फ्रांस में कुचल दी जाएंगी यहूदी-विरोधी भावनाएं
२० फ़रवरी २०१९हाल ही में जिस यहूदी कब्रगाह में तोड़फोड़ की गई थी, वहां खड़े होकर राष्ट्रपति माक्रों ने यहूदी विरोधी सोच और हरकतों को बर्दाश्त ना करने का वादा किया. राष्ट्रपति माक्रों ने कहा, "हम इसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. कानून बनाएंगे और सजा देंगे."
पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद, निकोलास सरकोजी और पेरिस की मेयर आने हिडाल्गो समेत कई नेताओं ने पेरिस में इकट्ठे हुए हजारों लोगों का साथ दिया. ओलांद ने कहा, "यहूदी-विरोध पाप है. यह लोकतंत्र पर हमले जैसा है."
पेरिस के बाहर एल्सेस इलाके के एक गांव में यहूदी कब्रगाह में करीब 80 कब्रों के पत्थरों पर तोड़फोड़ की गई थी. स्थानीय अखबार में छपी तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कब्र के पत्थरों पर उल्टे स्वास्तिक जैसा नाजी चिन्ह बनाया गया.
यहूदी विरोध हाल में घटी कोई पहली घटना नहीं है. प्रशासन के मुताबिक 2017 के मुकाबले 2018 में यहूदी-विरोधी घटनाएं 74 फीसदी बढ़ गईं. केवल 2018 में ही देश में 541 ऐसी वारदातें दर्ज की गई थीं. हाल ही में प्रसिद्ध यहूदी दार्शनिक एलेन फिंकेलक्राउत को भी नस्लभेदी अपमान का सामना करना पड़ा था. यह घटना तब घटी जब वे येलो वेस्ट प्रदर्शनकारियों के सामने पड़ गए थे.
फ्रांस में हो रहे ऐसे अपराधों की निंदा यहूदी राष्ट्र इस्राएल ने भी की है. इस्राएल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने फ्रांस और यूरोप के नेताओं का आह्वान करते हुए एंटी-सेमिटिज्म के खिलाफ एकजुट होने की मांग की है. उन्होंने कहा, "यह एक ऐसा प्लेग है जो सबको खा जाएगा, सिर्फ हमें नहीं. यह जहां भी सिर उठाए इसे कुचल देना चाहिए."
यहूदी कब्रगाह से लौटने के बाद प्लासा दे ला रिपब्लिक में आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के बजाय माक्रों पेरिस के होलोकॉस्ट मेमोरियल गए. यह विरोध प्रदर्शन अति वाम से लेकर अति दक्षिणपंथी पार्टियों ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था. इसमें धुर दक्षिणपंथी नेता मारीन ले पेन को आमंत्रित नहीं किया गया था. इस राष्ट्रीय रैली में शामिल आयोजनकर्ता पार्टियों पर भी आम लोगों ने आरोप लगाए कि वे खुद भी देश में यहूदी विरोधी भावनाएं फैलाने वाली हरकतों के प्रति आंखें मूंदे हुए हैं.
आरपी/एए (डीपीए)