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फॉर्मूला वन में टेस्टिंग पर बवाल

२७ मई २०१३

मोनैको के हादसे भरे फॉर्मूला वन रेस के बाद टायरों को लेकर हंगामा शुरू हो गया है. कई टीमों का दावा है कि मर्सिडीज ने टायर बनाने वाली पिरेली के साथ गुप चुप टेस्टिंग की है.

तस्वीर: Getty Images

जर्मनी के निको रोसबर्ग को इस सीजन में पहली जीत मिली, जब उन्होंने दुनिया के सबसे खतरनाक समझे जाने वाले मोनैको ट्रैक पर मर्सिडीज को विजयी बनाया. लेकिन यह जीत कुछ ही घंटों में विवाद में बदल गई, जब पता चला कि मर्सिडीज ने टायर बनाने वाली कंपनी पिरेली के साथ चुपचाप स्पेन में टायरों की टेस्टिंग की.

रेड बुल और फेरारी का दावा है कि वो इस मामले में रेसिंग कराने वाली संस्था एफआईए को एक रिपोर्ट सौंपने वाले हैं, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस पर सुनवाई हो सकती है. इन टीमों का दावा है कि ऐसी टेस्टिंग गैरकानूनी है और अगर अंतरराष्ट्रीय संस्था इस बात को मान लेती है तो मर्सिडीज को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है या फिर उसे रेस से बाहर भी किया जा सकता है.

मोनैको में रोजबर्ग की जीततस्वीर: Bryn Lennon/Getty Images

रेड बुल के टीम प्रिंसिपल क्रिस्टियान होर्नर का कहना है कि उन्हें इस बारे में शनिवार को ही पता लग पाया, जब ड्राइवर संघ की बैठक हुई, "मुझे लगता है कि बार्सिलोना में मौजूदा कार और मौजूदा टायरों के साथ परीक्षण नियमों की अवहेलना है."

इस सीजन में सभी कारों को टायरों की परेशानी से जूझना पड़ रहा है. रेड बुल के तीन बार के वर्ल्ड चैंपियन सेबास्टियन फेटल सहित कई प्रमुख ड्राइवरों ने इसकी शिकायत की है. हालांकि पिरेली इस परीक्षण को गलत नहीं मानती. उसका कहना है कि 1000 किलोमीटर तक की निजी टेस्टिंग की अनुमति है.

मर्सिडीज ग्रां प्री के गैरकार्यकारी चेयरमैन निकी लाउडा का दावा है कि इस टेस्ट के लिए एफआईए से अनुमति ली गई, "यह बहुत आसान है. पिरेली ने हमसे पूछा, हमने एफआईए से पूछा कि क्या हम टेस्ट कर सकते हैं. एफआईए ने कहा कि हम ऐसा कर सकते हैं और उसके बाद हमने परीक्षण किए. हमें लगता है कि दूसरी टीमों ने भी ऐसा किया होगा."

हालांकि एफआईए ने इस बयान के कुछ घंटों बाद ही लाउडा के बयान पर सवाल उठाए. उसने बयान जारी कर कहा कि पिरेली ने उनसे पूछा था कि क्या ये टेस्ट हो सकते हैं, जिसके जवाब में कहा गया, "एफआईए ने पिरेली और मर्सिडीज को सलाह दी कि ऐसा किया जा सकता है, बशर्ते दूसरी टीमों को भी इसका मौका मिले ताकि खेल में बराबरी रखी जा सके." एफआईए का कहना है कि इसके बाद उनकी तरफ से कोई संवाद नहीं हुआ.

पिरेली के टायरों पर बवालतस्वीर: picture-alliance/dpa

पिरेली मोटरस्पोर्ट्स प्रमुख पॉल हेमबेरी का दावा है कि टेस्टिंग से मर्सिडीज को कोई बहुत ज्यादा फायदा नहीं पहुचा, क्योंकि रेसों के दौरान उनके टायर तेजी से घिसते देखे गए.

मर्सिडीज के 27 साल के निको रोसबर्ग ने मोनैको में जीत हासिल की. इस साल टीम में शामिल हुए ब्रिटेन के 28 साल के लुइस हैमिल्टन 2008 के विश्व चैंपियन रह चुके हैं. इस साल मर्सिडीज की कारें लगतार चार बार से पोल पोजीशन हासिल करती आ रही हैं. मर्सिडीज ने ये टेस्टिंग दो हफ्ते पहले किए हैं. अब इस मामले में एफआईए के पास दो हफ्तों का वक्त है, जिसके बाद कनाडा में ग्रां प्री रेस होने वाली है.

एजेए/एमजी (रॉयटर्स, एपी)

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