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फ्रांस में मिली शेक्सपीयर की कृति

३० नवम्बर २०१४

उत्तरी फ्रांस की एक छोटी सी लाइब्रेरी में महान साहित्यकार विलियम शेक्सपीयर के नाटकों की एक कृति सैकड़ों साल छिपी रही. अब इसका पता चला और इसे दुनिया की सबसे कीमती किताबों में गिना जा रहा है.

तस्वीर: Denis Charlet/AFP/Getty Images

शेक्सपीयर की यह कृति 1623 की है. यह लाइब्रेरी उत्तर फ्रांस के सेंट ओमेर में स्थित है, जिसकी देख रेख रेमी कोर्डोनियर करते हैं. वह हाल में एक एंग्लो सैक्सन साहित्य तैयार कर रहे थे, तभी उनकी नजर इस पर पड़ी.

उनका कहना है, "हमें यह तो पता था कि शेक्सपीयर के नाटकों की यह किताब हमारे पास है लेकिन हमारे रिकॉर्ड में बताया गया था कि यह 18वीं सदी की है. जब मैंने इस को छुआ, तो मुझे अहसास हुआ यह तो उससे पुरानी हो सकती है क्योंकि इसमें कुछ त्रुटियां हैं, जैसे पन्नों के नंबर."

कोर्डोनियर ने इसके बाद एक्सपर्ट एरिक रासमुसन से संपर्क किया, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की कि यह दुनिया की सबसे कीमती किताबों में एक है. इसका प्रकाशन 1623 में हुआ था. इसकी 750 प्रतियां थीं और हर प्रति दूसरे से अलग दिखती थी. उनमें छपी गलतियों की वजह से पता चलता है कि वे कितनी कीमती हैं.

शेक्सपीयर की कृति दिखाते कोर्डोनियरतस्वीर: picture-alliance/dpa/Jean Pierre Brunet

रासमुसन ने लगभग दो दशक तक पूरी दुनिया में भ्रमण किया, ताकि इसकी दूसरी प्रतियों को जमा किया जा सके. सेंट ओमेर में जो प्रति पाई गई है, वह इस सीरीज की 233वीं किताब है. कोर्डोनियर का कहना है, "इस प्रति के बारे में एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि इसमें हेनरी 4 ड्रामे के कुछ हिस्सों में हाथ से लिखा गया है. हो सकता है कि यह लिखावट उसी वक्त की हो. उस समय कुछ महिला पात्रों को पुरुषों में बदला गया था."

हालांकि इस किताब के लिए 25-50 लाख यूरो मिल सकते हैं लेकिन लाइब्रेरी रिसर्च के लिए इसे अपने पास रखना चाहती है. इस लाइब्रेरी में गुटेनबर्ग का एक बाइबिल भी है. अगले साल गर्मियों में इस किताब को प्रदर्शनी में लगाया जाएगा.

रिपोर्टः एलिजाबेथ ग्रेनियर/अनवर जे अशरफ

संपादनः ओंकार सिंह जनौटी

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