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फ्लिपकार्ट की सेल से नाराज जनता

६ अक्टूबर २०१४

ऑनलाइन कंपनी फ्लिपकार्ट ने अमेरिकी 'ब्लैक फ्राइडे' की तर्ज पर 'बिग बिलियन डे' सेल शुरू की है. यह सेल काफी चर्चा में है लेकिन लोग इससे बहुत खुश नहीं लग रहे.

Symbolbild E-Commerce Konzept
तस्वीर: Fotolia/Helder Almeida

अक्टूबर के महीने से भारत में त्यौहारों का मौसम शुरू हो जाता है. पहले नवरात्रि, फिर दशहरा, ईद, करवा चौथ, दीवाली, भाई दूज और फिर छट पूजा. कंपनियां जानती हैं कि बिक्री के लिए अक्टूबर और नवंबर का समय कितना अहम है. इसीलिए इस दौरान तरह तरह की स्कीमें ले कर आती हैं. और इन स्कीमों की तैयारियां मार्केटिंग कंपनियां साल की शुरुआत से ही करने लगती हैं.

पिछले दो साल से भारत में ऑनलाइन शॉपिंग का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है. इसी को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन कंपनी फ्लिपकार्ट ने ईद के मौके पर 'बिग बिलियन डे सेल' का एलान किया है. स्मार्टफोन, लैपटॉप, परफ्यूम, कपड़े, हर वह चीज जो ऑनलाइन खरीदी जा सकती है, फिलहाल वह इस सेल का हिस्सा है. यूट्यूब के अलावा दूसरे वेबसाइटों और अखबारों के माध्यम से विज्ञापन पर भारी खर्च किया गया है. इसका असर यह हुआ कि दोपहर होते तक फ्लिपकार्ट की वेबसाइट ही क्रैश हो गयी और कंपनी को लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा.

इसके अलावा इंटरनेट पर सक्रिय लोगों ने जब चीजों के दामों की तुलना की, तो कई मामलों में पाया कि उन्हें बेवकूफ बनाया जा रहा है. लोगों का कहना है कि वेबसाइट सामान का दाम बढ़ा कर दिखा रही है और फिर सेल कह कर जिस दाम पर बेच रही है, वह पहले से ही बाजार में उपलब्ध है. लोगों का यह भी कहना है कि विज्ञापनों में जिन चीजों का लोभ दे कर वेबसाइट तक लोगों को बुलाया जा रहा है, दरअसल वे वेबसाइट पर उपलब्ध ही नहीं हैं. सोशल मीडिया पर कई लोग इसका मजाक भी उड़ा रहे हैं.

इस बीच फ्लिपकार्ट की टक्कर में ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट स्नैपडील ने भी इसी तरह की सेल शुरू की है और वह भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गयी है.

फ्लिपकार्ट ने मार्केटिंग का जो पैंतरा अपनाया है, वह नया नहीं है. फिल्मी हस्तियां भी इस वक्त का फायदा उठाती हैं. शाहरुख खान और सलमान खान अक्सर ईद के मौके पर अपनी फिल्म रिलीज करते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि लोग इस दौरान पैसा खर्च करने को तैयार रहते हैं. इसी तरह अमेरिका में भी ब्लैक फ्राइडे का रिवाज है. साल में एक बार एक दिन के लिए हर स्टोर पर सस्ता सामान मिलता है और कुल अरबों डॉलर की बिक्री होती है.

जर्मनी में पहले गलाकाट प्रतियोगिता से बचने के लिए साल में दो बार समर सेल और विंटर सेल की प्रथा थी, लेकिन अब कानूनी बाध्यता समाप्त कर दी गई है और सुपर बाजार साल में किसी भी समय सेल लगा सकते हैं जिससे कंपनियों को मुनाफा मिल रहा है.

फ्लिपकार्ट ने भी भले ही लोगों को सस्ते दाम दे कर ललचाया हो लेकिन इतना तो तय है कि अंत में मुनाफा लोगों से ज्यादा कंपनी का ही होगा.

रिपोर्ट: ईशा भाटिया

संपादन: महेश झा

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