करीब 20 मिनट तक धरती के एक कंप्यूटर के फेसबुक लाइव चैट विंडों से दिखाई और सुनाई दिए अंतरिक्ष की गहराइयों में बसे आईएसएस के एस्ट्रोनॉट. देखिए अपनी तरह की पहली घटना.
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फेसबुक प्रमुख मार्क जकरबर्ग ने दुनिाय भर में फैले अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ही अंतरिक्ष में संपर्क साध लिया. फेसबुक की लाइव-स्ट्रीमिंग चैट के जरिए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र, आईएसएस के अंतरिक्षयात्रियों से 20 मिनट तक बातचीत की.
इस लाइव वीडियो प्रसारण को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है. एस्ट्रोनॉट्स से बातचीत में जकरबर्ग ने स्पेस स्टेशन में किए जा रहे काम की प्रशंसा की और कुछ सवाल भी पूछे. इनमें से ज्यादातर सवाल आम लोगों ने फेसबुक पर ही जकरबर्ग को भेजे थे.
जकरबर्ग ने कहा कि फेसबुक का मकसद दुनिया भर के लोगों को जोड़ना तो है ही, इस बार "अंतरिक्ष में मौजूद लोगों को जोड़ पाना अपने आप में एक चरम और आनंददायक बात है."
धरती से जकरबर्ग ने अंतरिक्ष में आईएसएस क्रू के तीन सदस्यों से बात की. उन्होंने स्पेस में हो रहे वैज्ञानिक परीक्षणों के बारे में भी पूछा. जकरबर्ग ने यह भी जानना चाहा कि अंतरिक्ष में खाना उन्हें कैसा लगता है और वे मजे के लिए क्या करते हैं. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर हमेशा अंतरिक्ष यात्रियों का दल मौजूद रहता है. अंतरिक्ष यात्री वहां 6 महीने बिता कर लौट आते हैं.
Time-lapse video of earth from space
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आईएसएस में जीरो ग्रैविटी का दहन, द्रव और मानव शरीर पर असर का पता लगाने वाले कई परीक्षण किए जा रहे हैं. एस्ट्रोनॉट्स ने बताया कि अंतरिक्ष में लोगों और स्पेस स्टेशन का सही सलामत रह पाना भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
अंतरिक्ष में रहने के अपने अनुभव के बारे में उन्होंने बताया कि खाने की चीजों का स्वाद वहां कुछ बदला हुआ लगता है. इससे निपटने के लिए एस्ट्रोनॉट अपने भोजन में कई तरह के मसाले मिलाते हैं.
आईएसएस के कमांडर टिमोथी कोपरा ने कहा कि उन्हें स्पेस से फेसबुक पर तस्वीरें शेयर करना भाता है. तीनों एस्ट्रोनॉट्स ने एक साथ वीडियों में समरसॉल्ट कर के दिखाया है. जकरबर्ग अपनी ही प्रोडक्ट की असीम क्षमता पर आश्चर्य मिश्रित खुशी के साथ बोलते दिखे, "जीरो ग्रैविटी में फ्लिप किए बिना बाहरी अंतरिक्ष से एस्ट्रोनॉट्स के साथ हो रही पहली लाइव चैट पूरी ही नहीं होती. इस का काम कर जाना शानदार है."
अंतरिक्ष में भी उगते हैं फूल और सब्जियां
अंतरिक्ष में उगे पहले फूल ने सब को हैरान कर दिया. लेकिन इस फूल के अलावा भी अंतरिक्ष में काफी कुछ उगाया जा रहा है. जानिए अब तक क्या क्या उगा और कैसे.
तस्वीर: picture alliance/Zuma Press/Twentieth Century Fox
पहला फूल
यह है जीनिया. अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन आईएसएस पर खिला पहला फूल. जीनिया को खाया भी जा सकता है. इसे उगाने का मकसद भी अंतरिक्ष यान की खूबसूरती बढ़ाना नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में यात्रियों का पेट भरना है. इस तस्वीर को अंतरिक्ष यात्री स्कॉट केली ने ट्वीट किया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/NASA
स्कॉट केली
23 अक्टूबर 2015 को स्कॉट केली अंतरिक्ष में सबसे लंबा वक्त बिताने वाले इंसान बन गए. तब तक वे स्पेस में 382 दिन बिता चुके थे. फिलहाल वे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के "वन ईयर मिशन" के कप्तान हैं और लगातार अंतरिक्ष से तस्वीरें ट्वीट करते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/NASA
वन ईयर मिशन
मार्च 2015 से अमेरिका के स्कॉट केली और रूस के मिखाइल कोरनीएंको नासा के वन ईयर मिशन का हिस्सा हैं. मकसद है आईएसएस पर रह कर अंतरिक्ष यात्रियों की मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करना.
तस्वीर: Reuters/NASA
वेजी
अंतरिक्ष यात्रियों को खुद अपने लिए खाना भी उगाना है. इस प्रोजेक्ट को नासा ने वेजिटेबल प्रोडक्शन सिस्टम का नाम दिया है, जिसे वेजी कहा जाने लगा है. मकसद है ऐसी चीजें उगाना जो भविष्य में मंगल पर रहने वाली बस्ती के काम आ सकें.
तस्वीर: Bryan Versteeg/Mars One
एयरोपॉनिक्स
अंतरिक्ष में पौधों को बिना मिट्टी के उगाया जाता है. इसमें बहुत कम पानी और खाद खर्च होती है. इस तरीके को एयरोपॉनिक्स कहा जाता है. इसमें पौधे सामान्य से तीन गुना ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
मुश्किलें
पौधों को अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी का सामना करना पड़ता है, इसलिए उन्हें उगाना मुश्किल हो जाता है. जीनिया के पौधे पर ज्यादा नमी के कारण फफूंद लग गयी थी लेकिन केली उसे बचाने में कामयाब रहे.
तस्वीर: Gallup/Getty Images
सलाद
2014 में आईएसएस पर पौधे उगाने का सिलसिला शुरू हुआ. 2015 में क्रू ने पहली बार सलाद उगा कर चखा (तस्वीर में). इससे पहले 2012 में अंतरिक्ष यात्री डॉनल्ड पेटिट ने जुकीनी (एक तरह की लौकी) का पौधा भी उगाया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/NASA TV
टमाटर
नासा की लिस्ट पर अगली सब्जी है चीनी बंद गोभी. इसके बाद 2018 में आईएसएस पर टमाटर उगाने की भी योजना है. साथ ही सलाद के पत्तों को बेहतर बनाना है. ये सब पौधे छोटे छोटे ग्रीनहाउस में उगाए जाएंगे.
तस्वीर: DLR (CC-BY 3.0)
फिल्म जैसा
2015 में आई हॉलीवुड की बहुचर्चित फिल्म "मार्शियन" में काफी कुछ वैसा दिखाया गया है, जैसा नासा कर रहा है या फिर करने की योजना रखता है. स्कॉट केली भी खुद अपनी तुलना फिल्म के मुख्य किरदार मार्क वॉटनी से कर चुके हैं.
तस्वीर: picture alliance/Zuma Press/Twentieth Century Fox