फ्रांस में बुरकीनी बैन को तोड़ रही हैं मुस्लिम महिलाएं
२५ जून २०१९
फ्रांस में मुस्लिम महिलाएं बुरकीनी पहनने पर लगे बैन का उल्लंघन कर रही हैं. बुरकीनी एक तरह का मुस्लिम स्वीमिंग सूट है जिसमें मुंह, हाथ और पैरों को छोड़कर पूरा शरीर ढंका रहता है.
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जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है, फ्रांस में बुरकीनी पर लगे बैन को लेकर बहस भी गर्मा रही है. देश के दक्षिणपूर्वी शहर ग्रेनोबल में पिछले दिनों मुस्लिम महिलाओं ने एक स्वीमिंग पूल में बुरकीनी बैन का उल्लंघन किया. जिन महिलाओं ने ऐसा किया, उन पर 35 यूरो का जुर्माना लगाया गया है.
ज्याँ ब्रो स्वीमिंग पूल भी फ्रांस के उन स्वीमिंग पूलों में शामिल हैं जिन्होंने अपने यहां बुरकीनी पर बैन लगाया हुआ है. वहां पर हाल के दिनों में कई महिलाओं में संगठित विरोध के तहत बुरकीनी बैन का उल्लंघन किया.
पिछले महीने सिटिजन अलायंस ऑफ ग्रेनोबल नाम के संगठन ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए "ऑपरेशन बुरकीनी" ग्रुप बनाया. ये महिलाएं मांग कर रही हैं कि स्वीमिंग पूल बुरकानी बैन को हटाएं. इन पूलों में स्वीमिंग के दौरान पुरुषों को स्वीम ब्रीफ और महिलाओं को बिकनी पहननी होती है.
बुरका, हिजाब या नकाब. ये शब्द तो आपने कई बार सुने होंगे. लेकिन क्या आप शायला, अल अमीरा या फिर चिमार और चादर के बारे में भी जानते हैं. चलिए जानते हैं कि इन सब में क्या फर्क है.
मुस्लिम पहनावा
सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने वाले देशों में सबसे ताजा नाम ऑस्ट्रिया का है. बुर्के के अलावा मुस्लिम महिलाओं के कई और कपड़े भी अकसर चर्चा का विषय रहते हैं.
शायला
शायला एक चोकोर स्कार्फ होता है जिससे सिर और बालों को ढंका जाता है. इसके दोनों सिरे कंधों पर लटके रहते हैं. आम तौर पर इसमें गला दिखता रहता है. खाड़ी देशों में शायला बहुत लोकप्रिय है.
हिजाब
हिजाब में बाल, कान, गला और छाती को कवर किया जाता है. इसमें कंधों का कुछ हिस्सा भी ढंका होता है, लेकिन चेहरा दिखता है. हिजाब अलग अलग रंग का हो सकता है. दुनिया भर में मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं.
अल अमीरा
अल अमीरा एक डबल स्कार्फ होता है. इसके एक हिस्सा से सिर को पूरी तरह कवर किया जाता है जबकि दूसरा हिस्सा उसके बाद पहनना होता है, जो सिर से लेकर कंधों को ढंकते हुए छाती के आधे हिस्से तक आता है. अरब देशों में यह काफी लोकप्रिय है.
चिमार
यह भी हेड स्कार्फ से जुडा हुआ एक दूसरा स्कार्फ होता है जो काफी लंबा होता है. इसमें चेहरा दिखता रहता है, लेकिन सिर, कंधें, छाती और आधी बाहों तक शरीर पूरी तरह ढंका हुआ होता है.
चादर
जैसा कि नाम से ही जाहिर है चादर एक बड़ा कपड़ा होता है जिसके जरिए चेहरे को छोड़ कर शरीर के पूरे हिस्से को ढंका जा सकता है. ईरान में यह खासा लोकप्रिय है. इसमें भी सिर पर अलग से स्कार्फ पहना जाता है.
नकाब
नकाब में पूरे चेहरे को ढंका जाता है. सिर्फ आंखें ही दिखती हैं. अकसर लंबे काले गाउन के साथ नकाब पहना जाता है. नकाब पहनने वाली महिलाएं ज्यादातर उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व में दिखायी देती हैं.
बुरका
बुरके में मुस्लिम महिलाओं का पूरा शरीर ढंका होता है. आंखों के लिए बस एक जालीनुमा कपड़ा होता है. कई देशों ने सार्वजनिक जगहों पर बुरका पहनने पर प्रतिबंध लगाया है जिसका मुस्लिम समुदाय में विरोध होता रहा है.
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दूसरी तरफ, धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी की नेता मेरी ली पेन ने ऐसी मांग करने वाले कार्यकर्ताओं की कड़ी आलोचना की है और अधिकारियों से उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने को कहा है. उन्होंने ट्वीट किया, "समय आ गया है कि साफ और जोर से कहा जाए कि बुरकीनी के लिए फ्रांस में कोई जगह नहीं है."
ग्रेटर पेरिस इलाके की मध्य-दक्षिणपंथी प्रमुख वालेरी पेकरेस ने भी बुरकीनी पहने जाने की घटनाओं पर चिंता जताई है. उन्होंने एक रेडियो इंटरव्यू में कहा, "अगर हम बुरकीनी को स्वीकार करेंगे तो कुछ सालों में गरीब इलाकों की सभी लड़कियों अपने पूरे शरीर को ढंक कर नहा रही होंगी, भले ही वे नैतिक कारणों से ऐसा करें या फिर विरोध स्वरूप."
वहीं बुरकीनी का विरोध करने वाली दो महिलाओं का अलग ही नजरिया है. बीबीसी से बात करते हुए हसीबा और लतीफा ने कहा कि उन्हें भी बाकी लोगों जैसे अधिकार होने चाहिए. उन्होंने कहा, "हमारा एक सपना है: सार्वजनिक स्वीमिंग पूलों में बाकी नागरिकों की तरह जाकर मस्ती करें, अपने बच्चों को जहां चाहें स्वीमिंग के लिए ले जाएं क्योंकि ग्रेनोबल में बहुत गर्मी है. हमें फ्रांस में भेदभाव करने वाली नीतियों और पूर्वाग्रहों के खिलाफ लड़ना होगा. हमें तो असल में सार्वजनिक सेवाओं और शहर प्रशासन के इंफ्रास्ट्रक्चर को इस्तेमाल करने के अधिकार से वंचित रखा जा रहा है."
वहीं सिटिजन एलायंस ने फेसबुक के जरिए बताया है कि एक साल पहले 600 मुस्लिम महिलाओं के हस्ताक्षर जमा करने के बाद "ऑपरेशन बुरकीनी" शुरू किया गया था. वे ग्रेनोबल के मेयर से स्वीमिंग पूल से जुड़े नियमों को बदलने की मांग कर रहे हैं.
कहीं बाहर जाने से पहले तैयार होते वक्त आप सोचते हैं कि ऐसा क्या पहनें जो वक्त और माहौल के लिहाज से ठीक लगे. लेकिन अगर यह सोचना पड़ जाए कि ये पहनेंगे तो जुर्माना लग जाएगा, तो कपड़े सिलेक्ट करना कितना मुश्किल हो जाए.
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बुरकिनी पर बैन
फ्रांस का बुरकिनी बैन दुनियाभर में चर्चा का विषय है. अदालत ने एक शहर को मना किया है तो 30 और शहर अब भी बैन को कायम रखे हैं. इसके तहत मुस्लिम महिलाओं के नहाने के लिए बनाई गई यह खास तरह की बिकिनी प्रतिबंधित है.
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सैन्य वर्दी पर बैन
कई कैरेबियाई देशों जैसे जमैका, बारबाडोस, त्रिनिदाद और टोबैगो, सेंट लूशिया और सऊदी अरब में सेना के युद्ध वाले कपड़े पहनने पर बैन है.
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सैंडल्स में ड्राइविंग नहीं
चंडीगढ़ में चप्पल पहनकर कार चलाने पर पुलिस रोक लेती है, ऐसा तो सुना था लेकिन स्पेन में तो सैंडल्स में ड्राइव करना प्रतिबंधित है.
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गलियों में बिकिनी नहीं
अपने द्वीपों और समुद्र तटों के लिए पर्यटकों को आकर्षित करने वाले स्पेन के कुछ हिस्सों में ऐसा कानून है कि समुद्रतट के अलावा किसी और जगह पर स्विमसूट या बिकिनी नहीं पहनी जा सकती.
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फैंसी ड्रेस नहीं
ग्रीस में कुछ खास तरह की फैंसी ड्रेस पहनने पर प्रतिबंध है क्योंकि इन्हें आक्रामक माना जाता है.
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हाई हील्स नहीं
ग्रीस की कुछ ऐतिहासिक जगहों जैसे एक्रोपोलिस में हाई हील्स पहनने पर बैन है. ऐसा इसलिए है कि कहीं ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान न पहुंचे.
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आदमियों का मेकअप नहीं
सूडान में मर्दों को मेकअप करके बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. 2010 में एक फैशन शो के लिए जा रहे सात पुरुषों को गिरफ्तार कर लिया गया था. उन पर अश्लीलता का आरोप लगा और अदालत ने भी उन्हें गुनहगार माना.