खटमलों को खोजती है ये नाक
२५ जुलाई २०१८ट्रेकिंग रकसैक की यात्रा एक काले प्लास्टिक बैग में खत्म होती है. फिर एक और बैग, और एक और बैग. लैरी हानसेन कहते हैं कि जितना सुरक्षित हो उतना ही अच्छा. फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे पर रकसैक और उसके मालिक के रास्ते एक दूसरे से जुदा हो जाते हैं. युवा यात्री कहती हैं, "घर पर समस्या होने से यही बेतहर है." समस्या सामान में बैठी है. कुछ मिलमीटर का भूरा कीड़ा साइमेक्स लेक्टुलारिउस, यानी बिस्तर का खटमल. एक बार ये घर में आ जाए, तो उससे छुटकारा पाना मुश्किल है. लैरी हानसेन को पता है कि वे बिस्तर के छोटे छोटे छेदों में घुस जाता है और यदि उससे बचने के लिए पड़ोस के कमरे में जाएं तो समस्या और बढ जाती है क्योंकि हानसेन के अनुसार खटमल अपने शिकारों को पहचानते हैं.
ऐसे में मदद सिर्फ कीड़ा मारने वाले कंट्रोलरों से मिल सकती है. इसकी नौबत न आए, ये जिम्मेदारी लैरी हानसेन, मथियास क्रेकेल, कोरा और बडी की है. वे फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे की बेड बग्स टीम के सदस्य हैं और बाहर से आने वाले खटमलों का शिकार करते हैं. कोरा और बडी प्रशिक्षित कुत्ते हैं जो सामान में सूंघ सूंघ कर खटमल का पता करते हैं. इसके लिए उन्हें कई महीनों की ट्रेनिंग दी गई है और परीक्षा भी पास करनी पड़ी है. इस साल से उन्हें यात्रियों के सामान में खटमल ढूंढने की अनुमति है. फ्रैंकफर्ट का एयरपोर्ट दुनिया का अकेला एयरपोर्ट है जो यात्रियों को ये सुविधा दे रहा है.
90 फीसदी कामयाबी
फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट चलाने वाली कंपनी फ्रापोर्ट की इस टीम में चार पुरुष, एक महिला और कई कुत्ते हैं. वे सुबह साढ़े छह बजे से रात दस बजे तक काम करते हैं. इसी समय में फ्रैंकफर्ट हवाईअड्डे पर विमान उतरते हैं. हानसेन कहते हैं कि हर तीसरी या चौथी ड्यूटी में सामान में खटमल मिल जाता है. ऐसा नहीं है कि लोगों पर सामान चेक करवाने के लिए दबाव डाला जाता हो. मन हो तो जांच करवाइए, नहीं है तो कोई बात नहीं. इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करानी होती है. पहले तीन बैग के लिए 105 यूरो की फीस लगती है और हर अगले नग के लिए 30 यूरो.
हानसेन कहते हैं कि कुत्तों द्वारा खटमलों का पता लगाने की कामयाबी की दर 90 फीसदी है. इसके लिए बक्से को खोलना पड़ता है. हानसेन के साथ मथियास क्रेकेल कहते हैं कि टीम सिर्फ उस सामान को देखती है, जिसकी ओर कुत्ता इशारा करता है. लेकिन उनका कुत्ता कपड़ों और दूसरे सामानों में अपनी नाक घुसेड़ता है, कॉस्मेटिक बैग और टूरिस्ट बुक उसके काम की नहीं, लेकिन पोशाक उसे पसंद आ गई है. वह फिर से अपनी नाक कपड़े तक ले जाता है. क्रेकेल कहते हैं, यह उसके दिखाने का तरीका है.
हर कहीं होते हैं खटमल
ऐसा नहीं है कि खटमल सिर्फ सस्ते होटलों या दूर देशों की समस्या है. हानसेन कहते हैं, "दुनिया एक गांव है, वे हर कहीं हैं." इसलिए हर कोई कहीं से भी उसे साथ ला सकता है, बस से, हवाई जहाज की सीट से, सिनेमा हॉल से, यूथ हॉस्टल से या लग्जरी होटल से. हानसेन के अनुसार खटमलों का गंदगी से कोई लेना देना नहीं, वे खून चूसते हैं, इसलिए वहीं जाते हैं जहां इंसान हैं. इसलिए कुछ होटल और एयरलाइंस कई सालों से फ्रापोर्ट की इस टीम का इस्तेमाल कर रहे हैं. हानसेन कहते हैं कि यहां कोई इसके बारे में बात नहीं करता. इसके विपरीत स्वीडन में बीमा कंपनी इसका खर्च उठाती है.
वैसे इस टीम का काम सिर्फ खटमलों का पता करना है. पता चलने के बाद उनसे निबटने का काम विशेषज्ञों का है. फ्रापोर्ट की प्रवक्ता सैंडी चैन बताती हैं, "हमारे यहां कीड़ों से लड़ने वाले दो विशेषज्ञ हैं." वे यात्रियों को खटमल मिलने पर अपना सामान उनके पास देने की सलाह देती हैं. फिर कीड़ों से निबटने का काम या तो तेज तापमान के इस्तेमाल से या कीटनाशकों के इस्तेमाल से होता है. यात्री अपना सामान एक दिन बाद ले जा सकते हैं. एशियाई देशों की तीन महीने की यात्रा के बाद लौटी छात्र खुश हैं कि उनके सामान में खटमल मिल गया है. अगर ये घर चला जाता तो और परेशानी का कारण बनता.
रिपोर्ट: सोन्या योरडान्स/एमजे