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फॉर्मूला वन के घमासान में टीमें

१५ मार्च २०११

ऑस्ट्रेलिया में फॉर्मूला वन रेस की शुरुआत 27 मार्च से हो रही है. टीम दर टीम किसके प्रदर्शन की संभावना कैसी है और किन रेसर पर नजर रहेगी.

तस्वीर: AP

रेड बुल

सेबेस्टियन फेटल (जर्मनी), मार्क वेबर (ऑस्ट्रेलिया)

रेड बुल बेहद ही मजबूत टीम है जिसे हराना अन्य टीमों के लिए चुनौती है. रेड बुल अब तक 9 रेस जीत चुकी है और 15 बार पोल पोजीशन हासिल कर चुकी है. चार बार पहले और दूसरे नंबर पर उसके ही

ड्राइवर आए हैं. इस बार फॉर्मूला वन सीजन से पहले 23 साल के सेबेस्टियन फेटल को तगड़ा दावेदार माना जा रहा है. फेटल पिछले साल जीत चुके हैं और इस बार भी जीतकर यह कारनामा दोहराने वाले वह सबसे युवा खिलाड़ी बनना चाहेंगे.

तस्वीर: dapd

मैक्लैरेन

लुइस हेमिल्टन (ब्रिटेन), जेन्सन बटन (ब्रिटेन)

मैक्लैरेन की गाड़ी की खासी आलोचना हो चुकी है और टेस्ट रेस के दौरान टीम ज्यादा रफ्तार पकड़ती नहीं दिखाई दी है. बार्सिलोना में पिछले हफ्ते रेस में जेन्सन बटन को 13वां स्थान मिला.

हेमिल्टन भी कह चुके हैं कि रेस विनर होने का माद्दा इस गाड़ी में नहीं है. मैक्लैरेन पर भरोसे की भी कमी देखने को मिल रही है. लेकिन उजला पक्ष यह भी है कि मैक्लैरेन को चर्चा से हटाना एक बड़ी गलती हो सकती है क्योंकि वह धमाकेदार वापसी करने के लिए भी जानी जाती है.

तस्वीर: AP

फेरारी

फर्रान्डो अलोंजो (स्पेन), फिलिपे मासा (ब्राजील)

तेज और भरोसेमंद गाड़ी. टीम तैयारी में दिलोजान से जुटी है और पिछले सालों के मुकाबले इस बार ज्यादा से ज्यादा टेस्ट रेस में हिस्सा ले रही है. मेलबर्न में उन्हें रेड बुल का सबसे नजदीकी प्रतिद्वंद्वी समझा जा रहा है. वे रेस जीत भी सकते हैं.

अलोंजो अपना तीसरा टाइटल जीतने के लिए बेताब हैं. वैसे तो यह जीत उन्हें पिछले साल ही नसीब हो गई होती लेकिन रणनीतिक भूल से टाइटल हाथ से जाता रहा. वैसे फिलिपे मासा के भविष्य पर सवाल है, इसलिए उन्हें अपना प्रदर्शन सुधारना होगा.

मर्सीडिज

मिषाएल शूमाखर (जर्मनी), निको रोजबर्ग (जर्मनी)

फॉर्मूला वन रेस जगत में राज कर चुके शूमाखर अगर इस रेस को जीतना चाहते हैं तो उन्हें अपनी गाड़ी के अच्छे प्रदर्शन पर भी निर्भर रहना होगा. अगर वह ऐसा करने में कामयाब होते हैं तो उनकी रिकॉर्ड 91वीं जीत होगी जबकि उनके नाम 8वां टाइटल होगा. रोजबर्ग भी अच्छे रेसर के रूप में उभर रहे हैं और उनसे भी उम्मीदें हैं.

तस्वीर: picture alliance/dpa

रेनॉ

निक हाइडफेल्ड (जर्मनी), विताली पेट्रोव (रूस)

रॉबर्ट कुबिका घायल हैं और इसका असर टीम पर जरूर पड़ेगा. इटली में एक रेस के दौरान चोट लगने से उन्हें बाहर होना पड़ा. हाइडफेल्ड को उनकी जगह लाया गया है और वह भी ऊर्जावान रेसर हैं. लेकिन 172 स्टार्ट के बाद भी एक रेस जीत पाने में नाकाम रहे हैं. इसी वजह से यह उनके लिए आखिरी मौका साबित हो सकता है. पेट्रोव को अभी काफी कुछ सीखना बाकी है.

फोर्स इंडिया

एड्रियन सुटिल (जर्मनी), पॉल दी रेस्ता (ब्रिटेन)

फोर्स इंडिया मजबूत नजर आती है और मैक्लैरेन के साथ उसका तकनीकी करार भी है. सुटिल, हेमिल्टन के सबसे पुराने दोस्तों में हैं जबकि दी रेस्ता को सलाह मशविरा हेमिल्टन के पिता देते रहे हैं. लेकिन फॉर्मूला वन वन के दिग्गजों से टक्कर लेने का माद्दा उनके पास है, यह कह पाना अभी मुश्किल है.

एचआरटी

नारायण कार्तिकेयन, वितानतोनियो लियुत्जी (इटली)

कार्तिकेयन और लियुत्जी मेलबर्न बिना परीक्षण की हुई गाड़ी से पहुंचेगे. कार्तिकेयन ने आखिरी फॉर्मूला वन रेस में हिस्सा 2005 में लिया. लियुत्जी तेज हैं लेकिन गलती कर बैठते हैं.

पिछले साल के मुकाबले इस साल कार के तेज होने की संभावना जताई जा रही है. पिछले साल उनकी उम्मीदों को काफी आलोचकों ने कम आंका था लेकिन उनके कोच कोलिन कोल्स बिना थके लड़ाई करने वाले योद्धा के रूप में जाने जाते हैं. वो चौंकाने वाले नतीजे दे सकते हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: महेश झा

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