संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार समिति ने फ्रांस में चेहरे को ढंकने वाले नकाब पर लगे बैन की आलोचना की है और इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है. समिति का कहना है कि फ्रांस को इस बैन पर दोबारा विचार करना चाहिए.
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संयुक्त राष्ट्र की इस समिति का कहना है कि फ्रांस अपने यहां लगे बैन के बारे में स्पष्टीकरण से उसे संतुष्ट नहीं कर पाया. समिति ने अब फ्रांस को 180 दिन का समय दे कर यह बताने को कहा है कि उसने क्या कदम उठाया.
समिति की ओर से कहा गया है, "समिति खास तौर पर फ्रांस के इस दावे से संतुष्ट नहीं थी कि चेहरे को ढंकने वाले नकाब पर बैन जरूरी है और सुरक्षा के नजरिए से या फिर 'समाज में घुल मिल कर' रहने के उद्देश्य को देखते हुए यह उचित है."
इस समिति में 18 स्वतंत्र विशेषज्ञ हैं जिनका काम इस बात की निगरानी करना है कि नागरिक और राजनीतिक अधिकारों के अंतरराष्ट्रीय संधि पर अमल हो रहा है या नहीं. इस समिति के फैसले बाध्यकारी नहीं होते, लेकिन संधि की वैकल्पिक प्रोटोकॉल के तहत फ्रांस के ऊपर "सद्भावना में" इसे मानने की कानूनी बाध्यता है.
बुरका, हिजाब या नकाब: फर्क क्या है?
बुरका, हिजाब या नकाब. ये शब्द तो आपने कई बार सुने होंगे. लेकिन क्या आप शायला, अल अमीरा या फिर चिमार और चादर के बारे में भी जानते हैं. चलिए जानते हैं कि इन सब में क्या फर्क है.
मुस्लिम पहनावा
सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने वाले देशों में सबसे ताजा नाम ऑस्ट्रिया का है. बुर्के के अलावा मुस्लिम महिलाओं के कई और कपड़े भी अकसर चर्चा का विषय रहते हैं.
शायला
शायला एक चोकोर स्कार्फ होता है जिससे सिर और बालों को ढंका जाता है. इसके दोनों सिरे कंधों पर लटके रहते हैं. आम तौर पर इसमें गला दिखता रहता है. खाड़ी देशों में शायला बहुत लोकप्रिय है.
हिजाब
हिजाब में बाल, कान, गला और छाती को कवर किया जाता है. इसमें कंधों का कुछ हिस्सा भी ढंका होता है, लेकिन चेहरा दिखता है. हिजाब अलग अलग रंग का हो सकता है. दुनिया भर में मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं.
अल अमीरा
अल अमीरा एक डबल स्कार्फ होता है. इसके एक हिस्सा से सिर को पूरी तरह कवर किया जाता है जबकि दूसरा हिस्सा उसके बाद पहनना होता है, जो सिर से लेकर कंधों को ढंकते हुए छाती के आधे हिस्से तक आता है. अरब देशों में यह काफी लोकप्रिय है.
चिमार
यह भी हेड स्कार्फ से जुडा हुआ एक दूसरा स्कार्फ होता है जो काफी लंबा होता है. इसमें चेहरा दिखता रहता है, लेकिन सिर, कंधें, छाती और आधी बाहों तक शरीर पूरी तरह ढंका हुआ होता है.
चादर
जैसा कि नाम से ही जाहिर है चादर एक बड़ा कपड़ा होता है जिसके जरिए चेहरे को छोड़ कर शरीर के पूरे हिस्से को ढंका जा सकता है. ईरान में यह खासा लोकप्रिय है. इसमें भी सिर पर अलग से स्कार्फ पहना जाता है.
नकाब
नकाब में पूरे चेहरे को ढंका जाता है. सिर्फ आंखें ही दिखती हैं. अकसर लंबे काले गाउन के साथ नकाब पहना जाता है. नकाब पहनने वाली महिलाएं ज्यादातर उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व में दिखायी देती हैं.
बुरका
बुरके में मुस्लिम महिलाओं का पूरा शरीर ढंका होता है. आंखों के लिए बस एक जालीनुमा कपड़ा होता है. कई देशों ने सार्वजनिक जगहों पर बुरका पहनने पर प्रतिबंध लगाया है जिसका मुस्लिम समुदाय में विरोध होता रहा है.
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फ्रांस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि नकाब पर बैन का कानून पूरी तरह से वैध है. उनके मुताबिक यह पूरी तरह से जरूरी है और धार्मिक आजादी का सम्मान करता है. प्रवक्ता ने कहा कि यह बैन ऐसे किसी धार्मिक कपड़े पर रोक नहीं लगाता जिसमें चेहरा पूरी तरह ना ढंका हो.
फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि फ्रांस की संवैधानिक कोर्ट के साथ साथ यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने भी इस बैन को सही ठहराया है, जिसके दिए फैसले कानूनी रूप से बाध्यकारी होते हैं. उन्होंने कहा कि नकाब पर बैन मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं है.
दूसरी तरफ, संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार समिति फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय के बयान से सहमत नहीं है. उसका कहना है कि यह बैन धार्मिक विश्वास को प्रकट करने वाली किसी महिला के अधिकारों को नुकसान पहुंचाता है.
समिति कहती है कि नकाब बैन की वजह से ऐसी महिलाएं सिर्फ घर में कैद होकर रह सकती हैं या फिर वो हाशिए पर चली जाएंगी.
कहां कहां बैन है बुरका
दुनिया में ऐसे कई मुल्क हैं जहां बुरके या नकाब पर प्रतिबंध है. कहीं पूरी तरह तो कहीं आंशिक रूप से. जानिए...
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डेनमार्क
31 मई 2018 को डेनमार्क की सरकार ने एक नया कानून लागू किया है जिसके तहत सार्वजनिक स्थलों पर चेहरा ढंकने की मनाही होगी. स्की मास्क और नकली दाढ़ी-मूछ लगाने पर भी रोक होगी. हालांकि बीमारियों से बचने के लिए पहनने वाले मास्क और मोटरसाइकल हेलमेट को इसमें शामिल नहीं किया गया है.
फ्रांस यूरोप का पहला ऐसा मुल्क है जिसने बुरके को बैन करने का कदम उठाया. 2004 में इसकी शुरुआत हुई. पहले स्कूलों में धार्मिक चिन्हों पर रोक लगी. 2011 में सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर बुरके को पूरी तरह बैन कर दिया. ऐसा करने पर 150 यूरो का जुर्माना है. कोई अगर महिलाओं को जबरन बुरका पहनाएगा तो उस पर 30 हजार यूरो तक का जुर्माना हो सकता है.
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बेल्जियम
फ्रांस के नक्श ए कदम पर चलते हुए बेल्जियम ने भी 2011 में बुरका बैन कर दिया. बुरका पहनने पर महिलाओं को 7 दिन की जेल या 1300 यूरो तक का जुर्माना हो सकता है.
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नीदरलैंड्स
2015 में हॉलैंड ने बुरके पर बैन लगाया. लेकिन यह बैन स्कूलों, अस्पतालों और सार्जवनिक परिवहन तक ही सीमित है. सभी जगहों पर इसे लागू नहीं किया गया है.
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स्विट्जरलैंड
1 जुलाई 2016 से स्विट्जरलैंड के टेसिन इलाके में बुरके पर प्रतिबंध लागू हो गया है. इसका उल्लंघन करने पर 9200 यूरो तक का जुर्माना हो सकता है.
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इटली
इटली में राष्ट्रीय स्तर पर तो बैन नहीं है लेकिन 2010 में नोवारा शहर ने अपने यहां प्रतिबंध लगाया. हालांकि अभी बुरका पहनने पर किसी तरह की सजा नहीं है. और कुछ राज्यों में बुरकीनी पहनने पर रोक है.
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जर्मनी
जून 2017 से जर्मनी में भी बुरके और नकाब पर रोक है लेकिन ऐसा सिर्फ सरकारी नौकरियों और सेना पर लागू होता है. इसके अलावा ड्राइविंग के दौरान भी चेहरा ढंकने की अनुमति नहीं है. जर्मनी की एएफडी पार्टी लगातार बुरके पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है.
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स्पेन
स्पेन के कैटेलोनिया इलाके में कई जिलों में बुरके और नकाब पर 2013 से ही प्रतिबंध है. कई राज्यों में कोशिश हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने इसे धार्मिक आजादी का उल्लंघन मानते हुए पलट दिया. लेकिन यूरोपीय मानवाधिकार कोर्ट का फैसला है कि बुरके पर बैन मानवाधिकार उल्लंघन नहीं है. इसी आधार पर कई जिलों ने इस बैन को लागू किया हुआ है.
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तुर्की
मुस्लिम बहुल आबादी वाले तुर्की में 2013 तक सरकारी संस्थानों में बुरका या हिजाब पहनने पर रोक थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. महिलाएं अपना सर और चेहरा ढंकते हुए भी वहां जा सकती हैं. बस अदालत, सेना और पुलिस में ऐसा करने की अनुमति अब भी नहीं है.
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चाड
अफ्रीकी देश चाड में पिछले साल बुरके पर प्रतिबंध लगाया गया. जून में वहां दो आत्मघाती बम हमले हुए जिसके बाद प्रधानमंत्री ने कदम उठाए. बाजारों में बुरके की बिक्री तक पर बैन है. पहनने पर जुर्माना और जेल होगी.
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कैमरून
चाड के प्रतिबंध लगाने के एक महीने बाद ही उसके पड़ोसी कैमरून ने भी नकाब और बुरका बैन कर दिए. हालांकि यह सिर्फ पांच राज्यों में ही प्रभावी है.
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निजेर
आतंकवाद प्रभावित दीफा इलाके में बुरका प्रतिबंधित है. हालांकि सरकार इसे पूरे देश में लागू करने की इच्छुक है.
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कॉन्गो
पूरे चेहरे को ढकने पर कॉन्गो ने बैन लगा रखा है. 2015 से यह प्रतिबंध लागू है.
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दो फ्रांसीसी महिलाओं की शिकायत के बाद समिति ने इस मामले की पड़ताल की. इन महिलाओं को 2012 में इस कानून के तहत दोषी करार दिया गया था. 2010 में बने इस कानून के तहत कोई भी सार्वजनिक जगहों पर अपने चेहरे को नहीं छुपा सकता. समिति ने फ्रांस की सरकार से कहा कि वह इन महिलाओं को हर्जाना दे.
नकाब बैन का उल्लंघन करने पर 150 यूरो का जुर्माना लगाया जा सकता है फिर फ्रेंच नागरिकता की क्लास करनी होंगी. मेट्रोन्यूज मीडिया संस्थान का कहना है कि 2015 में 223 महिलाओं पर ऐसा जुर्माना लगाया गया था.
डेनमार्क में बुरके पर रोक
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कई दूसरे यूरोपीय देशों में भी इस्लामिक पहनावे पर पाबंदियां लगाई हैं. डेनमार्क की संसद ने मई 2018 में सार्वजनिक जगहों पर चेहरे को ढंकने वाला नकाब पहनने पर बैन का कानून बनाया. इससे पहले बेल्जियम, नीदरलैंड्स, बुल्गारिया और जर्मनी के बवेरिया प्रांत ने भी सार्वजनिक जगहों पर ऐसी रोक लगाई है.
फ्रांस यूरोप में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है जहां 6.7 करोड़ की आबादी में पचास लाख मुसलमान हैं. हालांकि इस धर्मनिरपेक्ष देश में धार्मिक स्थान या फिर सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक प्रतीकों को पहनने पर गहरा विवाद हो सकता है.