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फुटबॉल विश्व कप: ग्रैफिटी के जरिए निशाना

३ मई २०१४

जैसे जैसे फुटबॉल विश्व कप नजदीक आ रहा है इससे जुड़े दिलचस्प पहलू भी सामने आ रहे हैं. रियो दे जनेरो की सड़कों पर ग्रैफिटी कलाकारों के बीच रंगों की लड़ाई छिड़ गई है. विश्व कप के समर्थन और विरोध में ग्रैफिटी बनाई जा रही है.

तस्वीर: Getty Images/AFP

ब्राजील में फुटबॉल विश्व कप होने में करीब 39 दिन बचे हैं. विश्व कप की तैयारियों को लेकर वह पहले ही गलत वजहों से चर्चा में है. अब रियो दे जनेरो में ग्रैफिटी कलाकार इस आयोजन पर पानी की तरह बहाए जा रहे पैसे को लेकर सवाल उठा रहे हैं. वे अपनी ग्रैफिटी के जरिए सवाल कर रहे हैं. कुछ कलाकर ऐसे भी हैं जो ब्राजील में हो रहे विश्व कप के समर्थन में रियो की सड़कों पर रंग बिरंगी आकृति बना रहे हैं.

रियो सिटी हॉल ने फरवरी में "ग्रैफिटी रियो" नाम का आदेश पास किया है. इस आदेश के मुताबिक सार्वजनिक जगहों पर ग्रैफिटी बनाई जा सकती है लेकिन तस्वीरें व्यावसायिक, अश्लील, जातिवाद या भेदभाव से जुड़ी नहीं होनी चाहिए. ब्राजील की जनता में फुटबॉल विश्व कप के आयोजन को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया है. कलाकार जिस तरह की ग्रैफिटी बना रहे हैं वो एकदम नई तरह की सोच को इजहार करती हैं जो जनता के बीच मजबूत लेकिन मिश्रित भावनाओं का विषय बन गई है.

उदाहरण के लिए लारनजेरेस शहर में एक कलाकार ने विश्व कप के समर्थन में ग्रैफिटी बनाई है जिसमें 2002 के चैंपियन रोनाल्डो का चित्रण किया गया है. एक और शहर सैंटा तेरेजा में ब्राजील को 1958 में मिली स्वीडन पर जीत की तस्वीरें बनाई गई है.

कुछ ग्रैफिटी समर्थन में हैं तो कुछ विरोध मेंतस्वीर: C.Simon/AFP/GettyImages

सिक्के का दूसरा पहलू भी है. यह वह पहलू है जो विश्व कप का दूसरा हिस्सा दिखाता है. ग्रैफिटी के जरिए इसे बताने की कोशिश की गई है. विश्व कप का फाइनल मुकाबला मरकाना स्टेडियम में खेला जाना है. इसी स्टेडियम से कुछ दूरी पर विश्व कप का बदरंग चेहरा दर्शाया गया है. एक कलाकार ने अपनी ग्रैफिटी के जरिए 2014 के शुभंकर को इंसाफ का बलात्कार करते दिखाया है. इस साल के विश्व कप का शुभंकर फुलेको है.

शुभंकर के बगल में ही संदेश लिखा हुआ, "कप की तरफ से कितने और लोगों को बेघर किया जाएगा? हाल ही में इस स्टेडियम को मरम्मत करके चमकाया गया है और यह सवाल उन लोगों से जुड़ा है जो स्टेडियम के पास बसी बस्ती में रहते थे और उन्हें वहां से हटा दिया गया. रात के अंधेरे में दीवारों पर ग्रैफिटी बनाने वाला एक कलाकार कहता है, "हमने अपनी ग्रैफिटी में मोलोटोव का इस्तेमाल किया है. हमारा उद्देश्य हिंसा भड़काना नहीं है. यह बस विरोध का तरीका है. इस विश्व कप के साथ सब कुछ पागलपन की तरह हो रहा है. निर्माण पर भारी खर्च किया जा रहा है. और भ्रष्टाचार हो रहा है."

एए/एमजे (एएफपी)

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