फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति को दूसरी बार कैद की सजा
३० सितम्बर २०२१
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोला सारकोजी को भ्रष्टाचार के मामले में अदालत ने एक साल के कैद की सजा सुनाई है. यह मामला 2012 में उनके चुनाव अभियान के लिए अवैध खर्च से जुड़ा है.
तस्वीर: picture-alliance/EPA/E. Lemaistre
विज्ञापन
दक्षिणपंथी नेता सारकोजी को भ्रष्टाचार के ही एक और मामले में छह महीने पहले भी सजा सुनाई गई थी. सजा सुनाए जाते वक्त वो कोर्ट में मौजूद नहीं थे. चुनाव प्रचार के दौरान अवैध खर्चे के मामले में यह सबसे बड़ी सजा है. अदालत ने माना है कि उन्होंने जान बूझ कर अपने प्रचार खर्च पर नजर रखने से इनकार किया. सारकोजी के वकील का कहना है कि वो अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करेंगे.
66 साल के सारकोजी जेल में नहीं रहेंगे वो घर पर रह कर ही यह सजा काट सकते हैं. इस दौरान उनके पैरों में इलेक्ट्रॉनिक बेड़ियां होंगी लेकिन यह निलंबित सजा नहीं होगी. उनके रिकॉर्ड में इसे जेल की पूरी सजा के तौर पर दर्ज किया जाएगा. सारकोजी ने दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने के लिए अपने चुनाव अभियान पर खर्च की कानूनी सीमा 2.25 करोड़ यूरो से लगभग दोगुनी रकम खर्च की. सारकोजी को राष्ट्रपति के तौर पर मिलने वाली कानूनी सुरक्षा खत्म होने के बाद उनके खिलाफ कई मामले सामने आए हैं.
इसी साल मार्च में उन्हें एक जज से पक्षपात कराने की कोशिशों के आरोप में तीन साल की सजा मिली. इसके साथ ही वो विश्वयुद्ध के बाद कैद की सजा पाने वाले फ्रांस के पहले राष्ट्रपति बन गए. सारकोजी को मिली सजा में दो साल की सजा निलंबित रहेगी. उस मामले में भी जज ने कहा कि वो उन्हें घर में रह कर सजा भुगतने की अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं. इस दौरान उनके पैरों में इलेक्ट्रॉनिक ब्रेसलेट होगा.
2007 से 2012 तक फ्रांस के राष्ट्रपति रहे सारकोजी ने समाजवादी प्रतिद्वंद्वी फ्रांसुआ ओलांद को सत्ता में आने से रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. अमेरिकी चुनाव के अंदाज में की गई विशाल रैलियों के कारण चुनाव का खर्च बहुत ऊपर चला गया. माना जाता है कि उन्होंने तकरीबन 4.28 करोड़ डॉलर की रकम चुनाव प्रचार पर खर्च की. इतना ही नहीं गलत और झूठे बिल दिखा कर कार्यक्रमों का खर्च घटाकर दिखाने की भी कोशिश की गई.
पूर्व राष्ट्रपति जाक शिराकतस्वीर: Reuters/P. Kovarik
जांच के दौरान यह तो साबित नहीं किया जा सका कि सारकोजी को इन गड़बड़झालों का पता था. हालांकि जज ने माना कि इन सब का उन्हें फायदा हुआ. मई और जून में पांच हफ्ते तक चली सुनवाई में अभियोजन ने दावा किया कि उन्होंने खर्च बढ़ने के बारे में अपने अकाउंटेंटों की चेतावनियों की अनदेखी की. सारकोजी का कहना है कि वो देश चलाने में बहुत व्यस्त थे चुनाव प्रचार के खर्च की बारीकियों पर नजर डालने के लिए उनके पास समय नहीं था.
इस मामले में उनके पूर्व कैंपेन मैनेजर और उनकी पार्टी के पू्र्व निदेशकों समेत 13 दूसरे लोगों के खिलाफ भी मुकदमा चला. इन लोगों को साढ़े तीन साल तक की सजा मिली है जिसमें से कुछ हिस्सा निलंबित रखा गया है.
सारकोजी से पहले फ्रांस में सिर्फ एक ही राष्ट्रपति को सजा मिली है. उनके पूर्ववर्ती जाक शिराक को 2011 में भ्रष्टाचार के एक मामले में दो साल की निलंबित कैद की सजा सुनाई गई थी. यह मामला उनके पेरिस के मेयर रहने के दौरान एक गलत नौकरी के विवाद से जुड़ा था.
सारकोजी ने 2016 में फिर से पार्टी की उम्मीदवारी पाने की कोशिश की थी लेकिन वो नाकाम रहे.
एनआर/एमजे (एएफपी)
इन नेताओं को खानी पड़ी जेल की हवा
चारा घोटाले मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को जेल की सजा हुई. पी. चिदंबरम आईएनएक्स मामले में तिहाड़ गए. एक नजर उन नेताओं पर जिन्हें जेल जाना पड़ा.
तस्वीर: imago/Hindustan Times
पी. चिदंबरम
कांग्रेस की सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपी हैं. उन्हें इस मामले में तिहाड़ भेजा गया.
तस्वीर: APImages
लालू यादव
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को चारा घोटाले के तीन मामले में अब तक दोषी ठहराने के साथ ही सजा सुनाई जा चुकी है. फिलहाल वे झारखंड की जेल में बंद हैं.
तस्वीर: imago/Hindustan Times
सुखराम
हाल के दशकों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम पहले राजनेता थे जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला उछला और उन्हें जेल जाना पड़ा.
तस्वीर: Getty Images /AFP/P. Singh
जे जयललिता
रंगीन टेलिविजन खरीद घोटाले में आरोपी के तौर पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जे जयललिता को गिरफ्तार किया गया.
तस्वीर: Dibyangshu Sarkar/AFP/Getty Images
एम करुणानिधि
तमिलनाडु में ओवरब्रिज घोटाले में उनके शामिल होने के आरोप में उन्हें तब गिरफ्तार किया गया जब वो विपक्ष में थे.
तस्वीर: AP
शिबू सोरेन
शिबू सोरेन को अपने सहयोगी शशिकांत झा की हत्या के सिलसिले में दोषी करार दिया गया. उनके खिलाफ नरसिम्हा राव की सरकार को बचाने के लिए घूस लेकर वोट देने का मामले में भी उन्हें कोर्ट ने दोषी करार दिया.
तस्वीर: AP
बंगारु लक्ष्मण
बीजेपी के अध्यक्ष रहे बंगारु लक्ष्मण को तहलका स्टिंग ऑपरेशन में पैसे लेते हुए दिखाने के बाद ना सिर्फ पार्टी प्रमुख का पद छोड़ना पड़ा बल्कि उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत ने चार साल के सश्रम कारावास की सजा भी सुनाई.
तस्वीर: Tehelka.com
अमर मणि त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश के नौतनवा से चार बार विधायक रहे अमर मणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के लिए दोषी करार दिया गया.
तस्वीर: Getty Images /AFP/P. Singh
मोहम्मद शहाबुद्दीन
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले मोहम्मद शहाबुद्दीन पर हत्या और जबरन वसूली के दर्जनों मामले चल रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल के नेता और सांसद रहे शहाबुद्दीन को जमानत पर रिहाई मिली थी लेकिन जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द कर दी.
तस्वीर: Imago/Hindustan Times
अमित शाह
सोहराबुद्दीन शेख और उनकी पत्नी के एनकाउंटर मामले में अमित शाह को ना सिर्फ गिरफ्तार किया गया बल्कि उन्हें गुजरात से तड़ीपार भी कर दिया गया. दो साल तक बाहर रहने के बाद उन्हें अदालत से राहत मिली.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Sarkar
ए राजा
यूपीए की सरकार में मंत्री रहे ए राजा को भी टेलिकॉम घोटाले में ही जेल जाना पड़ा था लेकिन फिलहाल उन्हें भी अदालत ने बरी कर दिया है.
तस्वीर: picture alliance/dpa
माया कोडनानी
2002 में गुजरात के दंगों के दौरान लोगों को भड़काने और उन्हें हिंसा के लिए उकसाने का दोषी करार दिया गया. गुजरात सरकार में मंत्री और पेशे से डॉक्टर रहीं कोडनानी को आखिरकार जेल जाना पड़ा.
तस्वीर: dapd
कनीमोझी
करुणानिधि की बेटी कनीमोझी को 2जी घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में अदालत ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
तस्वीर: UNI
ओमप्रकाश चौटाला
हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला को टीचर भर्ती घोटाला में दोषी करार दिया गया. जिसके कारण उन्हें जेल में रहना पड़ा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/dpaweb
सुरेश कलमाड़ी
दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों में कांग्रेस नेता सुरेश कलमाड़ी जेल गए.
तस्वीर: AP
मधु कोड़ा
मधु कोड़ा पर झारखंड के मुख्यमंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति जुटाने का केस चला. इनमें से एक मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया और तीन साल की सजा दी गई.