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बंद कारखाने से उबलता कोरिया

३ अप्रैल २०१३

दोनों कोरियाई देशों के मिले जुले औद्योगिक इलाके में दक्षिण कोरिया के लोगों पर अचानक पाबंदी लगा दी गई है. काएसोंग पर उठे इस विवाद के बाद अमेरिका और चीन के रक्षा प्रमुखों ने कोरियाई तनाव पर बातचीत की.

तस्वीर: Jung Yeon-Je/AFP/Getty Images

यह आशंका तेज होती जा रही है कि दोनों देशों का तनाव संघर्ष में बदल सकता है. सियोल के अधिकारियों के मुताबिक संयुक्त औद्योगिक क्षेत्र से दक्षिण कोरियाई कर्मचारियों को सिर्फ बाहर जाने की इजाजत मिल रही है. दक्षिण कोरियाई कर्मचारी चेकप्वाइंट पर इंतजार कर रहे हैं. उनके रक्षा मंत्री किम क्वान जिन ने सत्ताधारी पार्टी के सांसदों को जानकारी दी कि संयुक्त औद्योगिक क्षेत्र में फंसे हजारों कर्मचारियों को छुड़ाने के लिए आखिरी विकल्प के रूप में सैन्य कार्रवाई की जा सकती है.

हालांकि उत्तर कोरिया वापस जाने वाले कर्मचारियों को आराम से निकलने दे रहा है. उत्तर कोरिया ने पिछले हफ्ते वह हॉटलाइन सेवा बंद कर दी जिसके जरिए दक्षिण कोरिया अपने कर्मचारियों की आवाजाही के बारे में जानकारी रखता है. इससे पहले 11 मार्च को रेड क्रॉस के दफ्तरों की भी हॉटलाइन सेवा बंद कर जा चुकी है. काएसोंग का औद्योगिक क्षेत्र उत्तर कोरिया के लिए मुद्रा कमाने का सबसे बड़ा जरिया है. अनुमान है कि उत्तर कोरिया को हर साल यहां से आठ करोड़ अमेरिकी डॉलर की कमाई होती है.

तस्वीर: Jung Yeon-Je/AFP/Getty Images

अमेरिका चाहता है कि वह चीन के साथ मिल कर उत्तर कोरिया से बढ़ते खतरे को रोकने के लिए काम करे. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रेस सचिव जॉर्ज लिटिल और चीन की सरकारी मीडिया ने दोनों देशों के रक्षा प्रमुखों के बीच हुई बातचीत के बारे में जानकारी दी. लिटिल ने कहा, "(रक्षा) मंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका और हमारे दूसरे सहयोगियों पर उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से खतरा बढ़ रहा है."

उधर चीन की सरकारी मीडिया ने खबर दी कि दोनों देशों के रक्षा प्रमुख ने कुछ साझी चिंताओं पर बात की है, हालांकि उसमें उत्तर कोरिया का जिक्र हुआ या नहीं, इस बारे में कुछ नहीं कहा गया. इस बातचीत से पहले चीन के विदेश उप मंत्री झांग येसुई की बीजिंग में अमेरिका और दक्षिण कोरियाई राजदूतों से बातचीत हुई. चीन का कहना है कि वह कोरियाई प्रायद्वीप में मौजूदा हालात से बेहद चिंतित है. झांग के हवाले से सरकारी मीडिया में कहा गया है, "हम किसी भी पक्ष के भड़काऊ बयान और हरकत का विरोध करते हैं" और चाहते हैं कि इलाके में शांति और स्थिरता बनी रहे.

तस्वीर: Jung Yeon-Je/AFP/Getty Images

उत्तर कोरिया ने तीसरी बार फरवरी में परमाणु परीक्षण किया. इसके बाद से इलाके में तनाव बढ़ गया है और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी उस पर प्रतिबंधों को सख्त बनाने में जुटी हुई है. उधर उत्तर कोरिया ने कहा है कि उसने अपने ऊपर लगे प्रतिबंधों और इलाके में सैन्य अभ्यासों का विरोध करने के लिए परीक्षण किए हैं. अमेरिका ने अपने बमवर्षक विमानों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए कोरियाई प्रायद्वीप में भेजा था. इसके साथ ही अमेरिका ने दक्षिण कोरिया के साथ मार्च में संयुक्त सैन्य अभ्यास भी किया. उत्तर कोरिया का कहना है कि वह परमाणु हथियार बनाने लायक प्लूटोनियम बनाने के लिए जल्दी ही अपना परमाणु संयंत्र दोबारा शुरू कर देगा. अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बदले में 2007 में इसे बंद कर दिया गया था.

फिलहाल संयुक्त राष्ट्र के जरिए उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने में जुटे देशों के बीच सहमति नहीं दिख रही है. बुधवार को संयुक्त राष्ट्र आम सभा में जब हथियार संधि का प्रस्ताव आया, तो चीन और रूस इससे बाहर रहा. इस संधि को 3 के मुकाबले 154 मतों से मंजूरी दे दी गई. विरोध करने वाले तीन देश उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया हैं.

एनआर/एमजे (डीपीए, एएफपी)

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