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ताकतवर होता उग्र दक्षिणपंथ

२१ मार्च २०१४

फ्रांस में राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद की गिरती लोकप्रियता का फायदा उग्र दक्षिणपंथियों को मिलता नजर आ रहा है. साथ ही लोग इस सोच से भी सहमत दिख रहे हैं कि फ्रांस में तो फ्रांसीसियों को ही रहना चाहिए.

Deutschland, Dresden | Prozess gegen die Neonazi-Kameradschaft Sturm 34
तस्वीर: STAR-MEDIA/imago stock&people

फ्रांस में उग्र दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल फ्रंट की पकड़ मजबूत होती दिख रही है. पार्टी प्रमुख मारीन ले पेन का कहना है कि अगले एक दशक में देश पर उन्हीं की पार्टी का राज होगा. वहीं पिता जां मारी ले पेन ने दावा किया है कि उनकी बेटी 2017 में ही चुनाव जीत कर देश की राष्ट्रपति बन जाएंगी. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी वो कर दिखाएगी जो वह नहीं कर सके. मौजूदा राष्ट्रपति ओलांद की गिरती लोकप्रियता को देखते हुए ऐसा होता मुमकिन भी लगता है. लेकिन 2017 अभी दूर है. फिलहाल इस साल फ्रांस में सीनेट के चुनाव होने हैं. साथ ही इस और अगले रविवार होने वाले स्थानीय चुनावों के बाद मेयर का चयन होगा. नेशनल फ्रंट को उम्मीद है कि उनकी पार्टी के कम से कम एक दर्जन प्रत्याशी मेयर चुने जाएंगे.

गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि फ्रांस के करीब 540 छोटे बड़े शहरों में नेशनल फ्रंट के प्रत्याशी आगे चल रहे हैं. माना जा रहा है कि जिन इलाकों में बेरोजगारी दर बहुत ज्यादा है वहां उन्हें फायदा मिलेगा. साथ ही देश का दक्षिण पूर्वी हिस्सा उग्र दक्षिणपंथियों का गढ़ है. वहां भी नेशनल फ्रंट के उम्मीदवार आगे ही रहेंगे. मारीन ले पेन का कहना है कि उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को चुने जाने के बाद यह साबित करना होगा कि नेशनल फ्रंट केवल विपक्ष में ही खुद को साबित नहीं कर सकता, बल्कि सरकार बनाने की क्षमता भी रखता है, "हम फ्रांस के लोगों को दिखा कर रहेंगे कि हम राजनीति करना जानते हैं."

नेशनल फ्रंट की मारीन ले पेनतस्वीर: Pierre Andrieu/AFP/Getty Images

हालांकि ऐसा नहीं है कि नेशनल फ्रंट कोई नए मुद्दे उठा रहा है. अंतरिम सुरक्षा, अप्रवासन में कमी लाना, बेरोजगारी और यूरो संकट ही मुख्य मुद्दे हैं. अलग बात केवल इतनी है कि नेशनल फ्रंट खुद को मुख्य धारा की पार्टियों से अलग नागरिकों की आवाज के रूप में और लोगों की परेशानियों के एकमात्र हल के रूप में पेश कर रहा है. पार्टी प्रमुख मारीन ले पेन को राष्ट्रवादी टिप्पणियां करते भी देखा जा रहा है, "हम यहां अपने देश में हैं, हम अपनी जगह में जीना चाहते हैं, फ्रांस में फ्रांसीसी ही रहेंगे."

मारीन ले पेन पेशे से वकील हैं और 2011 से ही पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं और उन्हें सफल भी माना जा रहा है. देश में हुए एक सर्वे के मुताबिक फ्रांस के करीब एक तिहाई लोग उनकी सोच से सहमत दिखते हैं. 56 फीसदी लोगों का मानना है कि वह उनकी रोजमर्रा की दिक्कतों को समझने में सक्षम रहेंगी. ऐसा भी माना जा रहा है कि इस साल मई में होने वाले यूरोपीय संसद के चुनावों में नेशनल फ्रंट 20 फीसदी सीटों के साथ फ्रांस की सबसे ताकतवर पार्टी के रूप में उभर सकती है.

आईबी/ओएसजे (एएफपी)

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