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फैन ही हैं मिस्र फुटबॉल हादसे के जिम्मेदार

३ फ़रवरी २०१२

मिस्र में बुधवार की रात फुटबॉल मैच के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 73 लोग मारे गए और हजारों जख्मी हो गए. इसके लिए स्टेडियम की बनावट नहीं, बल्कि खुद फुटबॉल प्रेमी जिम्मेदार हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

पोर्ट सईद में हुए इस मैच में स्थानीय अल मसरी की टीम ने मिस्र की सबसे सफल काहिरा की अल अहली को 3-1 से हरा दिया. इसके बाद जैसे ही रेफरी ने मैच खत्म होने की सीटी बजाई, अल मसरी के प्रशंसक स्टेडियम में घुस गए और उन्होंने अल अहली के खिलाड़ियों और फैन्स की तरफ पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. अल अहली के खिलाड़ी बचाव के लिए इधर उधर भागने लगे.

देखते ही देखते भगदड़ मची और कम से कम 73 लोग मारे गए. खबर फैलने के कुछ ही मिनटों बाद इंटरनेट पर इसकी तस्वीरें आ गईं और लोग यूट्यूब पर वीडियो देखने लगे. फुटबॉल मैच के दौरान हिंसा की यह पहली घटना नहीं है. भले ही यह मिस्र के लिए सबसे बड़ा वाकया हो लेकिन करीब 30 साल पहले रूस में हुई घटना की याद अब भी ताजा है. फुटबॉल स्टेडियमों की बड़े हादसे पर नजर डालते हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

अक्तूबर 1982, रूसः यूरोपीय फुटबॉल मुकाबले यूएफा कप के लिए मॉस्को की स्पार्टक और नीदरलैंड्स की एचएफसी हार्लेम के बीच मॉस्को के लुजनिकी स्टेडियम में मुकाबले के दौरान हिंसा भड़क उठी. पूर्व सोवियत संघ के अधिकारियों ने शुरू में घटना के बारे में विस्तार से नहीं बताया. बाद में मरने वालों की संख्या 66 बताई गई. हालांकि बाद में साफ हुआ कि इस हादसे में कम से कम 340 लोग मारे गए.

तस्वीर: picture alliance/landov

मई 1985, ब्रिटेनः ब्रैडफोर्ड स्टेडियम में अचानक आग लग जाने से कम से कम 56 लोगों की मौत हो गई. इस आग में 200 से ज्यादा लोग घायल भी हुए.

मई 1985, बेल्जियमः राजधानी ब्रसेल्स के हेसेल स्टेडियम में यूरोपीय कप का फाइनल मैच खेला जा रहा था. इसी दौरान भड़की हिंसा में लगभग 39 लोग मारे गए. इनमें से ज्यादातर इटली के युवेंटस टीम के समर्थक थे. युवेंटस फाइनल मैच ब्रिटेन के लीवरपूल के खिलाफ खेल रहा था.

मार्च 1988, नेपालः काठमांडू में नेपाल के मुख्य स्टेडियम के मुख्य द्वार पर मची भगदड़ में कम से कम 90 लोग मारे गए.

अप्रैल 1989, ब्रिटेनः शेफील्ड के हिल्सबोरो स्टेडियम में इंग्लैंड के दो क्लबों लीवरपूल और नॉटिंघम फॉरेस्ट के समर्थक भिड़ गए. इसके बाद हुई हिंसा में लगभग 96 लोग मारे गए. इसे ब्रिटेन के इतिहास की सबसे दुखद खेल घटना कहते हैं.

तस्वीर: dapd

जनवरी 1991, दक्षिण अफ्रीकाः ओर्कनी शहर में दो क्लबों कैजर चीफ और ओरलैंडो पाइरेट्स के समर्थकों में भिड़त हो गई. इसके बाद दोनों पक्ष गुत्थम गुत्था हो गए और 42 लोगों की जान चली गई.

मई 1992, फ्रांसः दो स्थानीय क्लबों बास्तिया और ओलंपिया मार्साई के बीच कोर्सिया शहर में मैच से ठीक पहले स्टेडियम का एक हिस्सा ढह गया और इसमें 18 लोगों की मौत हो गई. करीब 2400 लोग घायल हो गए.

अक्तूबर 1996, ग्वातेमालाः वर्ल्ड कप क्वालीफाइंग मुकाबले के दौरान फुटबॉल प्रेमियों ने स्टेडियम में हुड़दंग मचा दिया. इसके बाद हुई भगदड़ में कम से कम 82 लोग मारे गए और 150 घायल हो गए. ग्वातेमाला सिटी में यह मैच ग्वातेमाला और कोस्टा रीका के बीच खेला जा रहा था.

अप्रैल 2001, दक्षिण अफ्रीकाः देश के एक लीग मैच के दौरान फुटबॉल फैन जोहानिसबर्ग के एलिस पार्क स्टेडियम में घुसने की कोशिश करने लगे. इस दौरान 43 लोगों की मौत हो गई.

मई 2001, घानाः राजधानी अकरा के मुख्य स्टेडियम में उत्तेजित भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और तभी भगदड़ मच गई. इस हादसे में 126 लोग मारे गए.

मार्च 2009, आइवरी कोस्टः आबिजान के एक स्टेडियम में वर्ल्ड कप क्वालीफाइंग मैच से ठीक पहले भगदड़ मच गई और इसमें 19 लोगों की जान चली गई.

रिपोर्टः एपी, रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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