फ्रांस ने पहला राफाल लड़ाकू विमान भारत को सौंपा
८ अक्टूबर २०१९![Frankreich Übergabe erster Rafale Kampfjet an Indien](https://static.dw.com/image/50738359_800.webp)
मंगलवार को आखिरकार रफाल का पहला लड़ाकू विमान भारत को मिल गया. विमान बनाने वाली कंपनी दासों की दक्षिण पश्चिमी फ्रांस की मेरिन्याक फैक्ट्री में इस मौके पर एक खास समारोह भी हुआ. आज भारतीय वायु सेना दिवस भी है. विमान का फीता काटने से पहले विधिवत शस्त्र पूजन की रस्में भी की गईं. विजयादशमी के मौके पर भारत के हिंदू परिवारों में शस्त्र पूजन का विधान रहा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का इस विमान में बैठ कर उड़ान भरने का भी कार्यक्रम है. इसमें भारतीय रक्षा मंत्री के साथ ही फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली भी शामिल हुए. दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच भारतीय प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के मुद्दों पर सहयोग के लिए बातचीत भी हो रही है.
इससे पहले भारतीय रक्षा मंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों से मुलाकात भी की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दिन को ऐतिहासिक बताया है. बाकी के लड़ाकू विमान सितंबर 2022 तक भारत आएंगे. इसके लिए भारतीय वायु सेना तैयारियों में जुटी हुई है जिनमें पायलटों का प्रशिक्षण भी शामिल है.
करीब 8.78 अरब डॉलर का यह रक्षा सौदा काफी विवादों में भी घिरा रहा. यह करार 2016 में अस्तित्व में आया था. 2014 में भारत में सत्ता में आई बीजेपी सरकार के लिए यह सौदा सेना को मजबूत बनाने के प्रयासों में अहम था. वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस सौदे में तीन गुनी कीमत पर रफाल विमान खरीदे है.
कांग्रेस पार्टी का दावा है कि जब उसके नेतृ्त्व वाली यूपीए सरकार इस सौदे पर बातचीत कर रही थी तब कीमतें एक तिहाई होनी थीं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस सौदे की आड़ में मोदी सरकार पर उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगाया था. भारत सरकार इन आरोपों से इनकार करती है.
एनआर/एके (एपी)
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