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फोन हैकिंग जांच से मीडिया मूल्यों पर बहस

२१ नवम्बर २०११

सोमवार को मिली डॉउलर की मां सैली डाउलर लंदन की अदालत में खड़ी होकर अपनी दास्तान सुना रही थी, तब उनकी गवाही कई सवाल खड़े कर रही थी. मीडिया पर. खबरों की होड़ पर. बड़े नामों पर. समाज पर. ब्रिटेन में फोन हैकिंग की जांच शुरू.

तस्वीर: picture alliance/dpa

ब्रिटेन के बंद हो चुके अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के रिपोर्टरों ने लोगों के फोन हैक करके क्या क्या किया, वे काम और उनके नतीजे उघड़ने लगे हैं. डाउलर परिवार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के फोन हैकिंग के सबसे पहले पीड़ितों में से है. उनकी कहानी बताती है कि अखबार ने खबरें पाने के लिए क्या क्या हदें पार कीं.

मिली डाउलर एक मिसाल

13 साल की मिली डाउलर का मार्च 2002 में अपहरण हो गया था. उसके परिवार वाले उसे फोन करते रहे और वॉइस मेल पर मैसेज छोड़ते रहे. कुछ समय बाद वॉइस मेल की मेमरी भर गई और मैसेज जाने बंद हो गए. लेकिन अखबार के रिपोर्टरों ने फोन हैक कर लिया और उसके सारे वॉइसमेल सुनकर डिलीट कर दिए. इसलिए जब मिली डाउलर को फोन किया तो वॉइस मेल पर मिली की आवाज सुनाई दी. अदालत में सैली डाउलर ने बताया, "मैंने उसी वक्त अपने पति को बताया कि उसने अपने वॉइसमेल्स सुन लिए. वह जिंदा है." लेकिन तब तक मिली का कत्ल हो चुका था. उसके कातिल लेवी बेलफील्ड को इसी साल जून में सजा सुनाई गई. साथ ही मिली की वॉइस मेल सुनने वाले न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के निजी जासूस ग्लेन मुलकेयर और अखबार के पूर्व संपादक क्लाइव गुडमैन को जनवरी 2007 में जेल हुई. उन्होंने मिली के मैसेज सुनने की बात मानी थी.

रुपर्ट मर्डोकतस्वीर: picture alliance / dpa

इस हरकत की वजह से डाउलर परिवार काफी समय तक यही मानता रहा कि उनकी बेटी जिंदा है. सैली ने बताया कि यह उनके लिए एक यातना भरा वक्त था. लेकिन उन्होंने सबसे बड़ा सवाल ब्रिटिश मीडिया पर उठाया. उन्होंने कहा, "यह जांच भविष्य में सही काम करने का मौका है. और इसके जरिए हम कुछ अच्छे मानक तैयार कर सकते हैं."

फंसने वालों में बड़े नाम

न्यूज ऑफ द वर्ल्ड ब्रिटेन का नामी अखबार था जिसे जुलाई में सामने आए फोन हैकिंग कांड के बाद बंद कर दिया गया था. मीडिया मुगल कहे जाने वाले रुपर्ट मर्डोक के इस अखबार के कारनामों ने कई बड़े बड़े लोगों को फंसाया है. मर्डोक के कई करीबी सहयोगियों के अलावा ब्रिटेन के दो बड़े पुलिस अफसर भी इस कांड की वजह से इस्तीफा दे चुके हैं. इस मामले में बड़े बड़े लोग पीड़ित हैं और बड़े बड़े लोगों के खिलाफ जांच हो रही है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए ही प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने जांच बैठाई है जो ब्रिटिश मीडिया के मानकों की जांच कर रही है. लॉर्ड जस्टिस ब्रायन लेवेजन इसकी अध्यक्षता कर रहे हैं.

सोमवार को ही जाने माने फिल्म एक्टर ह्यू ग्रांट की भी गवाही हुई. उन्होंने बताया कि किस तरह मीडिया उनके बच्चे की मां की जिंदगी को नर्क बना रहा है. चीनी एक्ट्रेस होंग तिंगलान मीडिया की ताकझांक से परेशान हैं. मीडिया के कुछ और पीड़ितों में एक्ट्रेस सिएना मिलर, हैरी पॉटर रचने वालीं लेखिका जेके रॉउलिंग और गुमशुदा बच्ची मेडेलिन मैकैन के पिता गैरी मैकेन शामिल हैं. इसी हफ्ते के दौरान इन सभी की गवाही होनी है.

रेबेका ब्रुक्स भी आरोपों मेंतस्वीर: picture alliance/empics

मीडिया के मूल्यों पर बहस

यह सिर्फ एक अखबार की कारस्तानियों की जांच नहीं नहीं बल्कि पूरे मीडिया मूल्यों को लेकर बहस है. जस्टिस लेवेजन कह चुके हैं कि जांच आयोग इस आधार पर जांच करेगा कि न्यूज ऑफ द वर्ल्ड लोगों को परेशान करने वाला एकमात्र अखबार नहीं था.

इसके अलावा पुलिस जांच भी जारी है. अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जिनमें से ज्यादातर अखबार के कर्मचारी हैं. पुलिस की चिंता यह है कि इस मामले में बड़े बड़े लोग जुड़े हैं इसलिए कुछ भी कहा या सुना गया, जांच को प्रभावित कर सकता है. 50 से ज्यादा लोगों ने कहा है कि फोन हैकिंग या रिपोर्टरों की हरकतों की वजह से उन्हें परेशानी हुई है.

रिपोर्टः रॉयटर्स/एएफपी/वी कुमार

संपादनः ओ सिंह

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