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फेडरर से रुठे घरवाले

१ नवम्बर २०१२

रोजर फेडरर को भले ही दुनिया का बेहतरीन टेनिस खिलाड़ी माना जाता हो, लेकिन उनके अपने देश स्विट्जरलैंड में उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. उन पर पैसे के पीछे भागने के आरोप लगाए जा रहे हैं.

तस्वीर: Reuters

स्विस दैनिक टागेस अनसाइगर ने लिखा है, "कोर्ट पर वे इस तरह खेलते हैं, जैसे वे दूसरे लोक के हों, लेकिन उसके बाहर वे ज्यादा इंसानी दिखते हैं. कुछ अपूर्ण से, ज्यादा मानवीय." यह मानवीय होना पैसे के लिए उनके प्यार और डेविस कप के लिए प्रतिबद्धता के अभाव से जुड़ा है. डेविस कप में टेनिस खिलाड़ी अपने लिए नहीं बल्कि अपने देश के लिए खेलते हैं. पिछले हफ्ते फेडरर का अपने शहर बाजेल का दौरा पीड़ादायक था. वहां होने वाले मध्यस्तरीय टूर्नामेंट के फाइनल में वे अर्जेंटीना के खुआन मार्टिन डेल पोर्तो से टाई ब्रेक में हार गए. सेंट याकोब हॉल के गलियारों में उनकी मांगों पर अचंभे वाली टिप्पणियां सुनी गईं. कभी वे यहां बॉल बॉय हुआ करते थे, लेकिन अब उन्होंने इस टूर्मानेंट में आने लिए अपनी शर्तें बढ़ा दी हैं.

पिछले चार सालों में फेडरर को पुरस्कार राशि के अलावा हर साल टैक्स फ्री 5,00,000 डॉलर मिलते रहे हैं. टूर्नामेंट सूत्रों ने डीपीए को बताया कि अब वे पांच लाख के बदले 20 लाख डॉलर चाहते हैं. स्विस मीडिया ने 10 से 15 लाख डॉलर की बात कही है. सेविस टेनिस फेडेरेशन के अध्यक्ष रेने श्टामबाख ने हाल ही में चेतावनी दी, "हम कतर नहीं हैं." टूर्नामेंट के डायरेक्टर रोजर ब्रेनवाल्ड इस पर सहमति जताते हैं, "हम इस बात के लिए सब कुछ करेंगे कि रोजर फेडरर बाजेल में खेलना जारी रखें. लेकिन हमारे पास अक्षत संभावनाएं नहीं हैं. संभव है कि हम और न कर पाएं. हर कोई रॉल्स रॉयस नहीं रख सकता."

बाजेल टूर्नामेंट में पिछले सात साल सात बार फाइनल में पहुंचने और पांच बार इसे जीतने वाले फेडरर इस बात से इनकार करते हैं कि पैसा कोई मुद्दा है. "यदि मैं पैसे के पीछे भाग रहा होता तो दूसरे फैसले करता, एशियाई देशों में खेल रहा होता. मैंने बाजेल को हमेशा ही प्राथमिकता दी है. मैंने हमेशा टूर्नामेंट की काफी मदद की है, इसलिए जिम्मेदारी मेरे बदले ब्रेनवाल्ड पर है." मध्यस्तरीय टूर्नामेंट के रूप में बाजेल की सफलता मुख्यतः फेडरर पर निर्भर है. उनके बिना दर्शकों और स्पॉन्सर की संख्या तेजी से नीचे जाएगी. फेडरर को इस बात का पता है. यह बात भी सही है कि अपने गृहनगर में खेलने के कारण फेडरर ने पिछले सालों में लाखों डॉलर गंवाए हैं जो वे एशियाई टूर्नामेंटों में खेलकर या इसी समय होने वाली प्रदर्शनियों में हिस्सा लेकर कमा सकते थे.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

स्विट्जरलैंड में लोग फेडरर की डेविस कप के लिए उनके रवैये को लेकर भी आलोचना कर रहे हैं. वे कहते हैं कि वे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने का सपना देखते हैं, लेकिन शायद ही कभी टूर्नामेंट में खेलते हैं. स्विस फेडरेशन को फरवरी 2013 में चेक गणतंत्र के खिलाफ होने वाले मुकाबले को बाजेल से हटाकर जेनेवा ले जाना पड़ा क्योंकि फेडरर ने संकेत दिया कि बाजेल में उन पर खेलने का दबाव बढ़ जाएगा. स्विस नंबर दो खिलाड़ी स्टानिस्लास वावरिंका ने निराशा जाहिर करते हुए कहा, "मैं उन्हें कतई नहीं समझ पा रहा." फेडरर के दोस्त और नंबर तीन खिलाड़ी मार्को चियुडिनेली कहते हैं, "मुझे नहीं लगता कि हम उन्हें मना पाएंगे."

फेडरर के मैनेजर टोनी गॉडसिक ने टागेस अनसाइगर को बताया है कि टेनिस स्टार भविष्य में बहुत चुनिंदा रहना चाहते हैं, क्योंकि बाजेल, पैरिस और लंदन में लगातार तीन हफ्ते तक खेलना अच्छा विचार नहीं होगा. गॉडसिक ने कहा, "हम इंतजार करना और देखना चाहते हैं." अखबार ने अपना ही नतीजा निकाला है. उसका कहना है कि फेडरर बुद्धिमत्ता से योजना बनाना चाहते हैं ताकि वे अपने करियर को जहां तक संभव हो बढ़ा सकें. ऐसा लगता है कि वे अब अपने शहर के टूर्नामेंट को उच्च प्राथमिकता नहीं देना चाहते, जैसा कि पिछले सालों में डेविस कप के साथ हुआ है.

एमजे/ओएसजे (डीपीए)

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