1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

फेटल को सुलगते बहरीन में पहली पोल पोजिशन

२१ अप्रैल २०१२

मेलबर्न, मलेशिया और शंघाई में चूके चैम्पियन ने बहरीन में दिखाया दम. विरोध प्रदर्शन की लपटों में सुलगते बहरीन की सड़क से साल में पहली बार पोल पोजिशन पर फेटल का कब्जा. महज 0.092 सेकेंड से चूके लुई हैमिल्टन दूसरे नंबर पर.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मन ड्राइवर ने एक मिनट 32.422 सेकेंड का समय निकाला और पोल पोजिशन हासिल कर ली. आखिरी लाईन पार करते ही फेटल टीम रेडियो पर चीख पड़े, "यस बेबी, वी डिड इट." फेटल के टीम साथी ऑस्ट्रेलियाई ड्राइवर मार्क वेबस तीसरे नंबर पर रहे और वो दूसरी कतार में सबसे अगली पोजिशन से रेस शुरू करेंगे. मेक्लारेन के दूसरे ड्राइवर जेन्सन बटन उनके साथ होंगे जो चौथे नंबर पर रहे थे.

शंघाई की रेस जीतने वाले मर्सिडीज के निको रोजबर्ग पांचवे नंबर पर रहे और उनके बाद डैनियल रिक्कियार्डो का नंबर आता है. फोर्स इंडिया के पॉल डी रेस्टा भी पहले 10 ड्राइवरों में शामिल हैं. सात बार के विजेता माइकल शूमाखर पहले दौर में भिड़ गए थे वो रेस 18वीं पोजिशन से शुरू करेंगे. फेरारी के फिलिपे मासा 14वीं पोजिशन से रूस शुरू करेगा.

तस्वीर: DW/K.Leigh

एक तरफ फॉर्मूला कारों के पहिए धुआं उड़ा रहे हैं तो दूसरी ओर विरोध प्रदर्शनों की आंच शहर की फिजा को गर्माए हुए है. प्रदर्शनकारियों की कई जगहों पर पुलिस से झड़प हुई है. विरोध प्रदर्शनकारियों का दावा है कि पुलिस की कार्रवाई में एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हुई है. शाखूरा गांव में 36 साल के सलाह अब्बास हबीब की लाश मिली है. यहां आधी रात को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की. बहरीन की सबसे बड़े विपक्षी शिया गुट अल वफाक के मुताबिक, "आधी रात को पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर धावा बोला, कई लोगों को बेरहमी से पीटा गया." चश्मदीदों के मुताबिक पुलिस ने आंसू गैस और धमाका करने वाले बमों का इस्तेमाल कर भीड़ को तितर बितर किया.

शनिवार को फॉर्मूला वन रेस वाली जगह के आस पास दर्जनों बख्तरबंद गाड़ियां तैनात कर दी गई हैं. सुरक्षा के लिए नए द्वार बनाए गए हैं और कड़ी तलाशी के बाद ही लोगों को अंदर जाने दिया जा रहा है. अधिकारी जोर दे कर कह रहे हैं कि रेस पूरी तरह से सुरक्षित है. बहरीन के युवराज सलमान बिन हमाद अल खलीफा ने एक दिन पहले कहा, "मेरा ख्याल है कि रेस रद्द होने से चरमपंथियों की ताकत बढ़ेगी." इन विरोध प्रदर्शनों के कारण ही पिछले साल फॉर्मूला वन की रेस रद्द कर दी गई थी. साल भर से ज्यादा वक्त हो गया जब देश विरोध प्रदर्शनों की आग में सुलग रहा है. विपक्षी पार्टियां देश में लोकतांत्रिक सुधारों के पक्ष में आवाज बुलंद कर रही हैं और सरकार उन्हें दबाने के लिए अपनी तरफ से पूरी ताकत का इस्तेमाल कर रही है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

रेस में शामिल हो रहे ड्राइवरों ने बहरीन की घटनाओं पर दुख जताया है लेकिन रेस के पक्ष में अपनी राय दी है. उनका कहना है कि रेस को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.

एनआर/एएम(डीपीए,एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें