बच्चा बच्चा जानता है मेरी कोम को
२५ सितम्बर २०१२2012 के लंदन ओलंपिक से भारतीय खिलाड़ी दो रजत और चार कांस्य के साथ लौटे हैं. मैरी कॉम के लिए यह पदक जीवन में बड़े बदलाव लेकर आया है.
"मैंने पांच विश्व चैंपियनशिप जीती लेकिन मुझे बहुत कम लोग जानते थे मेरे अपने शहर इम्फाल में भी लोग मुझे नहीं पहचानते थे. लेकिन अब 11 साल बाद बच्चे बच्चे मेरी कॉम का नाम जानते हैं."
मैरी बताती हैं, "मेरे जीवन में मेडल के बाद से बहुत बदलाव आए. मैं बहुत व्यस्त रही लेकिन मैं इसका मजा ले रही हूं. उन्होंने कहा कि पूरे भारत से उन्हें समर्थन मिला है. घुसपैठ से परेशान राज्य मणिपुर की मेरी के जीवन के बारे में भारतीय फिल्म उद्योग ने भी फिल्म बनाने की ठानी है. मेरी कोम मानती हैं कि इस हड़बड़ी के बीच खेल कहीं पीछे रह गया है. मैं एक्सरसाइज तो कर रही हूं लेकिन मैं पूरा वर्क आउट नहीं कर पा रही हूं. जनवरी में नए साल की पार्टी के बाद पूरी ट्रेनिंग करने से मुश्किल नहीं होगी."
शौकिया बॉक्सरों के संगठन एआईबीए की मांग है कि रियो 2016 में महिलाओं के लिए और मुकाबले रखे जाएं. वहीं मेरी कॉम अगले ओलंपिक में सोने की उम्मीद कर रही हैं. "मैं सुन रही हूं कि एआईबीए तीन और मुकाबले रियो में शुरू करना चाहता है. अगर उसमें 48 किलोग्राम का वर्ग होगा तो मुझे सोना जीतने का पक्का भरोसा है. और अगर 48 वाला वर्ग नहीं भी हुआ हो तो मैं 51 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक लाऊंगी."
मेरी कोम अभी तक 46 और 48 किलोग्राम वर्ग में खेलती रही हैं लेकिन ओलंपिक में उन्हें 51 किलोग्राम वर्ग में खेलना पड़ा. "मेरा सामान्य वर्ग 48 किलो का है. इसलिए मुझे 51 किलोग्राम में जाने के लिए बहुत खाना पड़ा. लेकिन इससे मेरी मांसपेशियां या ताकत तो नहीं बढ़ती. यह थोड़ा अलग है अगर वर्ग 48 किलोग्राम वाला हो तो यह मेरे लिए एकदम फिट है."
मेरी कॉम को सोमवार के दिन भारत की सुपर फाइट लीग का एम्बेसेडर बनाया गया है. इस साल मिक्स मार्शल आर्ट्स वाली लीग बॉलीवुड कलाकार संजय दत्त और उद्योगपति राज कुंद्रा ने शुरू की है.
एएम/एनआर (रॉयटर्स)