इस्लामिक स्टेट के मुखिया अबु बक्र अल बगदादी की मौत के बाद सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर उसके रिश्तेदार हैं. तुर्की का कहना है कि उसने बगदादी की बहन को गिरफ्तार कर लिया है.
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आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के मुखिया अबु बक्र अल बगदादी के मारे जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी बड़ी बहन रस्मिया अवाद को सीरिया के उत्तरी शहर अजाज से गिरफ्तार किया है. तुर्की के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 65 साल की अवाद एक कंटेनर में छिपी हुई थी. सुरक्षा एजेंसियां अवाद की गिरफ्तारी को‘‘सूचनाओं का खजाना'' बता रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि बगदादी की बहन की गिरफ्तारी से उन्हें आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट को समझने में मदद मिलेगी.
आईएस के बारे में मिलेगी जानकारी
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अधिकारी ने कहा, "इस्लामिक स्टेट के बारे में वह जो जानती है, उससे हमें इस समूह को और ज्यादा बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी. यही नहीं खूंखार आतंकियों को पकड़ने में भी हमें मदद मिलेगी.”
छापे के दौरान अवाद अपने पति, बहू और पांच बच्चे के साथ थी. अजाज शहर जिस प्रांत में पड़ता है वो तुर्की द्वारा प्रशासित है. अधिकारी ने बताया कि बालिग लोगों से गहन पूछताछ चल रही है. बगदादी की बहन के बारे में कभी खुलकर जानकारी सामने नहीं आई है. माना जाता है कि बगदादी अपने एक भाई अबु हमजा के बेहद करीब था.
खूंखार आतंकी संगठन
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बीते 27 अक्टूबर को अमेरिकी हमले में बगदादी के मारे जाने की पुष्टि की थी. बगदादी जब अमेरिकी सेना से घिर गया तो उसने खुद को धमाके से उड़ा लिया था. अल बगदादी के मारे जाने से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को बड़ा झटका लगा है. हाल के सालों में इस आतंकी संगठन ने सीरिया और इराक में कई इलाकों पर अपना कब्जा खोया है. इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अमेरिकी सेना के साथ सीरिया और इराक की सेना साझा कार्रवाई करती आ रही है.
इन देशों में आईएस अब भी बड़ा खतरा है
तथाकथित इस्लामिक स्टेट के लिए अमेरिकी सैन्य कार्रवाई में उसके मुखिया अबु बक्र अल बगदादी की मौत एक बड़ा झटका है. लेकिन अब भी कई देशों में यह गुट एक बड़ा खतरा बना हुआ है. एक नजर इन्हीं देशों पर.
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इराक
अमेरिका समर्थित फौजों से लड़ाई में हारने के बाद इस्लामिक स्टेट के लड़ाके वापस गुरिल्ला वॉर के हथकंडों पर लौट आए हैं. दियाला, सलाहुद्दीन, अंबार, किरकुक और निवेनेह जैसे प्रांतों में अब भी आईएस की ईकाइयां चल रही हैं जो लगातार अपहरणों और बम धमाकों को अंजाम दे रही हैं. विश्लेषकों का कहना है कि इराक में आईएस के लगभग दो हजार लड़ाके हिंसक गतिविधियों में लगे हुए हैं.
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सीरिया
सीरिया में अत्यधिक नुकसान झेलने के बावजूद इस्लामिक स्टेट ने पिछले साल उत्तरी इलाके में कई हमलों को अंजाम दिया है. उन्होंने अमेरिकी बलों को भी निशाना बनाया है. अमेरिका के साथ मिल कर आईएस को हराने वाले सीरियाई कुर्द बलों का कहना है कि आईएस लड़ाके पूर्वी सीरिया में फिर से पनप रहे हैं. इस्लामिक स्टेट के लड़ाके सीरिया के दूर दराज के रेगिस्तानी इलाकों में सक्रिय हैं.
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मिस्र
पिछले एक साल में मिस्र में कोई बड़ा हमला नहीं हुआ है, लेकिन छिटपुट घटनाएं होती रही हैं. सेना का कहना है कि सिनाई प्रांत में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ फरवरी 2018 में शुरू हुए अभियान में सैकड़ों चरमपंथी मारे गए हैं. 2015 में शर्म अल शेख से उड़ान भरने वाले एक रूसी विमान को गिरा दिया गया था. इसमें सवार सभी 224 लोग मारे गए थे. इसकी जिम्मेदारी आईएस ने ली थी.
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सऊदी अरब
इस्लामिक स्टेट ने सऊदी अरब में कई धमाकों को अंजाम दिया है और सुरक्षा बलों के साथ साथ अल्पसंख्यक शियाओं को भी निशाना बनाया है. आईएस के खिलाफ अभियान में जब सऊदी अरब शामिल हुआ तो बगदादी ने उसके खिलाफ हमले करने का आह्वान किया था. अमेरिकी थिंकटैंक सेंटर फॉर ग्लोबल पॉलिसी का कहना है कि सऊदी अरब में आईएस सक्रिय है लेकिन सऊदी अधिकारियों को इस बारे में अच्छी खासी जानकारी है.
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यमन
आईएस ने 2014 के अंत में अपनी यमन शाखा की घोषणा की. वहां हूथी बागियों और सऊदी अरब समर्थित अब्द रब्बु मंसूर हादी की सरकार के बीच गृह युद्ध चल रहा है. यमन में आईएस को अल कायदा से भी लड़ना पड़ रहा है और दोनों गुट शिया हूथी बागियों से भी लड़ रहे हैं. यमन में आईएस ने कई हमलों और हत्याओं की जिम्मेदारी ली है, लेकिन कोई इलाका उसके कब्जे में नहीं है. जानकार कहते हैं कि यहां अल कायदा ज्यादा बड़ा खतरा है.
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नाइजीरिया
उतरी नाइजीरिया में 2009 से बोको हराम ने कई बड़े हमले किए हैं. उसने 30 हजार से ज्यादा लोगों को कत्ल किया है जबकि बीस लाख लोगों को बेघर किया है. 2016 में यह गुट दो हिस्सों में बंट गया है जिसका एक धड़ा खुद को आईएस के प्रति वफादार बताता है. इस्लामिक स्टेट के वेस्ट अफ्रीकी प्रोविंस गुट ने पिछले साल कई सैन्य अड्डों को निशाना बनाया. इस गुट का दबदबा बढ़ रहा है.
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अफगानिस्तान
इस्लामिक स्टेट ने अफगानिस्तान में खुद को इस्लामिक स्टेट इन खोरासान का नाम दिया और वह 2015 से सक्रिय है. नंगरहार प्रांत में उसे अब भी काफी मजबूत माना जाता है. इस गुट का नेतृत्व खुद को अल बगदादी का वफादार बता चुका है. अमेरिकी कमांडर कहते हैं कि अफगानिस्तान में तालिबान से भी लोहा लेने वाले आईएस के लगभग दो हजार लड़ाके हो सकते हैं.
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श्रीलंका
इस्लामिक स्टेट का कहना है कि अप्रैल में श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर चर्च और अस्पतालों में हुए बम धमाकों में उसका हाथ था. श्रीलंका के अधिकारी धमाकों के लिए आईएस से जुड़े दो स्थानीय मुस्लिम चरमपंथी गुटों को जिम्मेदार मानते हैं. धमाकों के बाद आईएस ने एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें आठ लोगों को आईएस के प्रति वफादारी जताते हुए दिखाया गया था.
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इंडोनेशिया
दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश में हजारों लोग इस्लामिक स्टेट की विचारधारा से प्रेरित बताए जाते हैं. माना जाता है कि लगभग 500 इंडोनेशियाई आईएस के लिए लड़ने के मकसद से सीरिया गए थे. पिछले साल सुराबाया में हुए आत्मघाती हमलों में तीस लोग मारे गए थे. इस हमले के पीछे जमाह अंशारुत दौला संगठन का हाथ बताया जाता है जो इंडोनेशिया में इस्लामिक स्टेट से हमदर्दी रखने वाले लोगों का एक संगठन है.
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फिलीपींस
फिलीपींस को डर है कि सीरिया और इराक से भाग रहे आईएस चरमपंथी उसके मिंदानाओ प्रांत के दूर दराज के जंगलों और मुस्लिम गांवों में शरण ले सकते हैं. यह इलाका अराजकता, अव्यवस्था, अलगाववाद और इस्लामी विद्रोह के लिए बदनाम रहा है. इस्लामिक स्टेट वहां होने वाले हमलों और सरकारी बलों के साथ हुई झड़पों की जिम्मेदारी भी लेता रहा है, हालांकि ये दावे कितने सही हैं, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.
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इस्लामिक स्टेट का मकसद इराक, सीरिया और उससे बाहर भी एक इस्लामिक राज्य यानी खिलाफत का निर्माण करना है. अधिकारियों का दावा है कि अवाद की गिरफ्तारी से अन्य देशों में इस्लामिक स्टेट के नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाने में आसानी होगी. हालांकि बगदादी के मारे के बाद इस्लामिक स्टेट के प्रवक्ता ने ऑडियो संदेश जारी कर अबु इब्राहिम अल-हाशिमी अल कुरैशी को बगदादी की जगह पर इस्लामिक स्टेट का नया मुखिया बनाने का ऐलान किया था.