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फ्रांस से अलग उसका मारसेय

१ जनवरी २०१३

ऊंचाई पर मौजूद सेंट चार्ल्स टर्मिनस से बाहर निकलते ही सैलानी जान जाते हैं कि मारसेय फ्रांस के दूसरे शहरों से एकदम अलग है. 2013 के लिए मारसेय को स्लोवाक के शहर कोजिचे के साथ यूरोप की सांस्कृतिक राजधानी बनाया गया है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

यूरोप की सांस्कृतिक राजधानी चुनने की परंपरा 1985 में शुरू हुई और 1999 तक राजधानी का तमगा एक ही शहर को मिलता रहा. साल 2000 से एक से ज्यादा शहरों को राजधानी बनाने की शुरुआत हुई और तब से कई बार ऐसा हो चुका है. इस साल भी दो शहरों को एक साथ यह सम्मान मिला है.

मसालों का मजा

मारसेय में घर के आगे और ड्योढ़ियों पर अफ्रीका और मध्यपूर्व से आई मूर्तियां नजर आती है. सैलानी दूर दूर से यहां कारोबार, विदेशी स्वाद और शानदार मसालों का मजा लेने पहुंचते हैं. जर्मन दार्शनिक आर्थर शॉपेनहावर ने कोई 100 साल पहले कहा था, "मैं मानता हूं कि मारसेय फ्रांस के सभी शहरों में सबसे खूबसूरत है. यह एकदम अलग है."

तस्वीर: Christian Michel

फ्रांस का यह सबसे पुराना शहर पिछले 2600 सालों से अफ्रीकी और यूरोपीय लोगों का संगम कराने वाली जगह के रूप में सम्मान पाता रहा है. यहां के 80 हजार बाशिंदों में बहुत से लोगों की जड़ें मोरक्को, इटली, चीन या सेनेगल से जुड़ी हैं. शहर के दिल में उन्हीं लोगों का बसेरा है जो दुनिया भर से यहां काम करने के लिए आए.

कैसा है आम शहरी

यहां का आम शहरी कैसा है पूछने पर सड़क से गुजरते एंटनी ने कहा, "मेरी ओर देख लीजिए." एंटनी की मां इतालवी थी जो कोरसिका से आई थीं और पिता यहूदी थे. पिता लाखों फ्रांसीसियों के उस समुदाय से आते थे जो 1950 के बाद अल्जीरिया चला गया था.

तस्वीर: Stephen Tanner and Morgan Lowndes

एंथनी यूरोपमेडिटेरानी परियोजना के लिए काम कर रहे हैं. करीब सात अरब यूरो के खर्च वाली इस परियोजाना में शहर की कायापलट की जा रही है जो 1995 में शुरू हुई. अक्टूबर में मारसेय को यूरोपीय सांस्कृतिक राजधानी बनाने का एलान होने के बाद कायापलट का काम और तेज हो गया है और बजट में 60 करोड़ यूरो और जुड़ गए हैं.

मारसेय का बदलाव

नाविकों का बसाया शहर खुद को बदलने में बड़ी तबियत से जुटा है. नया शहर 2020 तक तैयार कर लेने की योजना है. कुछ बेहद नामचीन आर्किटेक्ट इस सपने को साकार करने में जुटे हैं. एंग्लो इराकी आर्किटेक्ट जाहा हदीद का डिजायन किया कांच और कंक्रीट का 147 मीटर ऊंचा टावर अहसास दिला देता है कि क्या कुछ होने जा रहा है. इसकी साफ सुथरी डिजायन, फैशनेबल और आधुनिक है. इस इमारत में दुनिया की सबसे बड़ी जहाज कंपनी सीएमए सीजीएम का मुख्यालय है. हदीद का घुमावदार टावर आकाश की तरफ बड़े नाटकीय तरीके से ऊपर गया है और पूरी दुनिया में अनोखा है. 

कुछ ही महीने पहले शहर ने ले सिलो की शुरुआत देखी है.कभी मक्के का भंडार रहे डिपो को कंसर्ट, थिएटर और कई तरह की नुमाइश की जगह बनाया गया है. जो कोई भी मारसेय का बदलाव देखना चाहता है उसे यहां खुद आना चाहिए. किसी भी नक्शे में इसकी खूबसूरती समा नहीं सकती. आकाश छूते टावर के दाहिनी तरफ से ही कोर्सिका और उत्तरी अफ्रीका के लिए चक्कर लगाते जहाजों का डेरा है.

सिलो के पीछे कुछ ईंटों की बनी पुरानी इमारतों में कुछ गोदाम थे. उन्हें अब आलीशान शॉपिंग मॉल और दफ्तरों में बदल दिया गया है. बाईं तरफ के हिस्से में म्यूसेम नाम का म्यूजियम है जो यूरोप और भूमध्यसागरीय संस्कृति को समर्पित है. यह अगले साल खुल जाएगा. 2013 में मारसेय में बन रही कई इमारतों के सामने लगे प्लास्टिक के पर्दे खुल जाएंगे जिनके पीछे बड़ी बिंदास डिजाइनें शक्ल ले रही हैं.   

एनआर/ आईबी (डीपीए)

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