बाजार में बच्चों के लिए मिलने वाले खानों में नमक और चीनी की मात्रा चिंताजनक स्तर तक ज्यादा है. एक रिपोर्ट के अनुसार इन खानों से बच्चों को ऐसी आदतें लग रही है जो भविष्य में मोटापे और दूसरी बीमारियों को बढ़ावा देती है.
विज्ञापन
दस बच्चों में से सात के खाने में नमक की मात्रा ज्यादा थी. अमेरिका के रोग नियंत्रण केंद्र के रिसर्चरों द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि शिशुओं और बच्चों के लिए उपलब्ध पेस्ट्री या स्नैक्स में अतिरिक्त चीनी थी. बच्चों के माता पिता को खाने के पैकेटों पर छपी जानकारियां सावधानी से पढ़ने और स्वस्थ आहार खरीदने की सलाह दी गई है.
शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी के लिए शिशुओं और बच्चों के लिए बिकने वाली करीब 1000 खाद्य सामग्रियों के लेबल पढ़े और वहां उपलब्ध जानकारी का विश्लेषण किया. इस स्टडी में कहा गया है कि अमेरिका में 2 से 5 साल की उम्र के 25 फीसदी बच्चे मोटापे का शिकार हैं. इसके अलावा 1 से 3 साल के बच्चे हर दिन नमक के प्रस्तावित स्तर से ज्यादा लेते हैं, जो कि 1500 मिलीग्राम है. स्टडी के नतीजे इस हफ्ते पेड्रियाटिक्स पत्रिका में छपे हैं.
इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन का सुझाव है कि बच्चों के दी जाने वाली एक खुराक में 210 मिलीग्राम से ज्यादा नमक नहीं होना चाहिए, जबकि अध्ययन में यह औसत 361 मिलीग्राम पाया गया. इसी तरह हर खुराक में अधिकतम एक तिहाई कैलोरी चीनी से आनी चाहिए, लेकिन बच्चों के खाने में इसे 47 फीसदी पाया गया और फ्रूट स्नैक में 66 फीसदी.
सात चीजें जो जलाएंगी चर्बी
डाइटिंग करना कोई मजेदार काम नहीं, यह एक बोरिंग काम है. शरीर से चर्बी हटानी हो या फिर कुछ किलो वजन कम करना हो, ऐसी सात चीजें हैं जिनके इस्तेमाल से मेटाबॉलिज्म बढ़ सकता है और ज्यादा चर्बी जलाई जा सकती है.
तस्वीर: Fotolia/Sebastian Duda
दालचीनी
यह मसाला आपके ब्लड शुगर को कोशिकाओं में पहुंचाने में मदद करता है जिसका इस्तेमाल ऊर्जा के तौर पर होता है. तो इस वजह से कम से कम चीनी शरीर में बचेगी. चीनी की मात्रा शरीर में एक बार कम हो जाती है तो वजन कम करना आसान होता है. हर रोज खाने में एक चौथाई से लेकर एक छोटी चम्मच तक दालचीनी इस्तेमाल करनी चाहिए. दालचीनी में पाया जाने वाला सिनेमोनलडिहाइड शरीर में खून की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है
तस्वीर: valery121283/Fotolia.com
ग्रीन टी
चर्बी जलाने के लिए ग्रीन टी पी जा सकती है. ग्रीन टी में कैटेचिन्स होता है जो पेट की चर्बी को जलाने में मदद करता है. हर रोज तीन बार 8 आउंस ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए. ग्रीन टीम में कैफीन भी होता है जो हृदय गति को बढ़ाने में मदद करता है और यह आपके शरीर को तेजी से कैलोरी जलाने में प्रोत्साहित करता है.
तस्वीर: Fotolia/gaai
दही
वैसे दही के फायदे तो बहुत है लेकिन इसका सेवन चर्बी जलाने के लिए भी किया जा सकता है. लो फैट और रेगुलर दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो बैक्टिरिया के अच्छे प्रकार हैं और यह बैक्टिरिया शरीर में बची हुई चर्बी को भगाने में मदद कर सकते हैं. दिन में एक बार दही खाना अच्छा विकल्प हो सकता है.
तस्वीर: Fotolia/Patryssia
कॉफी
कॉफी में कैफीन होता है जो चयापचय को बढ़ावा देता है और पूरे दिन को संभालने के लिए इससे ऊर्जा मिलती है. चर्बी को खत्म करने में कैफीन मदद करता है. सुबह एक और शाम एक कप कॉफी की योजना बेहतर हो सकती है.
तस्वीर: Fotolia/determined
मिर्च
मिर्च में मौजूद कैप्सीकिन तत्व मिर्च को तीखापन देता है. वही मेटाबॉलिक रेट को भी बढ़ाता है. मिर्च वजन को संतुलित रखने में मदद करती है. जब कैप्सीकन को पचाया जाता है तो शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिसके बाद चयापचय में तेजी आती है. इससे आप ज्यादा कैलोरी को जला सकते हैं.
तस्वीर: Getty Images
चिकन और फिश
मछली, मुर्गी और टोफू से हमें अधिक प्रोटीन मिलता है. अगर आप मेटाबॉलिक दर बढ़ाना चाहते हैं यानी वजन कम समय में घटाना चाहते हैं तो हाई प्रोटीन डाइट लें. प्रोटीन को पचाने में शरीर को सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और प्रोटीन लेने का मतलब है कि चयापचय को ज्यादा मेहनत करनी होगी और जिससे अधिक कैलोरी जलेंगी और आप मोटापा कम कर पाएंगे. कार्बोहाइड्रेट और अधिक फैट वाली चीजों से बचना चाहिए.
तस्वीर: st-fotograf/Fotolia
अंडे का सफेद भाग
वजन घटाने की सोच रहे हैं तो अंडे का सफेद भाग भी आपकी इसमें मदद कर सकता है. अंडे के सफेद भाग में कोलेस्ट्रॉल कम पाया जाता है. सफेद भाग प्रोटीन से भरपूर होता है और यह फैट जलाने में मदद करता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
7 तस्वीरें1 | 7
आवश्यकता से ज्यादा नमक और चीनी का इस्तेमाल बचपन में भी मोटापे और रक्तचाप बढ़ाने में योगदान देता है. सर्वे की मुख्य लेखिका और रोग नियंत्रण केंद्र की रिसर्चर मेरी कॉग्लवेल ने कहा, "हमें यह भी पता है कि 9 में से एक बच्चे का रक्तचाप उसकी उम्र के हिसाब से अधिक है और नमक बढ़े हुए रक्तचाप का कारण है."
इस स्टडी के लिए रिसर्चरों ने 2012 में बाजार में उपलब्ध खानों के डाटा का विश्लेषण किया है. उन्होंने उत्पादों के नाम नहीं बताए हैं, जिन खाद्य पदार्थों का अध्ययन किया गया उनमें बेबी फूड और बच्चों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मिनी हॉट डॉग, राइस केक, क्रैकर्स, ड्राय फ्रूट और योगर्ट के लोकप्रिय ब्रांड भी शामिल थे.
अपने सामानों की बिक्री पर इस स्टडी के असर से घबराई कंपनियों के संघ ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह स्टडी बाजार में उपलब्ध स्वस्थ विकल्पों को प्रतिबिंबित नहीं करता क्योंकि यह 2012 के डाटा पर आधारित है. ग्रोसरी मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ अमेरिका नामके संगठन का कहना है कि स्टडी में कम नमक वाले नए उत्पादों को शामिल नहीं किया गया है. इसके विपरीत रिसर्चरों का कहना है कि बच्चों के लिए बाजार में मिलने वाले खाने पर उनकी स्टडी सबसे ताजा और व्यापक है. कॉग्लवेल ने स्वीकार किया है कि इस बीच कुछ सुधार हुए हैं.