फेसबुक प्राइवेसी सेटिंग को आसान बनाएगा
२८ मई २०१०कुछ दिन पहले आशंका व्यक्त की जा रही थी कि फेसबुक पर भेजी गई निजी जानकारी आसानी से हैकरों, इंटरनेट अपराधियों के हाथ लग सकती है क्योंकि फेसबुक की सुरक्षा सेटिंग जटिल है और अधिकतर लोग उसे अपने लिए नहीं बदलते.
वहीं फेसबुक ने हाल ही में कहा था कि वह अपने यूज़र्स की जानकारी तीसरी इंटरनेट साइटों को उपलब्ध करवाएगा ताकि फेसबुक इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या बढ़े. इस पर इंटरनेट जानकारों और यूरोपीय संघ ने कड़ी आपत्ति ली और कहा कि ये निजता का हनन है.
अब फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबैर्ग का कहना है कि कंपनी आने वाले हफ्तों में यूज़र्स को शक्तिशाली उपाय देगी जिसके जरिए वह अपनी निजी जानकारी को निजी रख सकेंगे, जैसे कि फेसबुक अब यूज़र्स को अधिकार देगी कि वह किसी तीसरी वेबसाइट या कंपनी को अपने बारे में जानकारी दे या नहीं. साथ ही दूसरे लोगों के लिए किसी व्यक्ति के फेसबुक अकाउंट के बारे में भी कम जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी.
यही नही फेसबुक ने कहा है कि वह सुरक्षा सेटिंग में विकल्प कम करेगी और उसे 50 से घटा कर 15 पर ले आएगी. इसके बावजूद दुनिया के किसी कोने में बैठा कोई पुराना दोस्त फेसबुक अपने दोस्त को ढूंढना चाहे तो उसे ज़रूरी जानकारी मिल जाएगी. फेसबुक के वर्तमान में करीब पचास करोड़ सदस्य हैं और ये नेटवर्किंग साइट लगातार मशहूर हो रही है.
फेसबुक के निवेशकों में डिजिटस स्काई टेकनॉलोजी, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प, हॉंग कॉंग के मशहूर ली का शिंग, एक्सेल पार्टनर, ग्रेलॉक पार्टनर और मेरीटेक कैपिटल पार्टनर जैसी कंपनियां हैं. जानकारों का मानना है कि सुरक्षा उपाय कड़े करने के बावजूद फेसबुक और अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स में सुरक्षा और निजता के बीच विवाद बना रहेगा.
एक महीने पहले चार अमेरिकी सीनेटरों ने आपत्ति जताई थी कि लोगों के शहर, गृहनगर, पसंद, रुचि अचानक सभी लोगों को दिखाई देने लगी जो पहले सिर्फ़ फेसबुक फ्रेन्ड्स को ही दिखाई देती थी. इन्हीं सीनेटरों में से एक ने बुधवार को फेसबुक के नए सुरक्षा उपायों पर संतोष जाहिर किया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे
संपादनः एस गौड़