रिक कनर और फुटबॉल के कर्ताधर्ताओं के बीच बैठक हुई. इस बैठक के बाद दोनों मंत्रालय ने एक साझा बयान में कहा कि हिंसक तत्वों से निपटने के लिए तत्काल प्रभाव से स्टेडियम पर रोक लगाए जाने के अलावा अन्य कदम उठाए जाएंगे.
पिछले साल नवंबर में एक हाईप्रोफाइल घटना हुई थी जिसमें सुरक्षा दल के तीन सदस्य घायल हो गए थे जब सेंट एचिन समर्थकों ने स्टेडियम में लगी कुर्सियों को उखाड़ कर नीस के फैंस पर फेंकना शुरू कर दिया था. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "अधिकारी अपने विशेषाधिकार का पूरा इस्तेमाल करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दोबारा स्टेडियम के भीतर और बाहर हिंसा न हो. अगर जरूरत पड़ी तो फैंस की यात्रा पर रोक लगा दी जाएगी."
रविवार को फ्रेंच लीग में सेंट एचिन के 600 सीमित फैंस को वेलोड्रोम स्टेडियम में जाने की इजाजत मिली है. इस दिन मार्से के साथ सेंट एचिन के बीच मुकाबला होना है. सेंट एचिन के फैंस को अकेले यात्रा करने की इजाजत नहीं है. इसके अलावा अधिकारी फ्रांस में हिंसक फैंस को ट्रैक करेंगे. यूरोपीय देशों के साथ सहयोग की शुरुआत होगी जिससे विदेश से आने वाले समर्थकों का सहज और सुरक्षित तरीके से स्वागत किया जा सके.
हालांकि फ्रांस के शीर्ष क्लब पेरिस सेंट जर्मेन ने सालों से चले आ रहे हुड़दंग को रोकने के लिए कदम उठाए. लेकिन क्लब के कुछ समर्थक कभी कभी हिंसक रूप ले लेते हैं. अप्रैल में चैंपियंस लीग के क्वार्टर फाइनल में चेल्सी के फैंस से ऐसे फैंस भिड़ गए थे. क्लबों से भी कहा गया है कि वह नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए हिंसक फैंस की सदस्यता रद्द करने में संकोच न करें.
एए/एमजे (एएफपी)
भारत का मंगलयान 24 सितंबर को मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंच गया. इसी के साथ भारत पहला ऐसा देश बन गया है जिसने पहली ही बार में अपने यान को सफलतापूर्वक मंगल तक पहुंचा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Jagadeesh NVभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा कि मंगल की कक्षा में जाने की प्रक्रिया बिना किसी गड़बड़ी के हो गई. तरल इंजन के 24 मिनट के बर्न आउट के बाद यान कक्षा में स्थापित हो गया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Jagadeesh NVप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस दौरान बैंगलोर में इसरो के वैज्ञानिकों के साथ थे. उन्होंने बधाई देते हुए कहा, "हमने इंसानी साहस और नवीनता की सीमा पार कर ली है. हमने अपने यान को एक ऐसे रास्ते पर भेजा जो बहुत कम लोगों को ही मालूम है. सभी वैज्ञानिकों और भारतीयों को बधाई."
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Jagadeesh NVमंगल पर यान भेजना कोई आसान काम नहीं है. अब तक आधी कोशिशें ही सफल हो पाई हैं. इसी के साथ भारत अमेरिका, रूस और यूरोप के साथ मंगल तक पहुंचने वाले शामिल हो गया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Indian Space Research Organisationमंगलयान लाल ग्रह की सतह पर नहीं उतरेगा, बल्कि उसके आस पास चक्कर काटेगा और मंगल ग्रह के वातावरण पर शोध करेगा. इससे जीवन के लिए जरुरी मीथेन गैस के बारे में जानकारी मिल सकेगी.
तस्वीर: imago/United Archives1,350 किलोग्राम का मंगलयान अगले छह महीने लाल ग्रह के आस पास रहेगा और मंगल के बारे में आंकड़े जमा करेगा. इसमें पांच सौर पैनल लगे हैं जिससे यह ऊर्जा ले रहा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaनासा ने मार्स पर मंगलयान के पहुंचने का उसका स्वागत किया. भारतीय वैज्ञानिकों ने मंगल यात्रा के लिए कम इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक स्लिंगशॉट का इस्तेमाल किया.
तस्वीर: imago/Xinhuaनासा के मार्स क्यूरियोसिटी मिशन ने ट्विटर पर मंगलयान को बधाई देते हुए 'नमस्ते' लिखा. नासा का मेवन भी सोमवार को ही मंगल की कक्षा में पहुंचा है.
तस्वीर: Twitter2013 में पांच नवंबर को भारत ने मंगलयान को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया था. भारत के वैज्ञानिकों के लिए यह मिशन बहुत अहम और गर्व करने वाला है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Indian Space Research Organisation