भूरी मादा भालुओं ने शिकारियों की गोली से खुद को बचाने का नया तरीका ढूंढ लिया है. वो नन्हें भालुओं को ज्यादा समय तक अपनी गोद में रखती हैं. ये सब इसलिए क्योंकि बच्चे के साथ मादाओं के शिकार पर पाबंदी है.
विज्ञापन
अंतरराष्ट्रीय रिसर्चरों की टीम ने 22 साल तक स्कैंडिनेवियाई भूरे भालुओं की प्रजनन रणनीति और अस्तित्व की पड़ताल करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की जिसे नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल ने छापा है. नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ लाइफ साइंसेज के प्रोफेसर जॉन स्वेनसन का कहना है, "भालुओं के जीवन में इंसान अब एक विकासपरक शक्ति है."
स्वीडन में स्कैंडिनेवियाई भालुओं का बड़े पैमाने पर शिकार होता है और कोई भी बगैर लाइसेंस के ही इनका शिकार कर सकता है, हालांकि पारिवारिक समूह में रह रहे भालुओं को कानूनी सुरक्षा दी गई है. प्रोफेसर स्वेनसन कहते हैं, "एक अकेली मादा को बच्चों के साथ रहने वाली मादा की तुलना में गोली मार जाने की संभावना चार गुना ज्यादा होती है."
रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने देखा कि मादा भालू मातृत्व को अपने जिंदा रखने के तरीके के रूप में इस्तेमाल करना सीख रही हैं. ऐसी स्थिति में मां अपने बच्चों की देखभाल का समय 18 महीने से बढ़ा कर ढाई साल तक कर दे रही हैं. प्रोफेसर स्वेन्सन ने बताया, "आमतौर पर साथ रहने की उम्र रिसर्च 18 महीने तक ही होती है." बीते दो दशकों में यह बदल गया है. बच्चे अपनी मांओं के पास एक साल और रह रहे हैं. इसके जरिए मां और बच्चे दोनों की जिंदा रहने के आसार बढ़ जाते हैं. 2005 से 2015 के बीच बच्चों को अपने साथ एक साल ज्यादा रखने वाली मांओं की तादाद सात फीसदी से बढ़ कर 36 फीसदी हो गई है.
खतरे में भालू
दुनिया में भालुओं की बस 8 प्रजातियां हैं जिनमें से 6 लुप्त होने की कगार पर हैं. पोलर बीयर से लेकर पांडा तक, डीडब्ल्यू ने भालूओं के कुनबे पर नजर डाली है जो कई बातों में इंसान के बड़े करीबी हैं. आप देख कर हैरान रह जाएंगे.
तस्वीर: imago/Mint Images
भालू
यह सीधे खड़े हो कर हाथ भांजते चल सकते हैं जो आमतौर पर दूसरे स्तनपायी के लिए दुर्लभ है और यह इंसानों की तरह ही सर्वाहारी हैं. वैज्ञानिक मानते हैं कि करीब 10 करोड़ साल पहले चूहे जैसे एक जीव से आधुनिक मानव और भालू दोनों का विकास हुआ था तो वो हमारे रिश्तेदार भी हैं. काला भालू अमेरिका में रहता है और यह पेड़ पर चढ़ने में माहिर है. यह कई बार प्लैटिनम या फिर दालचीनी जैसे रंग का भी होता है.
तस्वीर: picture alliance/Bildagentur-online
भूरा भालू
भूरे भालू सबसे आम भालू हैं जो यूरेशिया से उत्तरी अमेरिका तक पूरी दुनिया में फैले हैं. यह भालू थोड़ा अकेले में रहना पसंद करता है लेकिन कई बार मछली पकड़ने के लिए समूह में भी निकलता है. शीतनिद्रा में जाने से पहले भूरे भालू अपने गले तक खाना भर लेते हैं ताकि सर्दियों की तैयारी कर सकें.
तस्वीर: picture-alliance/OKAPIA KG/E. Kuchling
जल्दी जागने लगे
भूरे भालुओं के शिकार की वजह से वे अपने मूल आवास में लुप्त होने की कगार पर हैं लेकिन यूरोप के कुछ अलग थलग हिस्सों में वे अब भी मौजूद हैं. तस्वीर में दिख रही मादा अपने बच्चे को देख रही है जो फिनलैंड की मोटी बर्फ से जूझ रहा है. भालू गर्मियों में खूब खाना खा कर शरीर में वसा जमा कर लेते हैं जो सर्दियों में शीत निद्रा के दौरान उनके काम आती है. सम का बदलाव उनकी शीतनिद्रा पर भी असर दिखा रहा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
इंसानों जैसे पंजे
खड़े हो कर चलने के अलावा भूरे भालू अपने चारों पैरों पर बड़ी तेजी से भाग सकते हैं करीब 64 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से. इस गति के कारण वे भोजने के लिए जानवरों का आसानी से शिकार कर सकते हैं. भालुओं के पंजे इंसानों के हाथ से बहुत मिलते जुलते हैं इसके अलावा उनकी अस्थियां और पैरों के निशान भी आपस में मिलते हैं. फोटो में, जर्मनी में एक भूरे भालू के दांत का ऑपरेशन हो रहा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Hirschberger
एंडियन बीयर
दक्षिण अमेरिका के पास अपना भालू है जिसे एंडियन भालू कहते हैं. नाम के मुताबिक ही इस भालू की आंख के आसपास हल्के रंग के बाल होते हैं. आईयूसीएन इस जीव को "असुरक्षित" मानता है. इस भालू का मूल आवास एंडीज के ढलानों पर बसे जंगल थे जो अब खत्म हो गए हैं.
तस्वीर: Rob Williams / ZGF
सूरज
सन बीयर या मलय सन बीयर की छाती पर यह खास सुनाहरी आकृति होती है, कई संस्कृतियों में इस आकृति को उगता सूरज माना जाता है. वास्तव में सन बीयर सुदूर पूर्व के देशों में रहते है और दक्षिण एशिया के उष्णकटिबंधीय वनों को अपना आवास बनाते हैं. आईयूसीएन सन बीयर को असुरक्षित बताता है. आवासों के खत्म होने के कारण यह दुर्लभ भालू लुप्त हो रहा है.
तस्वीर: picture-alliance/Wildlife/D.J. Cox
चांद
मून बीयर को एशियाटिक ब्लैक बीयर भी कहा जाता है और जाहिर है कि यह भी शिकार की वजह से खतरे में पड़ गए हैं. भालू के गॉल ब्लॉडर से मिलने वाले पित्त की भारी मांग के कारण बड़े पैमाने पर इन्हें पकड़ा, बेचा, कैद और मारा जा रहा है. ऐसी धारणा है कि भालू के पित्त से इंसान की सेहत में सुधार होता है, हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं लेकिन भालू मारे जा रहे हैं.
तस्वीर: DW/A. Wick
स्लॉथ बीयर
स्लॉथ बीयर भी "असुरक्षित" हैं. भारतीय प्रायद्वीप के निचले इलाकों के वनों से यह पहले ही गायब हो चुके हैं. स्लॉथ बीयर कीड़ों पर जिंदा रहते हैं और उनकी रोएंदार खाल थोड़ी अलग होती है. शिकारी इनकी भी ताक में रहते हैं और बहुत से लोग इन्हें पालतू बनाना चाहते हैं. ऊपर दिख रहा बुड्डु एक स्लॉथ बीयर है जिसे भारत के परिवार ने बकरियों के एक झुंड में भटकते देख पाल लिया. बाद में अधिकारियों ने उसे आजाद कराया.
तस्वीर: dapd
पांडा
पांडा कितने प्यारे होते हैं, यह हम सब जानते हैं खासतौर से पांडा बच्चे तो बहुत ही लुभावने होते हैं. बड़े पांडा को लुप्तप्राय से अब असुरक्षित जीवों की श्रेणी में डाला गाय है और यह सब चीन सरकार की इस जीव को बचाने की कोशिशों के कारण मुमकिन हुआ है. चीन की सरकार ने इनके लिए खास ब्रीडिंग कार्यक्रम चलाया है और उन्हें 2017 में 42 पांडा पैदा करने में कामयाबी मिली जो एक रिकॉर्ड है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Zhang
प्यारे भालू
दूसरे भालुओं की तुलना में पांडा के आवास को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. बुनियादी ढांचे के निर्माण की परियोजनाओं के लिए ठंडे इलाकों से बांस के जंगल गायब हो रहे हैं. पश्चिम चीन के पहाड़ों में पांडा के लिए आवास बचा है. बांस में पोषण कम होता है इसलिए इन्हें हर दिन करीब 38 किलो बांस की जरूरत होती है. बड़े पांडा तो ज्यादातर चलते वक्त भी खाते रहते हैं.
तस्वीर: B. Li
पोलर बीयर
भालुओं की प्रजाति का यह एक और आइकन है. तकनीकी रूप से इसे जलीय स्तनपायी कहा जाता है और यह मांसाहारी होते हैं. सील और दूसरे समुद्री जीवों के शिकार के लिए पोलर बीयर समुद्री बर्फ पर निर्भर हैं जो लगातार घटती जा रही है. आर्कटिक की बर्फ ग्लोबल वार्मिंग के कारण पिघल रही है. पोलर बीयर का संकट इस वक्त वास्तव में धरती का संकट है.
तस्वीर: Imago/D. Delimont
11 तस्वीरें1 | 11
स्वेनसन बताते हैं कि हालांकि शिकार ने दूसरे जीवों पर भी असर डाला है लेकिन उतना ज्यादा नहीं जितना भालुओं पर. भालुओं में बच्चों की देखभाल का समय बढ़ने के कारण उनका जीवन चक्र धीमा हो गया है. उनके प्रजनन की संभवनाएं घट गई हैं क्योंकि मादा जब तक अपने बच्चों को खुद से दूर नहीं कर देती वह प्रजनन नहीं कर सकती. हालांकि भले ही कम समय की मातृत्व देखभाल प्रजनन के मौके बढ़ा देती है लेकिन इसकी क्षतिपूर्ति मां और बच्चों के जिंदा रहने की संभावना बढ़ने से हो जाती है. स्वेनसन ने बताया, "यह खासतौर से उन इलाकों के लिए सच है जहां शिकार ज्यादा होता है. वहां मादा बच्चों को एक साल ज्यादा अपने साथ रख कर बहुत फायदे में रहती हैं."
स्वीडन में शिकार का मौसम अगस्त के आखिर में शुरू हो कर मध्य अक्टूबर तक जाता है. 2010 से 2014 के बीच शिकारियों ने हर साल 300 से ज्यादा भालू मार दिए. 1930 में स्वीडन में केवल 130 भूरे भालू ही बच गए थे लेकिन उसके बाद सुरक्षात्मक उपाय लागू किए गए. नतीजा यह हुआ कि भालुओं की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ी और 2013 में इनकी संख्या 2800 तक पहुंच गई.