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बंदूक संस्कृति ने बचाई गिफर्ड्स की जान

११ जनवरी २०११

एरिजोना में अमेरिकी सांसद गैब्रिएल गिफर्ड्स की जान बचाने में अमेरिका की बंदूक संस्कृति और विदेशी जमीन पर लड़े जा रहे युद्ध मददगार साबित हुए हैं. अमेरिकी डॉक्टरों ने गिफर्ड्स की जान बचाने के लिए वही तकनीकें इस्तेमाल कीं.

तस्वीर: dapd

न्यूयॉर्क में ब्रुकलिन हॉस्पिटल सेंटर के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. एंडर्स कोहेन बताते हैं, "मैं इसे जरूरी बुराई तो नहीं कहूंगा, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि उन्होंने (युद्ध और बंदूक संस्कृति) ने हमें सिखाया है कि जब सिर में गोली लगी हो तो मरीजों का इलाज कैसे किया जाए." डॉ. कोहेन कहते हैं कि जब बड़े पैमाने पर लोगों को घायल किया जा रहा हो तो उन्हें ठीक करना भी सीखना ही होता है.

जैरेड लोगनरतस्वीर: dapd

एरिजोना के टकसन में शनिवार को हुई गोलीबारी में छह लोगों की मौत हो गई जबकि 14 लोग घायल हुए. इस मामले में 22 साल के जैरेड लोगनर को आरोपी बनाया गया है जिसने सेमी ऑटोमेटिक ग्लोक पिस्टल से एक जनसभा के दौरान 31 गोलियां दागीं. घायलों में सांसद गिफर्ड्स भी शामिल हैं जिन्हें सिर में बहुत करीब से गोली लगी.

एरिजोना के डॉक्टरों ने कहा कि उन्होंने गिफर्ड्स की खोपड़ी का एक हिस्सा ही निकाल दिया ताकि सूजन को कम किया जा सके. कोहेन बताते हैं कि सिर की जो हड्डी निकाली गई, उसे या तो फ्रीजर में स्टोर करके रखा जाएगा या फिर मरीज के पेट के निचले हिस्से की वसा में. जब सूजन कम हो जाएगी तब हड्डी को वापस उसकी जगह पर लगा दिया जाएगा. कोहेन बताते हैं कि एक रास्ता यह भी है कि सिर में एक सिंथेटिक टुकड़ा लगा दिया जाए. ऐसा इराक, अफगानिस्तान और वियतनाम के युद्धों के दौरान किया जा चुका है.

तस्वीर: AP

कोहेन युद्धों के अनुभवों के बारे में बताते हैं, "वे लोग अपनी हड्डियां खोकर युद्ध से लौटते हैं. मैं सिंथेटिक हड्डियां बनवाता हूं और खाली हुई जगह में लगा देता हूं." लेकिन इसमें एक अहम बात है कि वक्त पर खोपड़ी की हड्डी को निकाल लिया जाए. एरिजोना में गिफर्ड का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने ऐसा ही किया. उनकी यही तेजी गिफर्ड्स के लिए फायदेमंद साबित हुई.

कोहेन बताते हैं कि जब दिमाग सूजता है तो उसे फूलने के लिए जगह नहीं मिलती क्योंकि खोपड़ी उसे दबाकर रखती है. यह बहुत खतरनाक हो सकता है क्योंकि दिमाग को फूलने के लिए जगह न मिले तो वह सिकुड़ना शुरू हो जाता है और खून का दौरा बंद हो जाता है. नतीजतन मरीज की फौरन मौत हो जाती है. डॉ. कोहेन कहते हैं कि हड्डी को जल्द से जल्द निकाल लिया जाए ताकि दिमाग की सूजन को जगह मिल सके. उसके बाद उसे दवाइयों के सहारे ठीक किया जाए.

तस्वीर: dapd

इसके अलावा मरीज को कोमा में जानबूझकर भेज दिया जाता है ताकि उसे दर्द से राहत मिल सके. डॉक्टरों ने गिफर्ड के साथ यही किया. कोहेन कहते हैं कि कोमा में होने से दिमाग की सूजन से भी राहत मिलेगी. सोमवार को टकसन के यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के डॉक्टर माइकल लेमोल ने यही कहा कि गिफर्ड्स के दिमाग की सूजन बढ़नी बंद हो गई है जो कि अच्छी खबर है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः आभा एम

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