89 साल के एक बुजुर्ग रोज साइकिल से जर्मन-डेनिश बॉर्डर की ओर निकल पड़ते हैं. बॉर्डर पर उनकी 85 साल की प्रेमिका रोज आती है. सीमाएं बंद होने के बावजूद दोनों रोज यूं ही मिलते हैं.
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85 साल की इंगा रासमुसेन डेनमार्क में रहती हैं और उनके प्रेमी 89 साल के कार्स्टन ट्यूखसेन जर्मनी में. लेकिन कोरोना वायरस के चलते जब से जर्मनी और डेनमार्क का बॉर्डर बंद हुआ है, तब से इंगा और कार्स्टन हर दिन सीमा पर इसी तरह मिलते हैं. इंगा रोज दोनों के लिए लंच बनाती हैं. लंच के साथ एक थर्मस में कॉफी और एक कुर्सी लेकर बॉर्डर की तरफ निकल पड़ती हैं. इंगा कार से आती हैं और कार्स्टन अपनी इलेक्ट्रिक साइकिल से.
इसके बाद बैरियर से बंद सीमा पर दोनों आराम से अपनी कुर्सी लगाते हैं और खाने पीने के साथ वे एक दूसरे की कंपनी का आनंद लेते हैं. कॉफी और स्थानीय पेय जीले कोएम के कप को उठाकर दोनों एक दूसरे की तरफ चीयर्स भी करते हैं.
जब तक बॉर्डर बंद नहीं था, तब तक दोनों पेंशनर मुलाकात के दौरान एक दूसरे को गले लगाते थे और चूमते थे. लेकिन 14 मार्च को डेनमार्क ने जर्मनी के साथ लगने वाली अपनी सीमा का ज्यादातर हिस्सा बंद कर दिया. दो दिन बाद जर्मनी ने भी सीमा बंद कर दी. तब से इंगा और कार्स्टन एवेनटॉफ्ट इलाके में यूं ही मिलते हैं. इस दौरान दोनों को बीच की दूरी बरकरार रखनी पड़ती है.
इंगा कहती हैं, "यह दुखद है लेकिन हम इसे बदल नहीं सकते." बॉर्डर बंद होने के बाद से दोनों फोन पर भी खूब बात करते हैं और मुलाकात से जुड़ी चीजें तय करते हैं.
इंगा और कार्स्टन की मुलाकात दो साल पहले एक संयोग से हुई. इंगा के पति का निधन हो चुका था और कार्स्टन की पत्नी भी दुनिया को अलविदा कह चुकी थीं. अकेले रहते दोनों बुजुर्ग एक दूसरे से बातचीत करने लगे. इसी बीच कार्स्टन ने इंगा को फूल भेंट किए. फूल कार्स्टन किसी और महिला के लिए लेकर गए थे, लेकिन संयोग उस दिन किसी और चीज का था.
दोपहर बाद कार्स्टन ने इंगा से पूछा कि क्या वह उनके साथ घूमने चलेंगी? इंगा राजी हो गईं. फिर अगले दिन कार्स्टन ने इंगा को पार्टी का न्योता दिया और मुहब्बत का सिलसिला चल पड़ा.
दोनों को याद है कि 13 मार्च 2019 के बाद से दोनों हर दिन एक दूसरे के साथ रहे. फिलहाल बॉर्डर का बैरियर दोनों को खल रहा है. इंगा और कार्स्टन को उम्मीद है कि ईस्टर तक सीमा खुल जाएगी और वे फिर एक दूसरे के साथ घूम सकेंगे.
आप स्वस्थ रह सकें इस वजह से सरकार ने देश भर में लॉकडाउन लागू किया है. लेकिन घर में पड़े रह कर आप बीमार भी हो सकते हैं. इसलिए ये टिप्स अपनाएं और अपना और अपनों का ख्याल रखें.
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पौष्टिक आहार लें
जब तक इस वायरस से निपटने के लिए टीका विकसित नहीं हो जाता तब तक हम सब पर इसका खतरा मंडरा रहा है. और टीका कब आएगा, यह कहना मुश्किल है. इसलिए जरूरी है कि शरीर के इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखिए. ताजा फल सब्जियों से भरपूर पौष्टिक आहार आपको स्वस्थ रहने में मदद देगा. सिर्फ शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी ये जरूरी हैं.
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अच्छी नींद लें
हमारे इम्यून सिस्टम को अच्छे खाने के साथ साथ अच्छी नींद की भी जरूरत होती है. जितना कम सोएंगे शरीर उतनी आसानी से बीमार हो सकेगा. अगर दिन रात कोरोना वायरस से जुड़ी खबरें देख देख कर आप तनाव में आ रहे हैं और यह तनाव आपकी नींद में बाधा डाल रहा है तो कोशिश कीजिए कि सोने से एक दो घंटे पहले ही फोन और टीवी से दूर हो जाएं.
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कसरत करें
कसरत करने से हमारे शरीर में कुछ ऐसे रसायन निकलते हैं जो हमें अच्छा महसूस कराते हैं, अच्छी नींद में मददगार होते हैं और हमें फिट रखते हैं. और कसरत करने के लिए घर से निकलना जरूरी नहीं है. घर में ही सुबह, दोपहर, शाम दस दस मिनट के लिए कसरत करें. अगर अकेले कसरत करना अच्छा नहीं लगता तो यूट्यूब पर वीडियो चला लें या कोई ऐप डाउनलोड कर लें.
ये सोशल डिस्टैन्सिंग का वक्त है. और इस वक्त में अपनों के करीब होना और भी जरूरी है. वास्तविक रूप में नहीं, डिजिटल रूप में. अपने घर वालों से हर रोज वीडियो चैट करें, अपने दोस्तों को फोन या मेसेज करें और उनका हाल चाल पूछते रहें. इसी तरह से आप अपने बच्चों के लिए भी तरह तरह की एक्टिविटी तैयार कर सकते हैं जो वे फोन या कंप्यूटर पर अपने दोस्तों के साथ करेंगे.
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व्यस्त रहिए
दिन भर घर पर रहना बहुत उबाऊ हो सकता है. खुद को इतना व्यस्त रखें कि परेशानी आपको छू भी ना सके. यह अपने अधूरे काम पूरे करने का अच्छा मौका है. कोई पुरानी हॉबी भी दोबारा शुरू कर सकते हैं. किताबें पढ़ना, खाना पकाना, सिलाई, पेंटिंग, जो भी आपको पसंद हो, सब करें. घर की सफाई का काम पूरा परिवार मिलजुल कर करे तो और आसानी होगी.
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ध्यान लगाएं
इस माहौल में पॉजिटिव रहना बहुत जरूरी है. किसी भी हाल में पैनिक बिलकुल ना करें. सुबह उठने के बाद कुछ देर के लिए आंखें बंद कर के ध्यान लगाने की कोशिश करें. लॉकडाउन के चलते सड़कों पर गाड़ियां नहीं हैं और चिड़ियों के चहचहाने की आवाज सुनाई देने लगी है जिसे शहरों में लोग भूल ही गए थे. इस मीठी आवाज के बीच ध्यान लगाना आसान होगा.
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रूटीन का पालन करें
जिन लोगों को रोज काम पर जाने की आदत है उनके लिए घर पर रहने का मतलब होता है दिन भर बिस्तर में सुस्ताना. लेकिन अब जब हर दिन ही रविवार जैसा लगने लगा है, तो ऐसा ना करें. आलस करने की जगह एक रूटीन तैयार करें. रोज उस रूटीन से ही खाएं-पिएं. ऐसे में वर्क फ्रॉम होम में भी मजा आएगा, कसरत का भी वक्त निकल आएगा और नींद भी पूरी हो सकेगी.
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फेक न्यूज से बचें
घर पर हैं तो जाहिर है फोन पर वक्त ज्यादा बिता रहे हैं. और इस बीच व्हाट्सऐप पर कोरोना को ले कर फॉर्वर्डेड मेसेज की भरमार है. इनमें से बहुत से मेसेज फेक हो सकते हैं. तो जब भी कोई आपको मेसेज फॉरवर्ड करे, उसे गूगल करें. अगर किसी विश्वसनीय स्रोत में वही जानकारी दी हो तब ही उस पर यकीन करें. और अगर खबर सही ना हो तो उसे आगे ना बढ़ाएं.